Monday, June 27, 2011

...तो इसलिए रात 12 बजे कभी न दें जन्मदिन की बधाई


जिस दिन कोई व्यक्ति जन्म लेता है वह उसके लिए बहुत विशेष दिन होता है। इसीलिए हर व्यक्ति को अपने जन्मदिन को लेकर मन में एक विशेष उत्साह रहता है। इसीलिए इस दिन को लोग सेलीब्रेट करते हैं। जन्मदिन के दिन किसी भी व्यक्ति को बधाई देने पर उसे लगता है कि बधाई देने वाले का उससे आत्मीय जुड़ाव है।

इसीलिए आजकल दोस्त हो या रिश्तेदार किसी भी करीबी का जन्मदिन होने पर उसे सबसे पहले बधाई देने के लिए वर्तमान में रात को 12 बजे बधाई देने का चलन है। विशेषकर युवाओं में यह चलन बहुत अधिक बढ़ गया है। लेकिन यदि हमारी संस्कृति या धर्मशास्त्रों के नजरिए से समझे तो यह सही नहीं है। दरअसल रात्रि के 12 बजे वातावरण में रज-तम कणों की मात्रा अधिक होती है, इस समय तामसिक या नकारात्मक शक्तियां अधिक प्रभावी रहती हैं।

इसीलिए उस समय दी गई शुभकामनाएं फलदायी नहीं होती हैं। हिंदू संस्कृति के अनुसार दिन सूर्योदय से आरंभ होता है और दूसरे दिन सूर्योदय पर खत्म होता है । मान्यता है कि सुबह का समय ऋषि-मुनियों की साधना का समय है, इसलिए वातावरण में सात्त्विकता अधिक होती है और सूर्योदय के पश्चात् दी गई शुभकामनाएं फलदायी सिद्ध होती हैं। इसीलिए जन्मदिन की बधाई सुबह ही देनी चाहिए।

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