धन... पैसा... मनी... यह ऐसे शब्द हैं जिनके आगे पीछे दुनिया भाग रही है। अमीर और अमीर बनना चाहते हैं जबकि गरीब थोड़ा पैसा कमाने के लिए ही दिनरात मेहनत करते हैं फिर भी भाग्य साथ नहीं देता। कोई गरीब क्यों होता है और किसी अमीर के पास कितना पैसा होगा? यह ज्योतिष शास्त्र से जाना जा सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म पत्रिका का दूसरा भाव धन या पैसों से संबंधित होता है। इसी दूसरे भाव से व्यक्ति को धन, आकर्षण, खजाना, सोना, मोती, चांदी, हीरे, जवाहारात आदि मिलते हैं। साथ ही इसी से व्यक्ति को स्थायी संपत्ति जैसे घर, भवन-भूमि का कारक भी प्राप्त होता है।
- किसी की कुंडली में द्वितीय भाव पर शुभ ग्रह या शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो उस व्यक्ति के अमीर बनने में कोई रूकावट नहीं होती है।
- यदि कुंडली में द्वितीय भाव में बुध हो तथा उस पर चंद्रमा की दृष्टि हो तो जातक धनहीन होता है वह जीवनभर मेहनत करते रहता हैं परंतु उसे ज्यादा धन की प्राप्ति नहीं होती है। वह गरीब ही रहता है।
- यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में द्वितीय भाव पर किसी पाप ग्रह की दृष्टि हो तो वह धनहीन होता है।
- यदि कुंडली के द्वितीय भाव में चंद्रमा हो तो अपार धन प्राप्ति का योग बनता है परंतु यदि उस पर नीच के बुध की दृष्टि पड़ जाए तो घर में भरा हुआ धन भी नष्ट हो जाता है।
- चंद्रमा यदि अकेला हो तथा कोई भी ग्रह उससे द्वितीय या द्वादश न हो तो व्यक्ति गरीब ही रहता है।
- यदि कुंडली में सूर्य, बुध द्वितीय भाव में स्थित हो तो धन स्थिर नहीं होता।
अधिक धन प्राप्ति के लिए यह उपाय करें:
- प्रतिदिन शिवलिंग पर जल, बिलपत्र और अक्षत (चावल) चढ़ाएं।
- महालक्ष्मी और श्री विष्णु की पूजा करें।
- सोमवार का व्रत करें।
- सोमवार को अनामिका उंगली में सोने, चांदी और तांबे से बनी अंगुठी पहनें।
- शाम को शिवजी के मंदिर में दीपक लगाएं।
- पूर्णिमा को चंद्र का पूजन करें।
- श्रीसूक्त का पाठ करें।
- श्री लक्ष्मीसूक्त का पाठ करें।
- कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
- किसी की बुराई करने से बचें।
- पूर्णत: धार्मिक आचरण बनाएं रखें।
- घर में साफ-सफाई बनाएं रखें इससे धन स्थाई रूप से आपके घर में रहेगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म पत्रिका का दूसरा भाव धन या पैसों से संबंधित होता है। इसी दूसरे भाव से व्यक्ति को धन, आकर्षण, खजाना, सोना, मोती, चांदी, हीरे, जवाहारात आदि मिलते हैं। साथ ही इसी से व्यक्ति को स्थायी संपत्ति जैसे घर, भवन-भूमि का कारक भी प्राप्त होता है।
- किसी की कुंडली में द्वितीय भाव पर शुभ ग्रह या शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो उस व्यक्ति के अमीर बनने में कोई रूकावट नहीं होती है।
- यदि कुंडली में द्वितीय भाव में बुध हो तथा उस पर चंद्रमा की दृष्टि हो तो जातक धनहीन होता है वह जीवनभर मेहनत करते रहता हैं परंतु उसे ज्यादा धन की प्राप्ति नहीं होती है। वह गरीब ही रहता है।
- यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में द्वितीय भाव पर किसी पाप ग्रह की दृष्टि हो तो वह धनहीन होता है।
- यदि कुंडली के द्वितीय भाव में चंद्रमा हो तो अपार धन प्राप्ति का योग बनता है परंतु यदि उस पर नीच के बुध की दृष्टि पड़ जाए तो घर में भरा हुआ धन भी नष्ट हो जाता है।
- चंद्रमा यदि अकेला हो तथा कोई भी ग्रह उससे द्वितीय या द्वादश न हो तो व्यक्ति गरीब ही रहता है।
- यदि कुंडली में सूर्य, बुध द्वितीय भाव में स्थित हो तो धन स्थिर नहीं होता।
अधिक धन प्राप्ति के लिए यह उपाय करें:
- प्रतिदिन शिवलिंग पर जल, बिलपत्र और अक्षत (चावल) चढ़ाएं।
- महालक्ष्मी और श्री विष्णु की पूजा करें।
- सोमवार का व्रत करें।
- सोमवार को अनामिका उंगली में सोने, चांदी और तांबे से बनी अंगुठी पहनें।
- शाम को शिवजी के मंदिर में दीपक लगाएं।
- पूर्णिमा को चंद्र का पूजन करें।
- श्रीसूक्त का पाठ करें।
- श्री लक्ष्मीसूक्त का पाठ करें।
- कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
- किसी की बुराई करने से बचें।
- पूर्णत: धार्मिक आचरण बनाएं रखें।
- घर में साफ-सफाई बनाएं रखें इससे धन स्थाई रूप से आपके घर में रहेगा।
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