Wednesday, June 22, 2011

इस हसीना की रफ्तार को आप नहीं दे पाएंगे मात


कोयंबटूर. 14वीं जे के टायर नेशनल रेसिंग चैंपियनशिप में हिस्सा ले रही एकमात्न महिला चालक चेन्नई की आलिशा अब्दुल्ला का कहना है कि जब वह हेलमेट पहन लेती हैं तो वह भूल जाती हैं कि वह एक लडकी हैं।
आलिशा ने यहां कारी स्पीडवे में आयोजित इस चैंपियनशिप के दौरान कहा कि लडकियों को कार रेसिंग में आगे आने से घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, मैं जैसे ही हेलमेट पहनती हूं और कार में प्रवेश कर रेसिंग करती हूं तो मैं यह भूल जाती हूं कि मैं एक लडकी हूं। हेलमेट पहनते ही मुझमें एक नया आत्मविश्वास आ जाता है।
नौ वर्ष की उम्र में रेसिंग ट्रैक पर उतरने वाली आलिशा इस समय 21 वर्ष की हैं और उनका रफ्तार के इस खेल के प्रति जुनून लगातार बढता जा रहा है। आलिशा 2006 तक बाइक रेसिंग करती थीं लेकिन तब दुर्घटना होने के बाद उन्होंने खुद को कार रेसिंग में शिफ्ट कर लिया।
आलिशा ने कहा कि अब उनका इरादा अगले वर्ष अंतरराष्ट्रीय सर्किट में उतरने का है जिसके लिए उन्हें अपने प्रदर्शन के स्तर को लगातार बनाए रखना है। उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय सर्किट में प्रवेश करने के लिए अच्छा प्रदर्शन की एकमात्न मापदंड है।
नेशनल रेसिंग के लिए उन्होंने कहा कि वह टाप पांच रेसर में आना चाहती हैं लेकिन यह सबकुछ कल के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। फिलहाल यहां बारिश का मौसम है जिसे देखते हुए उन्हें योजना के साथ उतरना होगा।
आलिशा ने साथ ही कहा कि वह 12 और 13 साल की दो लडकियों को रेसिंग में आगे लाने के लिए ट्रेन कर रही हैं। उन्होंने कहा, लोग यह मानकर घबराते हैं कि रेसिंग एक जोखिमभरा खेल है इसलिए वे अपने परिवार की लडकियों को इसमें नहीं भेजते। लेकिन मेरा मानना है कि रोड रेसिंग सडक की ड्राइविंग से कम जोखिमभरी है। उन्होंने कहा, लडकियों को मोटररेसिंग में आगे आना चाहिए क्योंकि यह बेहद रोमांचभरा खेल है।












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