Monday, June 27, 2011

मौत से भी बचा सकती है हथेली में बनी यह रेखा


जीवन का अंतिम और अटल सत्य है मौत। जिसने भी जन्म लिया है उसे एक दिन मृत्यु अवश्य ही प्राप्त होगी। श्रीकृष्ण ने कहा है कि यह शरीर नश्वर है और केवल आत्मा ही अमर है। जिस प्रकार मनुष्य कपड़े बदलता है ठीक उसी प्रकार आत्मा शरीर बदलती है। मृत्यु के संबंध में हथेली में कई इशारे होते हैं। हस्त ज्योतिष के अनुसार जीवन और मृत्यु को जीवन रेखा प्रभावित करती है।

हथेली में अंगूठे के पास एक गोल घेरे जैसी रेखा होती है जो कि मणिबंध (हथेली के अंतिम भाग) तक जाती है। यही रेखा जीवन रेखा कहलाती है। यदि यह रेखा अस्पष्ट या कटी हुई या टूटी हुई हो तो व्यक्ति को जीवन भर कई प्रकार के कष्ट झेलने पड़ते हैं। कई बार ऐसी परिस्थितियों में मृत्यु का संकट भी सामने आ जाता है। कई लोगों के हाथों में जीवन रेखा के साथ ही एक ओर रेखा दिखाई देती है, यह अंदर की ओर होती है। इसे जीवन रेखा की सहायक रेखा माना जाता है। यह रेखा वर्गाकार तथा चौड़े हाथों में हो तो वह व्यक्ति बुद्धिमान और अच्छे स्वास्थ्य वाला होता है। इसके विपरित यदि किसी निर्बल तथा फीकी जीवन रेखा के साथ पाई जाने वाली यह रेखा कई कमियों को दूर करती है। यदि जीवन रेखा कहीं से कटी हुई हो या टूटी हुई हो और उस स्थान पर मंगल रेखा एकदम स्पष्ट हो तो वह व्यक्ति को मृत्यु से बचा लेती है। जीवन रेखा के टूटने या कटने का यही संकेत होता है कि उस आयु में व्यक्ति की मृत्यु की स्थिति तक बन सकती है। यदि मंगल रेखा जीवन रेखा को काटती हुई चंद्र पर्वत जो कि अंगूठे के दूसरी ओर होता है तक जाती है तो व्यक्ति नशेबाज बन जाता है। साथ ही पूरी हथेली का गहराई परीक्षण किया जाना चाहिए तभी सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है।

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