Tuesday, June 21, 2011

कैसे बीसीसीआई ने आईसीएल को कुचला, मोदी ने खोले राज


नई दिल्ली. इंडियन प्रीमियर लीग के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल पर एक बार फिर वार करना शुरु कर दिया है। अब मोदी ने इंडियन क्रिकेट लीग के पीछे हुई साजिश को लेकर बीसीसीआई की पोल खोली है। मोदी ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर बताया है कि किस प्रकार बीसीसीआई ने आईसीएल को कुचल डाला।
मोदी ने ट्विटर पर कहा, "बीसीसीआई ने साम दाम दंड भेद हर तरीके से आईसीएल को पैर फैलाने से पहले ही उखाड़ फेंका। जब मैं बीसीसीआई के साथ जुड़ा हुआ था तब उनका एक ही उद्देश्य था कि किसी भी तरह आईसीएल को खत्म किया जाए। इसके लिए बोर्ड ने सभी देशों के बोर्ड को अपना संविधान बदलने पर मजबूर किया, जिससे कोई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी इस टूर्नामेंट से नहीं जुड़ सके। और ऐसा ही हुआ।"
"बोर्ड ने यूके के बर्ड एंड बर्ड नामक लीगल फर्म की सेवाएं आईसीएल को रोकने के लिए ली थीं जिससे कि खिलाड़ियों को इससे जुड़ने से रोकने के लिए नियमित नियम बनाए जा सकें," मोदी ने बताया। मोदी ने बीसीसीआई पर दादागिरी करने का भी आरोप लगाया है। मोदी के मुताबिक बीसीसीआई ने हर उस मैदान को धमकाया था जो आईसीएल के मैच आयोजित कर रहा था। बीसीसीआई ने विभिन्न क्रिकेट संघों को धमकी दी थी कि यदि उन्होंने आईसीएल का आयोजन रखा तो उन्हें लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय मैच आवंटित नहीं किया जाएगा।
मोदी ने कहा, जब बोर्ड ने आईसीएल को रौंदा तब मैं उनके साथ था। पूरी संस्था के लिए इस दिशा में कार्य करना अनिवार्य कर दिया गया था।
क्या था आईसीएल ?
इंडियन क्रिकेट लीग को सुभाष चंद्रा के एस्सेल ग्रुप ने खड़ा किया था। ट्वेंटी-२० क्रिकेट का ये टूर्नामेंट 2007 से लेकर 2009 तक सक्रिय रहा था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के हटने के बाद ये खत्म हो गया। आईसीएल को कुचलने के लिए बीसीसीआई ने इंडियन प्रीमियर लीग को खड़ा किया था।

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