Wednesday, June 29, 2011

सउदी अरब में ब्रेन डेड महिला ने बेटे को जन्म दिया


दुबई. अपनी तरह के एक दुर्लभ मामले में चार महीनों तक ब्रेन डेड रही एक 38 वर्षीय महिला ने बच्चे को जन्म दिया है। गर्भधारण के 28 हफ्ते और दो दिन बाद शिशु का जन्म हुआ है, जो स्वस्थ बताया जाता है। सऊदी अरब से प्रकाशित अखबार ‘गल्फ न्यूज’ के अनुसार पूर्वी प्रांत स्थित अल खोबर के साद स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में ऑपरेशन के जरिए शिशु का जन्म हुआ।



अस्पताल के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. समेर कराह ने बताया कि महिला को 4 माह पहले अस्पताल लाया गया था। उस वक्त उसकी हालत बहुत नाजुक थी। उसे 11 हफ्तों का गर्भ था। उसे दवाइयां और खाना भी कृत्रिम रूप से दिया गया। महिला के ब्रेन डेड होने के बाद भी डॉक्टरों ने बच्चे को बचाने की कोशिशें जारी रखीं। बच्चे की बिगड़ती हालत के कारण उन्होंने सिजेरियन का निर्णय लिया। प्रसव के बाद की सभी जांचों में किसी भी प्रकार की विकृति नहीं पाई गई।



कैसे हुआ संभव शिशु का जन्म :



ब्रेन डेड व्यक्ति को कानूनी रूप से मृत माना जाता है। लेकिन ऐसी स्थिति में भी दिल की धड़कन चलती रहती है। महिला को वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों की मदद से जीवित रखा गया। कृत्रिम रूप से खाना दिया गया। साथ ही बच्चे के विकास पर भी नजर रखी गई।



क्या होता है ‘ब्रेन डेड’:



दिमाग की कोशिकाओं का बाहरी कारणों से नष्ट हो जाना। इसकी वजह सदमा, संक्रमण या किसी प्रकार का जहर हो सकता है। इस स्थिति को वैज्ञानिक भाषा में नेक्रोसिस कहा जाता है। सामान्य रूप से भी कोशिकाएं नष्ट हो सकती हैं। इसके विपरीत एपोप्टोसिस में इनकी जगह नई कोशिकाएं ले लेती हैं। मरीज किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं देता। आंखों का झपकना बंद हो जाता है, सांसों की गति कम या न के बराबर हो जाती है।

पहला नहीं है मामला

वर्ष 2006 में रोम में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था जब एक हफ्ते से ब्रेन डेड मां ने दो माह प्रीमेच्योर बच्ची को जन्म दिया। वर्ष 2009 में अमेरिका के अर्लिगटन में भी 3 माह से ब्रेन डेड कैंसर ग्रस्त महिला ने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। इसके बाद उसकी मौत हो गई थी।

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