Tuesday, June 21, 2011

भारतीय राजनयिक पर नौकरानी पर मसाज के लिए दबाव डालने का आरोप

वाशिंगटन. न्यूयार्क में पदस्थ भारतीय काउंसिल जनरल प्रभु दयाल पर उनके घर में काम करने वाली एक महिला ने गुलामों की तरह काम करवाने और यौन शोषण का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए, अदालत की शरण ली है। महिला का आरोप है कि दयाल ने उन पर मसाज करने का दबाव भी बनाया। लेकिन दयाल ने इन आरोपों का पूरी तरह खंडन किया है।
दयाल के निवास पर पहले घरेलू काम करने वाली इस महिला ने आरोप लगाया है कि उसे हर महीने 300 डॉलर (13,500 रुपए) दिए जाते थे लेकिन इसके एवज में गुलामों की तरह काम करवाया जाता था। संतोष भारद्वाज नाम की इस महिला ने इसे लेकर एक लेबर सूट भी फाइल किया है। महिला का आरोप है कि उससे दिन में कई-कई घंटों काम करवाया जाता था। उसका पासपोर्ट भी दयाल ने अपने कब्जे में रखा है। उसे एक कोठरीनुमा कमरे में रहने के लिए मजबूर किया जाता रहा। इसके अलावा दयाल ने यौन शोषण का भी प्रयास किया।
45 वर्षीय भारद्वाज चार बच्चों की मां हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने जितना काम किया है, वे उसका पूरा भुगतान चाहती हैं। इसके अलावा उनके साथ जो अन्याय हुआ है, उन्हें उसका भी मुआवजा मिलना चाहिए। भारद्वाज ने अमेरिका की लीगल एड सोसायटी की मदद ली है। सोसायटी द्वारा जारी बयान में भारद्वाज ने कहा है कि दयाल परिवार ने उनके साथ जुल्म और ज्यादतियां कीं। 
भारद्वाज ने कहा कि उन्हें अमेरिका लाए जाने के पहले दयाल ने हर घंटे 10 डॉलर (450 रुपए) और ओवरटाइम देने का आश्वासन दिया था। लेकिन उन्हें हर घंटे एक डॉलर से भी कम का भुगतान किया गया। इसके अलावा वे भारत न लौट सकें, उनका पासपोर्ट भी रख लिया। महिला ने आरोप लगाया कि दयाल ने उन्हें यह भी कहा कि उसे  (भारद्वाज) अतिरिक्त रकम मिल सकती है, यदि वह उनके शरीर की मसाज करे। इसके बाद महिला ने दयाल के घर काम करना बंद कर दिया। 
दयाल ने किया खंडन
लेकिन दयाल ने सभी आरोपों का पुरजोर खंडन किया है। उन्होंने कहा कि वे पूरी तरह फिट हैं और उन्हें किसी मसाज की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कहने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने महिला से गुलामों की तरह काम करवाने के आरोप का भी खंडन किया। दयाल ने कहा कि उन्होंने भारद्वाज को काउंसलेट के बाहर काम करने की इजाजत नहीं दी क्योंकि यह वीजा नियमों के खिलाफ है। और इसके बाद उसने काम करना छोड़ दिया।
उन्होंने कहा कि भारद्वाज को पूरा भुगतान दिया गया। वह काफी आरामदायक कमरे में रहती थी, जहां टीवी और फोन लाइन भी थे। उन्होंने कहा कि हर महीने अमेरिकी मुद्रा में भुगतान करने के अलावा उन्होंने करीब 14,000 रुपए उसके भारत में बैंक एकाउंट में जमा करवाए। उन्होंने केवल 6 घंटे प्रति दिन काम करवाया और अतिरिक्त काम का पैसा दिया। उन्होंने कहा कि यदि भारद्वाज के पास रकम नहीं होती तो वह करीब डेढ़ साल का समय कैसे निकालतीं।
पासपोर्ट रखने के आरोप पर दयाल ने कहा कि पासपोर्ट गुम न जाए, इसलिए उन्होंने इसे संभालकर रखा था। लेकिन अब पासपोर्ट निरस्त हो गया है।
भारद्वाज ने इस मामले में न्यूयार्क की अदालत में सोमवार को केस फाइल कर दिया। भारद्वाज ने दयाल के अलावा उनकी पत्नी और बेटी को भी दोषी बताया है।  

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