Thursday, August 16, 2012

कोई माई का लाल नहीं दे सका इरफान पठान को मात

खेल डेस्क. पंजाब के युवा गेंदबाज कमाल पासी ने अपने शानदार प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ महज 23 रन दे कर 6 विकेट चटकाए। इसी गेंदबाजी के दम पर टीम इंडिया ने अंडर-19 वर्ल्ड कप में पहली जीत दर्ज की।

पासी की गेंदबाजी हर तरफ छा गई, लेकिन 6 विकेट लेने के बावजूद वे अपने सीनियर का 'जूनियर' रिकॉर्ड नहीं तोड़ सके। यह सीनियर हैं इरफान पठान।

मेयर को बना रॉबिनहुड बनने का शौक, करने लगा खुद ही लूटपाट!

रॉबिन हुड की कहानी भले ही सदियों पुरानी हो चुकी हो, लेकिन उसका असर आज भी कई जगह दिख रहा है। इन दिनों स्पेन के एंडालुसिया के छोटे से कस्बे के मेयर जुआन मेनूएल सैन्चेज गॉरडिल्लो मॉर्डन-डे 'रॉबिन हुड' बन गए हैं।



वे एक सप्ताह से सेविले के मैरीनालेडा के आसपास के सुपरमार्केट्स की खाद्य सामग्री लूटकर गरीबों में बांट रहे हैं। उनका कहना है कि किसी को तो कुछ करना ही होगा, ताकि गरीबों का पेट भर सके। दरअसल, स्पेन में चल रही मंदी का असर एंडालुसिया क्षेत्र पर ज्यादा हुआ है। यहां पर बेरोजगारी दर 34 फीसदी हो गई है। कई लोगों को दो वक्त की रोटी तक नहीं मिल पा रही है।



इस स्थिति में सुधार लाने के लिए 53 वर्षीय मेयर गॉरडिल्लो जुआन ने अपने साथियों के साथ मिलकर आसपास के सुपरमार्केट्स में लूटपाट करना शुरू किया है।



जुआन एक कम्युनिस्ट नेता हैं और 33 सालों से मेयर हैं। वे रीजनल पार्लियामेंट के मेंबर भी हैं। इसी कारण अब तक उनकी गिरफ्तारी भी नहीं हो पाई है। जुआन स्वयं लूटपाट नहीं करते हैं, बल्कि सुपरमार्केट्स के बाहर खड़े होकर लाउड स्पीकर से अपने साथियों को निर्देश देते हैं।



जहां एक ओर स्थानीय प्रशासन उन्हें अपराधी करार दे रहा है, वहीं उनका कहना है कि वे केवल दूध, शक्कर, तेल, बीन्स, बिस्किट, पास्ता आदि ऐसे सामान लूट रहे हैं, जो गरीबों के लिए बहुत जरूरी हैं।


उनका कहना है कि इतना सामान तो सुपरमार्केट वाले रोज एक्सपायरी डेट हो जाने के कारण फेंक देते हैं। यदि सरकार मुझे गिरफ्तार करती है तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैं गरीबों का पेट भरने के आरोप में जेल जांऊ तो ये मेरे लिए सम्मान की बात है। वे कहते हैं कि ये लूट सरकार के मंदी को लेकर उपायों के प्रति एक सांकेतिक और शांतिपूर्ण जवाब है

राहत शिविरों की ये हकीकत आपको झकझोर देगी

गुवाहटी से महज 200 मीटर दूर रीलिफ कैंप चालू है लेकिन आज भी सहायता के लिए तरस रहे हैं शरणार्थी। आप यह सोचकर ही सिहर जाएंगे कि यहां दवाओं तक की किल्लत है। यहां तक सीबीआई की स्पेसल टीम असम के दंगों की जांच कर रही है। चिरंग जिले में डर और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। आलम यह है कि राहत शिविरों में शरणार्थी आज भी दवाओं और सहायता की राह देख रहे हैं।

सभी शरणार्थी अपने घरों को लौटना चाहते हैं लेकिन सुरक्षा के डर से कोई तैयार नहीं है। सरकार की भी नजर इनके दर्द पर नहीं पड़ रही है। कोंकराझार के तारांडो मुशारी अपना दर्द बयां करते हुए कहते हैं कि हमारे अपनों को तो वहां जिन्दा जला दिया गया। हम अभी घर तक नहीं जा सकते हैं। आज हम अपने ही घर से बेघर हुए हैं। किसी तरह की कोई सरकारी मदद नहीं मिल रही है।

अब सरकारी आंकड़ों की बात करें तो 2 हजार बच्चे गंभीर रूप से बीमार हैं। यहां तक करीब 2500 गर्भवती महिलाएं शरणार्थी शिविर में हैं। बसाइगांव के राहत शिविर में करीब 100 बच्चे पीड़ित हैं और 8 गर्भवती महिलाएं बहुत ही खराब परिस्थिति में रह रहे हैं। इनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। ये सभी दवाओं तक से वंचित हैं। असम सरकार ने सीबीआई जांच और सेना की अतिरिक्त मांग करके अपनी इतिश्री कर ली। इन शरणार्थियों का दर्द या तो सरकार के कानों तक पहुंच नहीं पा रही है या सरकार संवेदनहीन हो चुकी है।

FACEBOOK पर गप्पा लड़ाने के पहले अब हो जाएं सावधान!

रायपुर। धरसींवा स्थित एसकेएस इस्पात के खाते में हाईटेक चोर विवेक तिवारी ने सेंध लगा दी। नौकरी से निकाले जाने के पहले उसने कंपनी की चेकबुक चुराकर कंपनी के मैनेजर के फर्जी हस्ताक्षर किए। बैंक में नकली आईडी और फर्जी फोटो के जरिये एक खाता खुलवाया। चुराए गए चेक से उसने फर्जी खाते में पैसे ट्रांसफर करवाकर निकाल लिए। बैंक खातों में अपनी तरह की नई तरकीब से चोरी का यह पहला केस है। पुलिस उसके तरीके को जानकार हैरान है।


एसकेएस इस्पात के खातों से छह महीने पहले दो लाख की चोरी हुई थी। बैंक का रिकार्ड देखने के बाद कंपनी के अधिकारी हैरान रह गए, क्योंकि पैसे संस्थान की चेक बुक से निकाले गए थे। उसमें मैनेजर के फर्जी हस्ताक्षर तो थे, लेकिन जिस खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए थे, उसका पता नहीं चल रहा था। बैंक खाता फोटो और स्थायी निवास के पते के बिना नहीं खुलता। बैंक में खाताधारी ने जो फोटो और पता दिया था, वहां उसका कुछ पता नहीं चल रहा था। आसपास के लोग भी उसे पहचान नहीं पा रहे थे। यानि चोर दूसरे इलाके का था।


टिकरापारा में हफ्तेभर पहले ऐसे मिलते-जुलते चेहरे का पता चला। कंपनी के कर्मचारियों के रिकार्ड की जांच में कोरबा में निवासी विवेक का पता चला। इतना क्लू मिलने के बाद पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के अधिकारी कोरबा पहुंचे और भेद खुल गया। उसके बाद कड़ी दर कड़ी एक-एक क्लू मिलने लगे और क्राइम ब्रांच की टीम चोर तक पहुंच गई। क्राइम ब्रांच टीआई आरके साहू ने बताया कि आरोपी टिकरापारा का विवेक कुमार तिवारी है, जो मूलत: कोरबा का है। तकरीबन डेढ़ साल पहले धरसींवा स्थित एसकेएस में उसने कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी की। इसी दौरान आरोपी विवेक ने चेकबुक के पांच पन्ने चुरा लिए थे। कुछ दिनों बाद आरोपी ने एक पूरी चेक बुक पार कर दी।

प्रेमी की ऐसी दर्दनाक दास्तां, सुन आंखों में आ जाए आंसू!

जबलपुर। ‘रोशनी तुम नहीं तो अब मैं भी नहीं रहूंगा। दोस्त बंटी मुझे किसी से कोई परेशानी नहीं है। बस मेरा एक काम करना कि जहां पर मेरी प्रेमिका रोशनी को दफनाया गया है, वहीं मुझे भी दफना देना।’ उक्त बातें अपने सुसाइड नोट में लिखकर बेड़ा मेहगवां निवासी 19 वर्षीय दिलीप ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

यह जानकारी लगने पर पहुंची रांझी थाना की टीम ने लाश को पेड़ से नीचे उतारकर पीएम के लिए भिजवाते हुए मर्ग कामय कर मामला जांच में लिया है। पुलिस ने बताया कि सुबह के समय सूचना मिली थी कि बेड़ा महगवां निवासी दिलीप दास ने घर के सामने लगे इमली के पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। सूचना पर पहुंची टीम ने तलाशी ली तो उसके पास एक सुसाइड नोट बरामद किया गया, जिसमें कुछ दिनों पहले प्रेमिका के द्वारा आत्महत्या कर लेने का उल्लेख करते हुए स्वयं का भी उसके बिना जीना मुश्किल में बताते हुए आत्महत्या करने का कारण स्पष्ट किया है। पुलिस ने मर्ग जांच में लिया है

बारिश का मजा और लड़कियों के सिर चढ़ा चुनाव प्रचार का नशा!

छात्र संगठनों के पैनल घोषितजेएनवीयू छात्रसंघ चुनावों में सभी छात्र संगठनों ने अपने पैनल घोषित कर दिए है। मंगलवार को एनएसयूआई ने संयुक्त महासचिव पद पर तोहिश बारासा को अपना प्रत्याशी घोषित किया। वहीं एसएफआई ने उपाध्यक्ष पद पर पृथ्वीचंद जोशी, महासचिव पद पर रामजीवन विश्नोई व संयुक्त महासचिव पद पर भावना सोलंकी को प्रत्याशी बनाया। एआईएसएफ ने वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर श्रीपाल सिंह राजपुरोहित, महासचिव पद पर छवरसिंह परिहार को प्रत्याशी घोषित किया। एबीवीपी ने सोमवार ही अपना पैनल घोषित कर दिया था। इवेंट्स18 अगस्त : सुबह मतदान, दोपहर काउंटिंग तथा देर रात परिणाम जारी होंगे।

मोटरसाइकिल के पीछे लाश को बांध कर कहां ले जा रहा है यह आदमी


गरियाबंद.नक्सलियों से पुलिस और आम लोग किस तरह खौफजदा हैं, इसकी एक बानगी रायपुर से लगे मैनपुर ब्लॉक के शोभा थाने में देखने को मिली। मुखबिरी के संदेह में नक्सलियों ने 40 साल के शिक्षाकर्मी रायमन ध्रुव की हत्या की थी, लेकिन इस धुर नक्सली इलाके में उसके शव को उठाने के लिए न तो पुलिस गई और न ही मदद के लिए गांव वाले ही आगे आए। मजबूरी में मृतक का भाई अकेले ही गया और शव को लकड़ी के पटरे पर बांधकर मोटरसाइकिल से थाने लेकर आ गया ताकि अंतिम संस्कार के पहले उसका पोस्टमार्टम हो सके।
आजादी की पूर्व संध्या पर नक्सलियों ने की कई हत्याएं
घटना-1-मैनपुर में शिक्षाकर्मी की हत्या
गरियाबंद जिले के मैनपुर थाना अंतर्गत गांव झोलाराव गौरगांव में पदस्थ शिक्षाकर्मी रायमन ध्रुव की नक्सलियों ने हत्या कर दी। नक्सलियों ने 7 अगस्त की रात 40 वर्षीय ध्रुव को अगवा कर लिया था। मंगलवार को उनका शव सड़क पर मिला। पिता सोनसाय ध्रुव ने बताया कि उसके 4 बेटे और 2 बेटियां हैं। रायसन तीसरे नम्बर का था। सभी की जिम्मेदारी उनके कांधे पर थी।
घटना-2-बासागुड़ा में जवान शहीद
बासागुड़ा से पुसबाका की ओर मंगलवार की दोपहर ऑपरेशन के लिए निकली सीआरपीएफ, कोबरा और जिला पुलिस बल की संयुक्त टीम पर नक्सलियों ने हमला कर दिया। घटना में सीआरपीएफ का जवान एस प्रभु मौके पर ही शहीद हो गया। उनके शव को हेलिकॉप्टर से जगदलपुर लाया गया। इसे उनके गृह राज्य तमिलनाडु भेजा जा रहा है।
घटना-3- चिंतूर में नेता समेत 2 को मारा
राज्य की सीमा से सटे आंध्रप्रदेश के चिंतूर थाना क्षेत्र में माओवादियों ने सोमवार की रात भाकपा नेता बालाजी और ग्रामीण वंजम हड़मा की हत्या कर दी। मंगलवार को दोनों का शव सड़क पर पड़ा मिला। नक्सलियों ने बालाजी पर उगाही करने और हड़मा पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाया है।
घटना-4-मलकानगिरी में अजब फरमान
सुकमा जिले से लगे ओडिशा के मलकानगिरी जिले में मचकुंड में माओवादियों ने पेड़ काटकर रास्ता बंद कर दिया। यहां उन्होंने पर्चे छोड़े हैं। इसमें नक्सलियों ने ग्रामीणों से स्वतंत्रता दिवस का बहिष्कार करने और काला झंडा फहराने का फरमान जारी किया है।

रूपाली अकेले टहल रही थी, तभी हुआ कुछ ऐसा, मच गई चीख पुकार

जबलपुर। उफनती गौर नदी में एक युवती ने न जाने किन कारणों के चलते छलांग लगा दी। शुक्र हो उन युवकों का जो नदी के पास ही थे और उन्होंने जान की परवाह न करते हुए अन्जान युवती की जान बचा ली। उसे गंभीर अवस्था में विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस विवेचना कर रही है कि आखिर युवती ने यह आत्मघाती कदम क्यों उठाया।

गौर पुलिस चौकी से मिली जानकारी के अनुसार दोपहर करीब 12 बजे गुरैयाघाट निवासी रूपाली विश्वकर्मा पिता प्रेमलाल विश्वकर्मा उम्र 16 साल, गौर के बड़े पुल पर टहल रही थी। एकाएक वह रैलिंग पर चढ़ी और इसके बाद उसने सीधे छलांग लगा दी। पुल से निकल रहे राहगीर यह नजारा देखा तौ हैरान रह गए। घटना देख वे रुक गए और वहां चीख-पुकार मच गई।

यह देख मछली पकड़ने बैठे कुछ युवक पानी में कूद गए और रूपाली को पानी से निकाल लाए। इसी दौरान पुलिस को भी सूचना मिल गई और पुलिस बल मौके पहुंच गया। बताया जाता है कि रूपाली शासकीय हाई स्कूल सालीवाड़ा में कक्षा 9वीं की छात्रा है। उसे हाथ-पैर और चेहरे पर चोटें आईं हैं। अभी वह कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच की जा रही है।

लग गया जाम-रूपाली जैसे ही नदी में कूदी, यह देख जितने भी वाहन उस समय पुल से गुजर रहे थे सभी रुक गए। कुछ ही देर में वाहनों की कतार लग गई और जाम लग गया। जब रूपाली को पानी से निकाल लिया गया और पुलिस ने वाहन चालकों को घुड़की दी तब कहीं जाम समाप्त हुआ।

जानिए क्या समानता है 'एक था टाइगर’ और श्रीगंगानगर के इस ‘ब्लैक टाइगर’ में

श्रीगंगानगर.रील लाइफ का ‘टाइगर’ रियल लाइफ में श्रीगंगानगर का जांबाज रवींद्र कौशिक है। स्कूल-कॉलेज के स्टेज शो में अक्सर जासूस की भूमिका निभाने वाले कौशिक का सजीव किरदार रॉ के एक आला अधिकारी को लखनऊ में यूथ फेस्टिवल के दौरान इतना पसंद आया कि कौशिक, नबी अहमद बनकर श्रीगंगानगर से 1975 में पाकिस्तान पहुंच गए।

वहां अपनी सूझबूझ से न केवल कॉलेज में पढ़ाई करके वकालत की डिग्री हासिल की, बल्कि परीक्षा देकर सैन्य अधिकारी भी बन गए। अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना यह जांबाज पाकिस्तान के तत्कालीन सैन्य प्रमुख जियाउल हक के नजदीकियों में शामिल हो गया।

इसी नजदीकी के बलबूते कौशिक ने न केवल पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रमों की सूचनाएं भारत भेजी, बल्कि सामरिक महत्व की कई सूचनाओं को यहां भेजा। पाकिस्तान में 1983 में पकड़े जाने से पहले रवींद्र कई बार भारत आया लेकिन अपने खुफिया मिशन के बारे में न परिवार को बताया और न ही साथियों को। उसके मिशन का पता तब लगा, जब वह पाकिस्तान में पकड़ा गया।

गौरतलब है कि 15 अगस्त को यशराज चोपड़ा बैनर की रिलीज हो रही ‘एक था टाइगर’ पर इन दिनों विवाद उठा हुआ है। जांबाज रवींद्र कौशिक के परिजनों का दावा है कि यह फिल्म उनके सपूत की रियल लाइफ पर बनी है और इसके लिए उनसे अनुमति तक नहीं ली गई। मामला अभी जयपुर हाईकोर्ट में विचाराधीन है।

जानिए रवींद्र कौशिक के हर पहलू को

बॉर्डर पार कर पहुंचे पाकिस्तान और बन गए सैन्य अफसर ट्रेनिंग के बाद रवींद्र कौशिक एक खुफिया मिशन के तहत वर्ष 1975 में बॉर्डर पार करके पाकिस्तान पहुंचे। रॉ ने उन्हें अंडर कवर रखते हुए नबी अहमद नाम दिया। नबी अहमद ने वहां रहते हुए मूल नागरिकता हासिल की और एक कॉलेज में प्रवेश लेकर वकालत की डिग्री ले ली। इसके बाद परीक्षा देकर पाकिस्तानी आर्मी में अधिकारी पद पर तैनात हो गए।

अपनी काबिलियत व योग्यता से रवींद्र कौशिक पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख जियाउल हक के नजदीकी बन गए और यहां सूचनाएं भेजने लगे। वर्ष 1979 में रवींद्र ने पाकिस्तान में मुस्लिम युवती अमानत से शादी कर ली और बाद में उन्हें एक बेटा भी हुआ।

मिशन पूरा होने से पहले ही पकड़े गए रवींद्र

वर्ष 1983 में रवींद्र का खुफिया मिशन पूरा होने वाला था। मिशन पूरा होने से कुछ दिन पहले ही रॉ ने एक और एजेंट को पाकिस्तान भेजने का निर्णय लिया। बदकिस्मती से यह एजेंट बॉर्डर पर पाक रेंजर्स के हत्थे चढ़ गया। रेंजर्स की यातनाएं वह सह नहीं पाया और उसने मिशन के बारे में सब बता दिया, फिर पाक रेंजर्स ने 1983 में पाकिस्तान के जिन्ना गार्डन से रवींद्र कौशिक को पकड़ लिया।

इसी गार्डन में एजेंट व कौशिक में मुलाकात होनी थी। पाकिस्तान ने कौशिक पर मुकदमा चलाया और 1985 में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। तत्कालीन राष्ट्रपति ने 1990 में फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया। 21 नवंबर 2001 को कौशिक की पाकिस्तान में बीमारी से मृत्यु हो गई।

मिशन टू पाकिस्तान से ब्लैक टाइगर की उपाधि

रवींद्र की जांबाजी व कारनामों को देखते हुए तत्कालीन गृहमंत्री ने उन्हें ब्लैक टाइगर की उपाधि से भी सम्मानित किया। रॉ के रिटायर्ड ज्वाइंट डायरेक्टर एमके धर ने उन पर ‘मिशन टू पाकिस्तान’ किताब लिखी, जिसमें उन्हें सर्वश्रेष्ठ जासूस बताया गया। इसके अलावा उनकी जीवनी पर ‘ऑपरेशन ट्रिपल एक्स’ किताब भी लिखी गई। बताया जाता है कि मिशन के दौरान रवींद्र ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम सहित कई आतंकी साजिशों की सूचनाएं यहां भेजी।

‘रवींद्र नहीं, वो तो विनोद खन्ना था’

दुनिया के लिए भले ही वो रवींद्र कौशिक था लेकिन हमारे लिए वह आज भी विनोद खन्ना है। कद-काठी, बाल, कपड़े पहनने, बोलने व चलना-फिरना सब विनोद खन्ना जैसा तो था। एसडी कॉलेज में वर्ष 1972 में सब उसे रवींद्र के नाम से कम और विनोद खन्ना के नाम से ज्यादा जानते थे।

रवींद्र की एक खासियत थी। जहां भी जाता, सब उसके दीवाने हो जाते। नाचना, गाना और एक्टिंग तो जैसे उसके खून में बसी थी। हर समय हंसना और हंसाना। मुझे आज भी ध्यान है, 2 मई 1974 को मेरी शादी हुई। रवींद्र न केवल मेरी शादी में शरीक हुआ, बल्कि पूरे समय नाचता रहा और बरातियों को भी खूब नचाया।

कॉलेज में भी जितने कार्यक्रम होते, सब में बढ़-चढ़कर भाग लेता। अपने हुनर से स्टेज के किरदार में वो ऐसी जान फूंकता कि सब देखते रह जाते। उसके इसी हुनर ने उसे रवींद्र कौशिक से नबी अहमद बनाया और बाद में देश के लिए वो ‘ब्लैक टाइगर’ बना।

राजकुमार गौड़, पूर्व अध्यक्ष यूआईटी, (गौड़ व कौशिक एसडी कॉलेज में सहपाठी थे।)

स्टेज शो करता हुआ बन गया रॉ का एजेंट

11 अप्रैल 1952 को श्रीगंगानगर शहर के पुरानी आबादी में जन्मे रवींद्र कौशिक को बचपन से ही स्टेज शो करने का शौक था। उनका हर शो देशभक्ति से जुड़ा होता था और उनका किरदार इसमें जुल्म सह रहे व्यक्ति का होता था।

वर्ष 1973 में लखनऊ में आयोजित यूथ फेस्टिवल में एक शो में जासूस का उनका सजीव किरदार वहां मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रॉ के वरिष्ठ अधिकारी को इतना पसंद आया कि उन्होंने रवींद्र कौशिक को रॉ एजेंट बनने का प्रस्ताव दिया, जो कौशिक ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद उन्हें ट्रेनिंग भी दी गई।

जानिए क्या हैं ‘ब्लैक टाइगर’ व ‘फिल्मी टाइगर’ की समानताएं

1. भारत की प्रमुख खुफिया एजेंसी रॉ ने मिशन के लिए रवींद्र कौशिक को अपना एजेंट बनाया था। फिल्म में भी सलमान खान ने रॉ एजेंट की भूमिका निभाई है।

2. खुफिया मिशन के तहत रवींद्र कौशिक को पाकिस्तान भेजा गया था। फिल्म में भी सलमान को मिशन पूरा करने के लिए पाकिस्तान भेजा जाता है।

3. मिशन की सफलता के लिए रवींद्र कौशिक ने पाकिस्तान में शादी रचाई थी। फिल्म में सलमान, कैटरीना से मोहब्बत करके शादी रचाता है।

4. रवींद्र कौशिक को उसकी जांबाजी के लिए ‘ब्लैक टाइगर’ उपाधि दी गई थी। इसके बाद से उसे टाइगर के नाम से जाना जाने लगा, जबकि यशराज चोपड़ा बैनर की इस फिल्म का नाम भी ‘एक था टाइगर’ है।

5. रवींद्र कौशिक की मृत्यु आज भी उनके परिवार के लिए रहस्य है। वजह, पाकिस्तान ने रवींद्र का शव उनके परिवार को नहीं सौंपा था। इस फिल्म में भी ऐसा ही हुआ। फिल्म में सलमान की मृत्यु के बाद शव परिजनों को नहीं सौंपा गया।

गिद्धों को देख, जगी 3000 साल पुरानी प्रथा को बचाने की आस

हरियाणा के पिंजौर के जंगलों में एक खास चीज पर काम चल रहा है। जंगल के बीच एक छोटी सी इमारत में सीसीटीवी छवियों के ज़रिए उनकी प्रत्येक हरकत पर नजर रखी जा रही है. जिसकी सभ्यता में कई राज छुपे हैं। यह ऐसा काम है, जो एक प्राचीन दाह संस्कार के भविष्य की सुरक्षा में मददगार साबित हो सकता है।

ये काम है गिद्धों को संख्या को बढ़ाना और उनकी प्रजनन में सहायता करना। हरियाणा फोरेस्ट विभाग और मुंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के साझा प्रयास से गिद्धों का वल्चर कंजरवेशन ब्रीडिंग सेंटर 2001 में खोला गया है। डॉक्टरों की टीम पूरी मेहनत से गिद्धों की जनसंख्या में बढ़ाने में लगी हुई है।

दुनिया के 9 धुरंधर, जिन्होंने महज शौक के लिए खरीद लिया पूरा आईलैंड

दुनिया में भले बहुत लोगों के पास रहने को घर नहीं है,लेकिन इसके उलट कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने रहने के लिए पूरा द्वीप ही खरीद लिया। जब पास में अथाह पैसा हो तो पूरे द्वीप का मालिक कहलाना राजा बनने के बराबर है। भला दुनिया में ऐसा कौन है, जो इस तरह का काम नहीं करना चाहेगा?

रोती-गिड़गिड़ाती रही वो मगर नहीं पसीजा पति का दिल

रायपुर।शिकागो में काम करने वाले अपने साइंटिस्ट पति डॉ. विवेक मिश्रा के साथ रहने के सपने संजोए भारत से निकली 25 साल की पायल के साथ वहां जो कुछ हुआ, वह किसी को भी अंदर तक हिलाने के लिए काफी है। पति के साथ रहने का मतलब उसके लिए चार महीने तक घर और बाथरूम के अंदर बंद रहना था।


डच्यूटी पर या बाहर जाने के पहले विवेक बाहर से ताला लगाकर रखता था। कई बार उसे पिटाई करने के बाद बाथरूम में घंटों बंद रखता था। वह रोती- गिड़गिड़ाती थी, पर पति का दिल नहीं पसीजता था। भाइयों ने भारत वापस बुलाने के लिए विमान का टिकट भेजा तो विवेक ने उसे रद्द कर कुछ दिन बाद का टिकट खरीदकर दिया। पर जाने के पहले शिकागो के अस्पताल ले जाकर जबर्दस्ती उसका गर्भपात करवा दिया। दिल और शरीर से टूट चुकी पायल को विमान में बैठा दिया गया।

पीटरसन की हालत 'ऐसी', न 'घर' के रहे, न 'घाट' के

लंदन. स्टार क्रिकेटर केविन पीटरसन इंग्लैंड टीम में दोबारा एंट्री पाने के लिए छटपटा रहे हैं। साउथ अफ्रीकन क्रिकेटर्स को अपने टीममेट्स की आलोचना से भरे एसएमएस भेजने का मामला सामने आने के बाद अब वे इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस के आगे गिड़गिड़ा रहे हैं।

मात्र 20 लाख रुपए दे दिए होते तो आज ‘लाहौर’ भारत में होता

वापी। सालों पहले स्वामी विवेकानंद और अरविंद जैसी महान विभूतियों ने 2021 तक भारत के सुपर पॉवर कहने की बात कह दी थी।


इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मेन डॉ. अब्दुल कलाम ने भी कहा था कि आने वाले समय में भारत महाशक्ति बनेगा। भारत के पास 2021 तक 65 प्रतिशत युवा होंगे और यही युवा भारत को महाशक्ति बनाएंगे। ये बातें मंगलवार को राष्ट्रवादी पत्रकार और विद्वान लेखक पदमश्री डॉ. मुजफ्फर हुसैन ने वापी स्थित वीआईपी हॉल में आयोजित एक परिसंवाद में कहीं थीं।


‘बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर’ विषय के अंतर्गत आयोजित इस परिसंवाद में डॉ. हुसैन ने लगभग सवा घंटे तक भारत के गरिमापूर्ण इतिहास और उसके भविष्य के बारे में व्यक्तव्य देते हुए कहा था कि इस समय महापुरुष स्वामी विवेकानंद की 150 जन्मजयंती मनाई जा रही है। विवेकानंद ने वर्षो पहले कहा था कि उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस की 150 पुण्यतिथि तक भारत विश्व की महाशक्ति बन जाएगा। उसके बाद महर्षि अरविंदो और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने भी 2021 तक भारत के महाशक्ति बनने की बात कही थी। लेकिन वर्तमान में भारत अनेक खंडों में विभाजित है, इसलिए महाशक्ति बनने के प्रश्न पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।


चीन अपने भार तले ही दब जाएगा :


डॉ. हुसैन ने भारतीय मजदूर संघ के स्थापक दत्तोपंत ठेंगडी को याद करते हुए कहा कि 1989 में ही ठेंगडीजी ने रशिया के खंडित हो जाने की बात कही थी और 1992 में ठीक ऐसा ही हुआ। रशिया कई टुकड़ों में बंट गया। दत्तोपंत ने यह भी कहा था कि अमेरिका का डॉलर भी इस समय तक कमजोर हो जाएगा।


और आज अमेरिका की स्थिति कैसी है, यह बात किसी से छुपी नहीं। आज चीन का बोलबाला है, लेकिन उसकी हालत डायनासोर की तरह हो जानी है। आगामी समय में वह अपने भार तले ही दब जाएगा। चीन के पूर्वी भाग का ही विकास हुआ है, लेकिन पश्चिम की हालत अच्छी नहीं। इसके अलावा ताईवान, हॉगकांग और तिब्बत जैसी कई बड़ी समस्याएं उसके आगे मुंह बाएं खड़ी हैं, जिनके आगे चीन टिक नहीं पाएगा।


मात्र 20 लाख रुपए दे दिए होते तो आज ‘लाहौर’ भारत में होता :


डॉ. हुसैन ने देश के विभाजन के समय की बात करते हुए कहा...ब्रिटिशर रेड क्लिफ ने हमारे देश का विभाजन किया था। तब पाकिस्तान के लाहौर में हिंदू बहुसंख्यक थे। इस समय लाहौर के आर्य समाज के प्रमुख, रेड क्लिफ से मिलने गए थे और रेड क्लिफ ने उनसे कहा था कि आप मुझे 20 लाख रुपए दे दो, लाहौर आपका हो जाएगा। लेकिन इस समय सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधीजी ने इसे लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई थी, वरना पाकिस्तान का लाहौर आज भारत का हिस्सा होता।

Tuesday, August 14, 2012

जब उतरा चैम्पियन तो कुछ यूं था नजारा

नई दिल्ली। लंदन ओलिंपिक के रजत विजेता पहलवान सुशील कुमार और उनके साथी कांस्य विजेता योगेश्वर दत्त का सोमवार को दिल्ली पहुंचने पर शानदार स्वागत किया गया। इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर दोनों पहलवानों के परिजनों के साथ-साथ ढोल नगाड़े के साथ प्रशंसक भी थे।

पागल हो गया बाप, मासूमों को कर रखा कैद, कहता है मर जाऊंगा

भोपाल/टीकमगढ़।पलेरा क्षेत्र के करौला गांव में एक पिता ने अपने ही दो बच्चों को कैद करके रखा है। चार साल पहले उनकी मां जिस दिन घर छोड़कर भागी थी, उसी दिन से इन बच्चों की जिंदगी अपने ही घर की चहारदीवारी में सिमट कर रह गई है।

पुलिस, प्रशासन व पड़ोसी भी इन बच्चों को आजाद नहीं करा पा रहे हैं, क्योंकि इनका मंदबुद्धि पिता बच्चों के खोने का डर बताकर कभी मारने तो कभी खुद मर-मिटने की धमकी दे रहा है।

राजनीति के खेल में खून की होली, लड़कियां भी नहीं रहीं पीछे

जयपुर.राजस्थान यूनिवर्सिटी में सोमवार को छात्रसंघ चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किए गए। इसके बाद शुरू हुआ यूनिवर्सिटी कैंपस से सड़कों तक छात्रों का शक्ति प्रदर्शन। छात्रनेता (इनमें छात्राएं भी कहीं पीछे न थीं) 15-20 वाहनों के काफिले के साथ सड़कों पर निकले। हर वाहन ओवर-क्राउड।

छात्र गुटों का खुला हंगामा। इसी बीच छात्रों में झड़पें हुईं। हालिया छात्रसंघ महासचिव अमित शर्मा का सिर फूट गया। वे खून में सन गए। उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद हुड़दंग बढ़ गया। उपद्रवी छात्रों ने बापू नगर (जनता स्टोर) पर खड़ी कई कारों में तोड़फोड़ की। पुलिस जवान लाठियां फटकारते छात्रों के पीछे दौड़ते रहे। ये भागमभाग शाम तक चलती रही।

मारपीट की वजह..

बागी का समर्थन

अमित शर्मा और उनके समर्थकों ने पूर्व महासचिव नरेश मीणा के साथियों पर झगड़ा करने और हमला करने का आरोप लगाया। उन्होंने इस आशय की रिपोर्ट गांधी नगर थाने में दर्ज कराई। अमित शर्मा अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के बागी निर्दलीय प्रत्याशी संग्राम सिंह शेखावत और महासचिव धर्मवीर शर्मा के समर्थक हैं। मारपीट की यही वजह बताई जा रही है। उधर, एबीवीपी से अध्यक्ष के प्रत्याशी राजेश मीणा का कहना है कि मारपीट की घटना से उनका और नरेश मीणा का कोई लेना-देना नहीं है।

आचार संहिता का उल्लंघन?

एबीवीपी, एनएसयूआई और लगभग सभी निर्दलीय प्रत्याशी रैली के रूप में नामांकन दाखिल करने पहुंचे। पर्चा दाखिल करने के बाद इन छात्रनेताओं ने समर्थकों के साथ परिसर में रैलियां निकालीं। इसके बाद सड़कों पर भी रैलियां करके जेएलएन जाम कर दिया।

यहां जाम लगने पर ट्रैफिक टोंक रोड पर डायवर्ट हुआ..नतीजा, वहां भी ट्रैफिक फंस गया। खासकर ट्रैफिक सिग्नलों पर काफी समय और ईंधन बर्बाद हुआ। शिक्षक कहते रहे- यह आचार संहिता का उल्लंघन है। डीएसडब्ल्यू प्रो.आर.वी सिंह का कहना है कि एक-दो छात्रनेताओं के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत आई है। शेष प्रत्याशियों ने पैदल प्रचार किया था।

इससे रोक ही अच्छी

छात्रों में डेमोक्रेटिक वातावरण पैदा करना, छात्रों के लिए एक्टिविटीज कराना, छात्रों की समस्याओं का समाधान कराना। यह छात्रसंघ चुनाव के मायने थे। अब यह जातिगत चुनाव में बदल रहा है। राजनीतिक पार्टियां और संगठनों ने माहौल खराब कर दिया है। भविष्य की राजनीति के लिए अच्छे संकेत नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगे तो कोई हर्ज नहीं है।

एडवोकेट विमल चौधरी, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष (1973-74 कार्यकाल)

नामांकन वापसी आज

डीएसडब्ल्यू प्रो.आर.वी.सिंह के अनुसार आवेदन संबंधी आपत्तियां मंगलवार सुबह 3 बजे से सुबह 11 बजे तक स्वीकार की जाएंगी। मंगलवार सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक नामांकन वापस लेने का समय रहेगा।

प्रवेश-पत्र से ही प्रवेश : जिन छात्रों ने परिचय पत्र नहीं लिए हैं। वे मंगलवार तक परिचय-पत्र फीस की रसीद या पहचान-पत्र दिखाकर ले सकते हैं। बिना परिचय पत्र के यूनिवर्सिटी में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

बाहर हमारा क्षेत्राधिकार नहीं: डीएसडब्ल्यू प्रो. आर.वी.सिंह से भास्कर की बातचीत

क्या इन रैलियों से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ?

यूनिवर्सिटी परिसर में वाहन रैली नहीं निकली है। छात्रनेता खुद के समर्थकों के साथ नामांकन भरने पहुंचे थे। ऐसे में आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। हां दो प्रत्याशियों के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत है, जिस पर कार्रवाई हो रही है।

आचार संहिता के मामले में अब तक क्या किया?

जिनके खिलाफ शिकायतें आई थीं, उन्हें नोटिस दिए हैं। ज्यादातर ने जवाब दे दिए हैं। चुनाव से वंचित करने जैसा अपराध किसी का नहीं है। चुनाव में

पांच हजार रुपए की सीमा तो छात्र कब की लांघ चुके हैं?

हां लगभग सभी प्रत्याशी यह सीमा लांघ जाते हैं। यूनिवर्सिटी और संघटक कॉलेज में हमारा क्षेत्राधिकार है। हमारे लिए आसान नहीं है कि चुनावी खर्चे का पोस्टमार्टम करके प्रत्याशी को कटघरे में खड़ा कर सकें।

एसएमएस मेडिकल कॉलेज में 41 पर्चे

मेडिकल कॉलेज में 41 प्रत्याशियों ने पर्चे दाखिल किए। अध्यक्ष के लिए 5, उपाध्यक्ष 7, महासचिव 9, संयुक्त सचिव 7, साहित्य व सांस्कृतिक सचिव 2-2, खेल सचिव 6, गर्ल्स  प्रतिनिधि 1 एवं 3 कक्षा प्रतिनिधि के पर्चे मिले। मंगलवार सुबह 10 से 1 बजे तक नाम वापस लिए जा सकते हैं।





जैसे ही होटल के कमरे में पहुंची पत्नी, अंदर के नजारे ने कर दिया हैरान

ग्वालियर। पत्नी से बेवफाई कर कॉलगर्ल के साथ जन्मदिन मनाना पति को महंगा पड़ गया। पति के कॉलगर्ल के साथ होटल में होने की सूचना पर पत्नी ने रौद्र रूप दिखा दिया। पत्नी ने सिटी सेंटर की मुख्य सड़क पर कॉलगर्ल को पीटा, घसीटा और थाने ले गई। परिवहन में दलाली करने वाले इस पति ने कॉलगर्ल को भोपाल से एयर टैक्सी से शनिवार को बुलाया था।

सिटी सेंटर स्थित होटल सनबीम में रविवार को सुबह हंगामा मच गया। हजीरा पर रहने वाली मधु तोमर ने होटल का कमरा नंबर 204 का दरवाजा खटखटाया। कमरा रामशंकर सिंह तोमर ने खोला। पत्नी को सामने देख उसके चेहरे की हवाइयां उड़ गईं। लेकिन मधु पर कोई असर नहीं हुआ और तमतमाती हुई कमरे में घुस गई और बेड पर बैठी युवती सीमा को पकड़ बाहर खींचने लगी। रामशंकर ने मधु को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह कुछ सुनने को तैयार नहीं थी। दोनों की मधु के सामने एक न चली और उसने सीमा को नंगे पैर ही बाहर खींच लिया। सीमा को घसीटते हुए मधु एसपी ऑफिस स्थित नियंत्रण कक्ष में लेकर पहुंची। यहां मौजूद विश्वविद्यालय थाना प्रभारी ओएम टंडन सभी को थाने ले गए। यहां सीएसपी अरविंद दुबे ने सीमा व रामशंकर को देह व्यापार अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया।

पत्नी बताने पर हुई पिटाई

कंट्रोल रूम में रामशंकर ने कुछ मीडिया वालों के सामने जब सीमा से वैष्णोदेवी मंदिर पर शादी करने की बात कहते हुए अपनी दूसरी पत्नी बताया तो उसके व मधु के परिजन भड़क गए। परिजनों ने रामशंकर के साथ मारपीट की।

पत्नी ने परेशान होकर लगाई थी मुखबिरी: मधु अपने पति की हरकतों से काफी समय से परेशान थी। वह अधिकांश समय घर से बाहर रहता था। कारण पूछने पर वह ऑफिस का काम होने का बहाना बनाता था। बताया गया है कि बीच में एक-दो बार पति का फोन लगाने पर मधु की युवती से बात हुई थी। इसके बाद मधु ने अपने पति के कुछ दोस्तों से ही संपर्क कर उसके संबंध में पूछताछ शुरू कर दी थी। शनिवार को रामशंकर के किसी मित्र ने ही मधु को उसके सनबीम होटल में होने की सूचना दी थी।

यह है युवती का प्रोफाइल

रामशंकर के साथ पकड़ी गई युवती सीमा के पिता पंचायत इंस्पेक्टर के पद पर महेश्वर में पदस्थ हैं। वह कुछ समय पूर्व मुरार ब्लॉक में पंचायत इंस्पेक्टर के पद पर रहे हैं। सीमा कुछ समय एयर होस्टेस भी रही है। वह पुलिस परीक्षा की भी तैयारी कर रही थी। सीमा पांच बहनों व दो भाइयों में छोटी है। पुलिस के अनुसार सीमा की शादी थाटीपुर में ठेकेदार के साथ हुई है, लेकिन उसने पति का घर छोड़ दिया है। पुलिस ने सीमा के पति से भी पूछताछ की है।

एक पंजाबी एक्टर ने मारे सलमान को दनादन 25 घूंसे!

बॉलीवुड में नए अभिनेताओं को बहुत कम ऐसा करने को मिलता है, जो पंजाबी अभिनेता गैवी चहल को पहली ही फिल्म `एक था टाइगर` में मिल गया। फिल्म के एक दृश्य के लिए उन्होंने सलमान खान को 25 बार घूंसे मारे। अब वह सलमान को अपनी मदद तथा शूटिंग के दौरान संयम बरतने के लिए शुक्रिया अदा कर रहे हैं।

चहल ने कहा कि फिल्म के एक दृश्य में मुझे उनकी पसलियों में घूंसे मारना था। मैं संकोच कर रहा था, लेकिन उन्होंने मुझे प्रेरित किया और अभ्यास करके बताया। टेक पूरा होने से पहले कम से कम 25 घूंसे मैंने उन्हें मारे। वह बहुत सहयोगात्मक हैं। उन्होंने मुझे भविष्य को लेकर कई सीख दी। उनके साथ काम करके मैं बहुत खुश हूं।"

चहल पहले कई पंजाबी फिल्मों और टेलीविजन धारावाहिकों में काम कर चुके हैं। `एक था टाइगर` से वह बॉलीवुड में कदम रखने जा रहे हैं। फिल्म एक था टाइगर 15 अगस्त को रिलीज हो रही है जिसमें सलमान खान के साथ कैटरीना कैफ की अहम भूमिका है।

पर अपने इस 'बाप' को भूल गया पाकिस्तान

पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। वर्ल्ड क्रिकेट की सबसे विवादास्पद टीम ने इस खेल को कई महान क्रिकेटर भी दिए हैं।

आजादी के समय जब सभी को पॉलिटिकल स्टेबिलिटी हासिल करने की जल्दी थी, ऐसे समय में पाकिस्तान क्रिकेट को नया जीवन देने का काम किया अब्दुल हफीज करदार ने।

अब्दुल करदार का नाम क्रिकेट जगत में गुमनाम सा हो गया है।

प्रिटी ने लगाया सलमान को गले तो आग बबूला हो गईं कैट!

हाल ही में सलमान खान और कैटरीना कैफ यशराज स्टूडियोज में मौजूद थे। वे अपनी फिल्म 'एक था टाइगर' के प्रमोशन के सिलसिले में वहां थे। उन्होंने मीडिया से बातें कीं और अपनी फिल्म के बारे में जानकारियां दीं। पर माहौल उस वक्त थोड़ा गंभीर हो गया जब अचानक प्रीति जिंटा वहां पहुंच गईं। कैटरीना उन्हें देखते ही आग-बबूला हो उठीं।

दरअसल, वे अपनी होम प्रोडक्शन की फिल्म 'इश्क इन पेरिस' का ट्रेलर सलमान को दिखाना चाहती थी। सलमान उनकी फिल्म मे एक कैमियो रोल कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो जॉगसूट्स पहनी प्रिटी ने सलमान को जैसे ही हग किया कैटरीना वहां आ गईं। इस नजारे को देख वे तुरंत उस रूम से निकल गईं। उन्होंने प्रिटी को पूरी तरह से नेगलेक्ट किया। एक सूत्र ने बताया, 'कैट अपने मेक-अप रूम में गईं और वहां इंतजार कर रहे सभी मीडिया वालों को वहां से जाने को कह दिया।'

सूत्र ने आगे बताया, 'जब सलमान से इस बारे में पूछा गया तो वे काफी शांत दिखे। उन्होंने कहा कि प्रीति उनके सबसे अच्छे फ्रेंड्स में से हैं और वे उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं।' जब उनसे पूछा गया कि कैट के इस रवैये पर प्रीति का क्या रिएक्शन था तो उन्होंने कहा, 'प्रिटी समझदार हैं और छोटी-छोटी बातों का बुरा नहीं मानतीं।'

इन सबके बीच अब बी-टाउन में खबरों का बाजार गर्म है कि आखिर कैट को प्रिटी से इतनी प्रॉब्लम क्यों है

ये हैं दुनिया भर के मोबाइल्स की बेहद ही अजीब डिज़ाइन्स

बाज़ार में आने वाले खूबसूरत फोन तो आप रोज़ाना ही देखते हैं, महंगी कीमत, बेहतरीन फीचर और जाने क्या-क्या। लेकिन, आज हम आपको दिखाते हैं कुछ ऐंसे फोन जिनकी शक्ल इतनी अजीब और अलग थी कि, या तो कंपनी की बिल्डिंग से बाहर ही नहीं निकल पाए और निकले भी तो  अपनी महंगी कीमत और फीचर्स के बावजूद लोगो के दिल में जग नहीं बना पाए।

जिगरी दोस्त धोनी और विराट कोहली के बीच अब होगी जंग

खेल डेस्क. आईसीसी अवार्ड्स को लेकर खिलाड़ियों के बीच जंग शुरू हो गई है। जो खिलाड़ी मैदान पर साथ-साथ जीत के लिए खेलते हैं, वही खिलाड़ी अब इस अवार्ड्स की पिच पर एकदूसरे के प्रतिद्वंद्वी बने हुए हैं।

नेता जी की कहानी : जूतों की दुकान से कैबिनेट मंत्री तक का

नब्बे के दशक की शुरुआत थी। देश में आर्थिक उदारीकरण की ताज़ा-ताज़ा हवा चली थी। सिरसा शहर में ज्युपिटर म्यूजिक होम नाम की रेडियो रिपेयर की दुकान के बाहर चाय की चुस्कियां लेते चार दोस्त यकायक आसमान की ओर देखने लगे।

 
थोड़ी देर में ही इसका कारण गली के ऊपर के संकरे आकाश में दिखा। दोस्तों ने चाय का बिल चुकाने वाले से कहा गोपाल, तू एक दिन हवाई जहाज़ में घूमेगा। गोपाल गोयल के उपजाऊ दिमाग में एक बीज बोया जा चुका था।

 
ज्युपिटर म्यूजिक होम की बलि दे दी गई और गोपाल ने भाई गोबिंद के साथ मिलकर जूते की एक दुकान खोल ली। कांडा शू कैम्प चल पड़ी। गोपाल और गोबिंद दोनों भाइयों ने व्यापार का विस्तार किया और जूते बनाने भी लगे। कहते हैं जूते बेचते-बेचते गोपाल ने कइयों के पांव नाप ले लिए थे और उनमें से कई तलवे राजनीतिक थे।

 
पहले बंसी लाल के पुत्र से करीबी बढ़ाई। बंसी लाल की सरकार गई तो एक चौटाला पुत्र की शरण में गए। व्यापार नर्म-गर्म रहता था, अक्सर लेनदार या सरकार के दबाव में जीना पड़ता था। गोपाल राजनीति को कारोबार बनाने की जुगत में लगे रहे और गोबिंद कारोबार से राजनीति की जुगत में।

 
दोनों को साधने में कुछ नहीं सधा पर तभी कुछ ऐसा हुआ जिसे लोग उन पर तारा बाबा की कृपा कहते हैं। एक आईएएस अफसर सिरसा में लगे, जिनकी रुचि अतिरिक्त सेवाओं में भी थी और गोपाल कांडा ने सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। शहर में साहिब के मुसाहिब हो गए और इतराने लगे।

 
तभी सरकारी बाबू का तबादला गुडगांव हो गया, जो पिछली सदी के आखिरी सालों में मैनहट्टन होने के सपने देख रहा था। वहां की ज़मीन सोना हो गई थी और जमीन वालों की चांदी। राज्य सरकार का उपक्रम हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट ऑथोरिटी यानी हुडा सबसे बड़ा ज़मींदार बन बैठा था।

 
देश-दुनिया के लोग वहां आसमानी भाव पर ज़मीन के सौदे कर रहे थे। कांडा के करीबी बाबू हुडा के बड़े अफसर बन बैठे थे। गोपाल कांडा ने अपना स्कूटर उठाया और गुडगाँव पहुँच गए और दलाली को अपना पेशा बना लिया।

'एजेंट विनोद' के पटौदी पैलेस के कुछ ऐसे हैं दिलकश नजारे,

गुड़गांव. बॉलीवुड स्टार सैफ अली खान अपनी अदाएगी और टशन से लाखों दिलों पर राज करते हैं। इसी तरह उनका पुश्तैनी महल भी मेहमाननवाजी के लिहाज से घूमने-फिरने वालों के लिए सबसे मुफीद जगह है। सैफ के पटौदी खानदान का पुश्तैनी शाही महल गुड़गांव के पास पटौदी गांव में स्थित है।

ये शानदार पैलेस गुड़गांव से 26 किमी की दूरी पर और दिल्ली के आईजीआई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 100 किमी. की दूरी पर स्थित है।

सीने में उतारी गोलियां...छत से फेंके शव, देखें दिल दहलाने वाला

बेरुत/दमिश्क।सीरिया में जारी हिंसक संघर्ष के बीच तीन भयावह ऑनलाइन वीडियो सामने आए हैं। इन वीडियो से सीरियाई विद्रोहियों की क्रूरता की झलक मिलती है। वीडियो में सीरियाई विद्रोही पुलिसकर्मियों के शवों को एक डाक इमारत की छत से फेंकते, एक व्यक्ति का गला रेतते और एक अन्य को गोलियों से भूनते दिखाई पड़ रहे हैं।

माना जा रहा है कि ये वीडियो अलेप्पो प्रांत के हैं। इन घटनाओं को दिखाने वाले तीनों वीडियो सोमवार को यू ट्यूब पर जारी किए गए। हालांकि खबर लिखे जाने तक इनकी प्रामाणिकता तय नहीं की जा सकी थी। इन वीडियो में हिंसा की घटनाओं को बड़ी बारीकी से दिखाया गया है। पहले वीडियो में तीन शवों को एक इमारत की छत से फेंकते हुए दिखाया गया है। दूसरे वीडियो में एक व्यक्ति का चाकू से गला रेतते हुए विद्रोही दिखाई पड़ते हैं। तीसरे वीडियो में एक दाढ़ी वाले व्यक्ति को एक कार की डिक्की से खींचकर निकालते दिखाया गया है। उसके हाथ पीछे मोड़कर बांधे हुए हैं।
डिक्की से खींचने के बाद उसे जमीन पर पटक दिया जाता है। इसके बाद एक व्यक्ति उस पर पिस्तौल से गोलियां दागता है, वहीं एक और व्यक्ति भी राइफल से गोलियां दागने लगता है।
गौरतलब है कि देश में 17 महीने से चल रहे राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ विद्रोह में दोनों पक्षों पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप कई कार लग चुके हैं। लेकिन, विद्रोहियों का यह चेहरा पहली बार सामने आया है। सीरियन ऑब्जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के निदेशक रामी अब्देल रहमान ने बताया कि यदि इन वीडियो की पुष्टि हो जाती है तो वह इन ज्यादतियों की जरूर सख्त निंदा करेंगे, चाहे इसके पीछे किसी का हाथ हो। उन्होंने कहा कि इस तरह की करतूतों से असद का पक्ष मजबूत होगा और क्रांति के दुश्मनों को लाभ पहुंचेगा।
सेना की बमबारी :
सीरिया में सेना ने राजधानी दमिश्क के आसपास मौजूद विद्रोहियों के गढ़ों पर सोमवार को फिर बमों से हमले किए। सुरक्षा बलों ने दमिश्क के पुराने शहर में कई घरों और दुकानों पर छापेमारी भी की। पिछले साल मार्च में राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ शुरू हुए विद्रोह के बाद यह राजधानी में अब की सबसे बड़ी कार्रवाई है।

जब थर-थर कांपते हुए इंग्लैंड में जन्मा 'इंडियन ब्रेडमैन'

खेल डेस्क.मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर क्रिकेट का दूसरा नाम बन चुके हैं। 22 साल पहले आज (14 अगस्त, 1990) ही के दिन उन्होंने अपने करियर का पहला शतक लगाया था। उनकी इस सेंचुरी से ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज सर डॉन ब्रेडमैन का भी एक खास कनेक्शन है।

जब सचिन ने इंग्लैंड के खिलाफ सेंचुरी लगाई तो चारों और उनकी वाहवाही होने लगी, लेकिन उनके मन के अंदर चल रही हलचल को कोई नहीं जान सका। 100 इंटरनेशनल सेंचुरी लगा चुके सचिन ने अपने पहले शतक का वो सीक्रेट 22 साल बाद सार्वजनिक किया।

Monday, August 13, 2012

चार करोड़ के लिए पत्नी ने रच दी पति के हत्या की साजिश, हुआ कुछ और

चंडीगढ़. पंजाब पुलिस के एक फोन ने कनाडा के बर्लिगटन में रहने वाले गुरप्रीत गिल के पैरों के नीचे से जमीन निकाल दी। पुलिस ने बताया कि अप्रैल में जब वह भारत आया था तो उसकी पत्नी ने ही उसे मारने के लिए हत्यारे भेजे थे।

वह उसके चार करोड़ रुपए के बीमे की रकम हासिल करना चाहती थी लेकिन इस दौरान उसकी दादी मारी गई। गुरप्रीत और पूरे परिवार को अब तक यह समझ नहीं आया था कि आखिर उनकी दादी का कत्ल क्यों किया गया। अब मामला सुलझने पर गुरप्रीत ने अपनी पत्नी बलप्रीत से अलग रहना शुरू कर दिया है।

गुरप्रीत का अप्रैल में भारत आने से कुछ समय पहले ही करीब चार करोड़ का बीमा हुआ था। दरअसल अप्रैल में अपनी दादी के मारे जाने के बाद से दुखी गुरप्रीत कुछ दिन पहले ही कनाडा पत्नी के पास पहुंचा था। बर्लिगटन में ट्रकर के तौर पर उसके पास एक अच्छी नौकरी थी और पत्नी भी साथ थी। उसे यकीन नहीं आया कि जिस पत्नी के साथ वह रह रहा है, उसने ही कई महीने पहले उसके कत्ल की साजिश रची थी।

गुरप्रीत 12 साल पहले कनाडा आया था और चार साल पहले बलप्रीत से शादी की थी। बलप्रीत की यह दूसरी शादी थी। गुरप्रीत की बुजुर्ग दादी प्रीतम कौर की हत्या 13 अप्रैल को फिल्लौर के पास लिदड़ कलां में हुई थी। 31 जुलाई को पंजाब पुलिस ने किराए के तीन हत्यारों को पकड़ा तो उन्होंने पूरी साजिश उगल दी। गुरप्रीत की सुपारी 35 हजार डॉलर में दी गई थी। पुलिस को गुरप्रीत की पत्नी के कातिलों के साथ फोन पर संपर्क, भेजे गए एसएमएस और मनी ट्रांसफर के सुबूत भी मिल गए हैं।

पत्नी बलप्रीत का इनकार

उधर, कनाडा में गुरप्रीत की पत्नी बलप्रीत कौर ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा कि उसे साजिश में फंसाया जा रहा है। कनाडियन मीडिया को अपने वकील लियो एडलर के माध्यम से बलप्रीत ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि न तो भारतीय पुलिस और न ही कनाडियन पुलिस ने अभी तक उससे कोई संपर्क किया है। हालांकि उसने माना कि उसका पति अब उसके साथ नहीं है।

नाबालिग लड़की ने खोली जुबान, कोर्ट के सामने खुली हैवानियत की दास्तान


नई दिल्ली। आठ वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने वाले को तीस हजारी अदालत ने पांच साल कैद और एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।

तीस हजारी अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रजनीश कुमार गुप्ता ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा है कि 21 फरवरी 2010 में आरोपी वीरेंद्र शर्मा ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया था।

वहीं, बचाव पक्ष के वकील ने अदालत के समक्ष दलील रखी थी कि उसके मुवक्किल का नाबालिग लड़की के चाचा के साथ पुराना विवाद था, जिसके चलते वीरेंद्र शर्मा को फंसाया जा रहा है।

अदालत ने बचाव पक्ष के वकील की दलील को न केवल खारिज कर दिया, बल्कि पीड़ित लड़की के बयान को सही मानते हुए वीरेंद्र शर्मा को दोषी ठहराया। वीरेंद्र पर आरोप था कि सब्जी खरीदने गई नाबालिग लड़की के साथ उसने जबरन दुष्कर्म का प्रयास किया।

'तंग कपड़ों की वजह से नहीं होती लड़कियों से छेड़छाड़'

रविवार को सलमान खान और कैटरीना कैफ डीबी स्टार के गेस्ट एडिटर बने दोनों ने इस दौरान कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा की।इस दौरान कैटरीना ने पहली बार अपनी फैमिली और कल्चर के बारे में बातें साझा की..

क्या आप हिंदी पढ़ लेती हैं?

जी बिल्कुल, मैंने हिंदी बोलने से पहले पढ़ना सीखा है।आज भी मैं अपनी स्क्रिप्ट रोमन हिंदी में नहीं, बल्कि प्रॉपर हिंदी में ही पढ़ती हूं। आप चाहें तो मैं आपको अखबार की लाइनें भी पढ़कर सुना सकती हूं।

आप एक दूसरे कल्चर से आई हैं। आपको यहां के और अपने वहां के कल्चर में क्या अंतर महसूस होता है?
मेरी पैदाइश हॉन्गकॉन्ग में हुई, परवरिश ब्रिटेन में और अब मैं काफी वक्त से इंडिया में रह रही हूं। मेरा मानना है कि किसी जगह रहने से ही आप उस कल्चर के नहीं हो जाते,बल्कि मां-बाप आपकी किस तरह की परवरिश करते हैं,
उस पर आपका कल्चर डिपेंड करता है। मैं बिलीव करती हूं कि मेरा कल्चर वही है, जो मेरे पेरेंट्स ने मुझे सिखाया है और मैं उसी को फॉलो करती हूं।

जब भी ईव टीजिंग की बात होती है तो सबसे पहले लड़कियों के कपड़ों पर बात आती है। आप इससे कितनी सहमत हैं?
मुझे नहीं लगता कि ईव टीजिंग का लड़कियों के कपड़ों से कोई लेना-देना है। अगर ऐसा होता तो वे लड़कियां या महिलाएं कभी छेड़छाड़ का शिकार नहीं बनतीं, जो सलवार-कमीज या साड़ी पहनती हैं। यह पूरी तरह मेल मेंटेलिटी पर निर्भर करता है।

आपकी मां सोशल सर्विस से जुड़ी हुई हैं?
जी हां, वे ऐसे बच्चों की परवरिश करती हैं, जिन्हें लोग कचरे के ढेर में फेंक कर चले जाते हैं। फिलहाल वे मदुरैई में ऐसे 65 बच्चों की देखभाल कर रही हैं। जल्द ही वहां इन बच्चों के लिए स्कूल खोलने का विचार भी है।

रिलीज के साथ ही फिल्म ‘एक था टाइगर’ की राह में आएगा रोड़ा!


श्रीगंगानगर.15 अगस्त को रिलीज होने वाली फिल्म ‘एक था टाइगर’ में शहीद जांबाज जासूस रविंद्र कौशिक की जीवनी को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। हाईकोर्ट जयपुर की खंडपीठ फिल्म से संबंधित विचाराधीन प्रकरण का जो भी निर्णय करेगी उसको अमल किया जाएगा।

ये बातें सर्व ब्राह्मण महासभा की ओर से रविवार को गौतम आश्रम में आयोजित बैठक में प्रवक्ता सतीश शर्मा ने कहीं। उन्होंने सभी सिनेमा घरों के मालिकों से न्यायालय के निर्णय आने तक फिल्म नहीं दिखाने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि न्यायालय के निर्णय से पहले फिल्म दिखाई तो सिनेमा घरों के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।

टाटा-अंबानी जैसे अरबपतियों की कारों के काफिले के अंदर का नजारा

दुनिया में भारतीय कंपनियों के सीईओ की अलग पहचान है। अपनी कंपनियों को शीर्ष तक पहुंचाने वाले इन सीईओ की निजी ज़िंदगी भी किसी जन्नत से कम नहीं होती है।

करोड़ों की तनख़्वाह, महल की तरह दिखने वाले शानदार घर और हमेशा ख़बरों में रहने वाले उनकी विलासिता के किस्से सभी कुछ ख़ास हैं, लेकिन देश के गिने-चुने इन जीनियस सीईओ के सवारी के शौक़ भी निराले हैं किसी को करोड़ों की कारें पसंद हैं तो कोई अपनी सादी जिंदगी जीता है और उसी तरह उसकी गाड़ी भी एकदम साधारण सी है।

इठलाती...इतराती और नाचती-घूमती हैं ये अजीबोगरीब इमारतें!

ब्लादिमिर मुलुनिक, चेक गणराज्य के एक विवादास्पद आर्किटेक्ट हैं जिन्होने एक इमारत को किसी नाचते हुए प्रेमी जोड़े की शक्ल देने की सोची। मुलुनिक की इस सोच का नतीजा थी 1992 में प्राग में बनी ये इमारत, जिसका नाम है फ्राइड एंड जिंजर, द-डांसिग बिल्डिंग।

बाढ़ के कोहराम में देखिए कैसे बाल-बाल बचा अरमान!

कोटा.शनिवार रात हुई तेज बारिश के बाद अनंतपुरा में बाढ़ जैसी स्थिति है। रविवार को पिंकी गोद में बेटी को लेकर बेटे अरमान का हाथ थामे घर से पास में रहने वाले रिश्तेदार के यहां जा रही थी। बस्ती में 4-4 फीट पानी होने से वे खाली प्लॉट की मुंडेर के ऊपर से होकर जा रहे थे। तभी अचानक अरमान का पैर फिसला और वो पानी में जा गिरा। आगे तस्वीरों में देखें कैसे बचाई अरमान की जान
अनंतपुरा बस्ती में फिर भरा पानी, बाढ़ जैसे हालात

भारत में मिलने वाले टॉप-5 एंड्रॉयड फोन

 गूगल ने लाइनेक्स बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्ररॉयड खास तौर पर मोबाइल और टैबलेट के लिए बनाया गया और अब सारी दुनिया में मोबाइल और टैबलेट निर्माता इसके दीवाने हो गए हैं। आलम ये है कि इन दिनों एंड्रॉयड फोन बाज़ार पर छाए हुए हैं। हम आपके लिए लाए है भारत में मिलने वाले कुछ सबसे अच्छे एंड्रॉयड फोन।
फोटो फीचर में हम आपको बताएगें सबसे अच्छे एंड्रॉयड फोन, उनकी खूबियां और खामियां।

दुनिया की 15 सबसे खतरनाक सड़कों में से एक है हिमाचल का यह हाइवे

पहाड़ों में सड़के बनाना तो कठिन है ही साथ ही उस पर चलकर मंजिल तक पहुंचना भी खतरों से भरा होता है। तेज ढलान, घुमावदार मोड़, संकीर्ण रास्ते, सड़क किनारे सुरक्षा दीवार गार्डरेल्स का न लगा होना, कीचड़ों की फिसलन, लैंडस्लाइड्स जैसे अनेकों खतरे हैं जो पहाड़ी रास्तों पर मंडराते रहते हैं।


वैसे तो भारत के पहाड़ी इलाकों जैसे उत्तराखंड और हिमाचल में कई ऐसी सड़के हैं, जिसमें से हिमाचल का लेह-मनाली हाइवे अपने खतरनाक रूप के लिए दुनिया भर में जाना जाता है।


हम दुनिया भर के ऐसी ही सड़कों से आपको रू-ब-रू करा रहे हैं जिनपर चलना जानलेवा हो सकता है। इनमें से एक है हिमाचल का यह हाइवे। तस्वीरों के जरिए जानिए कितनी खतरनाक है यह सड़क-

Wednesday, August 8, 2012

फिजा के घर से मिली 70 सीडी, पहेली बना दुपट्टा

मोहाली. फिजा मोहम्मद उर्फ अनुराधा बाली की रहस्यमय हालात में मौत का मामला उलझता जा रहा है। बुधवार को फिजा के घर पहुंच कर जांच टीम ने फिंगर प्रिंट्स इकट्ठे किए। फिजा के चाचा सतपाल और बहन की मौजूदगी में यह कार्रवाई हुई। पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई गई। लेकिन विसरा रिपोर्ट के अभाव में पुलिस के पास फिजा की मौत को लेकर कहने को अब भी कुछ नहीं है। गुरुवार को विसरा सैंपल पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल भेजा गया है।
अभी तक पुलिस यही कह रही है कि उसने आत्‍महत्‍या की है। लेकिन फिजा के घरवाले और करीबी इससे इनकार कर रहे हैं। पुलिस से जुड़े सूत्र फिजा की हत्या की भी आशंका जता रहे हैं। पुलिसवालों के लिए भी फिजा की मौत एक पहेली बनी हुई है। पुलिस को समझ में नहीं आ रहा है कि जब फिजा ने जींस और टॉप पहना हुआ था तो गले में दुपट्टा कहां से आया। पुलिस ने इन कपड़ों को जांच के लिए एफएसएल भेज दिया है।

गेस्ट हाउस में देह व्यापार, रंगे हाथ पकड़ाई यह मोहतरमा!

नागपुर। अपराध शाखा पुलिस ने धरमपेठ काफी हाऊस चौक स्थित लाहोरी गेस्ट हाऊस को एक वर्ष के लिए सील कर दिया है।


पुलिस ने लाहोरी गेस्ट हाऊस में चल रहे देह व्यापार अड्डे पर छापा मारा था। उस समय दो युवतियों और दो ग्राहकों को रंगेहाथों पकड़ा गया था। अमूमन नागपुर में इस तरह के अड्डे पर छापा मार कार्रवाई होने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर उन्हें जमानत पर छोड़ दिया जाता है।


पहली बार अड्डे को सील किए जाने की कार्रवाई की गई है। इसलिए नागपुर में इस तरह की यह पहली कार्रवाई है। यह कार्रवाई पुलिस आयुक्त डॉ. अंकुश धनविजय के आदेश पर की गई। पुलिस आयुक्त श्री धनविजय ने सख्त आदेश दिया है कि इस तरह की कोई दूसरी घटना होने पर इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।


वेस्ट हाईकोर्ट रोड धरमपेठ स्थित लाहोरी गेस्ट हाऊस में अपराध शाखा पुलिस ने छापा मार कर देह व्यापार का पर्दाफाश किया था। उस समय सीताबर्डी थाने में अनैतिक व्यापार (प्रतिबंध) अधिनियम 1956 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था।


लाहोरी के संचालक मनोज जयनारायण शर्मा हैं। लाहोरी गेस्ट हाऊस से दो युवतियों के साथ रायपुर के एक व्यापारी और मनसर के एक अभियंता को पकड़ा गया था।


उस समय अपराध पुलिस शाखा ने गुप्त सूचना मिलने पर कार्रवाई की थी। कार्रवाई के बाद पुलिस आयुक्त ने सीताबर्डी के थानेदार को फटकार लगाई थी।

भोपाल में जोरदार बारिश ने बरपाया कैसा कहर

भोपाल। लगातार हो रही बारिश ने राजधानी का हाल बेहाल कर दिया है। शहर की 120 से ज्यादा कॉलोनियों के घरों में पानी भर गया। सड़कों पर घुटनों तक पानी है। लोग रात जागकर गुजार रहे हैं। प्रभावित लोग अपने बूते इस आफत से निपट रहे हैं। बारिश की मार से अस्पताल भी अछूते नहीं रहे। नाले नदियों की तरह बह रहे हैं। मुख्य सड़कों पर घुटने तक पानी भर चुका है। चारों तरफ तबाही का मंजर नजर आ रहा है।

कोई भुना तंदूर में, किसी ने खाई गोली, सफेदपोश खेलते रहे खून की होली

राजनीति की दुनिया सेक्स स्कैंडल्स कोई नई बात नहीं हैं। दरअसल, सत्ता हमेशा ही सुरा और सुंदरी से जुड़ती रही है। भारतीय लोकतंत्र के राजनीतिक इतिहास में ऐसे न जाने कितने कांड हुए जिनमें नेताओं के अवैध संबंध, उनकी सुरा-सुंदरी की महफिलें और अय्याशियां मीडिया की सुर्खियां बनती रही हैं। हाल के दिनों में ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिनमें अवैध संबंधों के शक में नेताओं ने बेदर्दी से महिलाओं की हत्या कर दी।



हाल ही में हुए गीतिका और फिजा कांड से पूरा देश थर्रा गया है। इससे पहले 'तंदूर हत्याकांड' से पूरा देश दहल चुका था। ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। रोज-ब-रोज सफेदपोशों का घिनौना और क्रूर चेहरा सामने आ रहा है

भारी पत्थरों को सह गई 7 दिन की यह जान

भोपाल। 7 दिन का यह दुधमुंहा बच्चा शिवा मैनिट परिसर की उस दीवार के नीचे दबा था, जिसने तीन जानें ले लीं। कीचड़ से सने शिवा को छाती से चिपकाए उसकी बुआ रेखा अस्पताल भागी।



साथ में आस-पड़ोस के लोग भी भागे और बच्चे की जान बच गई। फिलहाल शिवा हमीदिया अस्पताल के शिशुरोग विभाग में भर्ती है। डॉक्टरों के अनुसार उसकी हालत खतरे से बाहर है।


 हमारे फोटोग्राफर सतीश टेवरे द्वारा खींची हुई तस्वीरों में देखिए...

सात गेंदें जो कर गईं मेजबान श्रीलंका का कबाड़ा

खेल डेस्क. टीम इंडिया ने एकमात्र टी-20 मुकाबले में मेजबान श्रीलंका को 39 रनों से हराया। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम रैंकिंग में चौथे पायदान पर आ गई।

टी-20 के खेल में विस्फोटक बल्लेबाजी के साथ-साथ सटीक गेंदबाजी का भी अहम रोल होता है। इरफान पठान और अशोक डिंडा ने कमाल दिखाते हुए अपनी टीम को जीत दिलाई।

आइए, देखते हैं वे कौन सी सात गेंदें थीं, जो कि मेजबान श्रीलंका पर भारी पड़ गईं...

यदि आप कोलगेट का इस्‍तेमाल करते हैं तो सावधान!

नई दिल्‍ली।यदि आप अपने दांतों को साफ करने के लिए कोलगेट का इस्‍तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइए। यह कहना है फेसबुक यूजर्स रवि कुशवाह का। रवि ने कोलगेट के बारे में कई सनसनीखेज खुलासा अपनी वॉल पर किया है। रवि कुशवाह की वॉल पर लोगों की प्रतिक्रिया जारी है। कुशवाह लिखते हैं कि कोलगेट बनता कैसे हैं, आपको मालूम है? किसी को नहीं मालूम, क्योंकि कोलगेट कंपनी कभी बताती नहीं है कि उसने इस पेस्ट को बनाया कैसे ? कोलगेट का पेस्ट दुनिया का सबसे घटिया पेस्ट है, क्यों ? क्योंकि ये जानवरों के हड्डियों के चूरे से बनता है| जानवरों के हड्डियों के चूरे के साथ-साथ इसमें एक और खतरनाक चीज मिलाई जाती है, वो है फ्लोराइड | फ्लोराइड नाम उस जहर का है जो शरीर में फ्लोरोसिस नाम की बीमारी करता है और भारत के पानी में पहले से ही ज्यादा फ्लोराइड है | तीसरी एक और खतरनाक चीज होती है उसमे, ये है Sodium Lauryl Sulphate | फेसबुक पर कुशवाह ने लिखा है कि जब मैं लोगों से पूछता हूँ कि "आप कोलगेट क्यों इस्तेमाल करते हैं"तो सभी लोगों का कहना होता है कि "इसमें क्वालिटी है"फिर मैं पूछता हूँ कि "क्या क्वालिटी है?"तो कहते हैं कि "इसमें झाग बहुत बनता है", ये पढ़े-लिखे लोगों का उत्तर होता है | उन्‍होंने आगे जानकारी दी कि रसायन शास्त्र में एक रसायन होता है "Sodium Lauryl Sulphate "और रसायन शास्त्र के शब्दकोष (dictionary) में जब आप देखेंगे तो इस "Sodium Lauryl Sulphate"के नाम के आगे लिखा होता है "जहर"/"poison "| और .05mg मात्रा शरीर में चली जाए तो कैंसर कर देता है और यही केमिकल कोलगेट में मिलाया जाता है क्योंकि "Sodium Lauryl Sulphate "डाले बिना किसी टूथपेस्ट में झाग नहीं बन सकता | टूथपेस्ट और सेविंग क्रीम दोनों में ये "Sodium Lauryl Sulphate "डाला जाता है, बस थोडा प्रोसेस में अंतर होता है | यही सिंथेटिक डिटर्जेंट "Sodium Lauryl Sulphate "कपडा धोने वाले वाशिंग पावडर और डिटर्जेंट केक में, शैम्पू में और दाढ़ी बनाने वाले सेविंग क्रीम में भी मिलाया जाता है| दुनिया का सबसे रद्दी पेस्ट हम इस्तेमाल कर रहे हैं| धर्म के हिसाब से भी पेस्ट सबसे ख़राब है |

कहीं हमारी मेरी कॉम भी न हो जाएं 'CHEATING' का शिकार

लंदन. लंदन ओलिंपिक में भारतीय मुक्केबाज़ों का अभी तक का अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा है। सुमित सांगवान, विकास कृष्ण और मनोज कुमार के मैचों के फै़सलों को लेकर काफी विवाद हुआ। विजेंदर के मुक़ाबले पर भी कुछ लोगों ने सवाल उठाए। भारतीय खेल प्रेमियों को लग रहा है कि इन मुक्केबाज़ों के साथ भेदभाव हुआ है तो क्या मेरीकॉम के साथ भी ऐसा हो सकता है।

मुक्केबाज़ी में फ़िलहाल सिर्फ मेरीकॉम ने एक पदक पक्का किया है। आज होने वाले मैच में अगर मेरी जीत जाती हैं तो उनका रजत पदक पक्का हो जाएगा, लेकिन सोशल मीडिया में कई लोग आशंका जता रहे हैं कि कहीं मेरीकॉम को भी ख़राब फैसले का शिकार न होना पड़े।

ट्विटर पर @kiranks कहते हैं कि चार मुक्केबाज़ों को ख़राब फैसले झेलने पड़े हैं, तो मेरी के साथ भी क्या ऐसा हो सकता है। आखिर वे ब्रितानी खिलाड़ी के साथ खेल रही है। मेरीकॉम के साथ खराब फैसले पहले भी हो चुके हैं। बीजिंग एशियाड में रे कैनकैन के साथ मुकाबले के दौरान मेरीकॉम खराब रेफरल की शिकायत भी कर चुकी हैं।

बीजिंग एशियाड के दौरान बीबीसी संवाददाता मुकेश शर्मा से बातचीत करते हुए मेरी ने कहा था कि उनकी प्रतिद्वंद्वी ने उन्हें नीचे झुकाकर दबाने की कोशिश की थी जो फाउल दिया जाना चाहिए था। यह मुकाबला रेन कैनकैन के साथ था जो चीनी खिलाड़ी थीं, यानी स्थानीय मुक्केबाज़। उसी दिन भारत के एक और मुक्केबाज़ सुरॉन्जय सिंह के साथ भी रेफरियों के भेदभाव की बात सामने आई थी।
बुधवार को भी मेरी का मुकाबला स्थानीय मुक्केबाज़ निकोला एडम्सके साथ है।

कड़ी प्रतिक्रिया

जब हमने ये सवाल फेसबुक के बीबीसी पन्ने पर रखा तो लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया दी। सुरेंदर शुक्ला का कहना था कि भारत को कड़ी प्रतिक्रिया करनी चाहिए थी। वे कहते हैं, "यदि ऐसा पुनः होता है तो भारत को ओलिंपिक का बहिष्कार कर देना चाहिए, हम ओलिंपिक में इसलिए जाते है कि वहां हमारी मेहनत का इनाम मिलेगा। यदि ऐसा कुछ देशों के इशारों पर होगा तो यह सहने योग्य नहीं है।"

उधर कवि केशव कहते हैं कि भारत को विरोध पुरज़ोर तरीके से करना चाहिए। महेश शुक्ला का कहना था कि ऐसा तो पहले से ही हो रहा है, लेकिन यहाँ भारत हावी है तो हम सभी को इस बात का आज कुछ ज्यादा ही कष्ट हो रहा है। लोगों की इस तरह की प्रतिक्रिया देखते हुए लंदन में मौजूद हमारे बीबीसी संवाददाता पंकज प्रियदर्शी नेअपनी टिप्पणी दी। पंकज उन पत्रकारों में से हैं जिन्होंने क्वार्टर फाइनल मैच के बाद भी मैरी का इंटरव्यू किया था और वे सभी मुक्केबाज़ों के मैच देख चुके हैं।

उनका कहना था, "लंदन में सुमित, मनोज, विकास और विजेंदर के फैसलों को लेकर आवाज़ उठी है लेकिन भारतीय बॉक्सिंग फेडरेशन फैसलों से संतुष्ट है। विकास के मामले में गुस्सा थोड़ा अधिक था क्योंकि विकास को पहले जीता हुआ करार दिया गया। फेडरेशन ने अपील की बात कही थी, लेकिन फिर अपील नहीं की गई। मेरी कुछ लोगों से बात हुई है भारतीय पक्ष में उनका कहना है कि ज्यूरी के फैसले इतने खराब नहीं है कि विरोध किया जाए और बार-बार विरोध करना भी ठीक नहीं है।"

तो क्या मैरीकॉम के लिए डगर कठिन होगी। पंकज कहते हैं, "जहां तक मेरीकॉम का सवाल है तो मुझे नहीं लगता कि कोई ग़लत फैसला होगा। यह ज़रुर है कि निकोला एडम्स स्थानीय मुक्केबाज़ हैं और उनको समर्थन रहेगा, लेकिन मैं यह बता दूं कि लंदन में मेरीकॉम को काफी समर्थन मिल रहा है। उन्होंने यहीं अपनी ट्रेनिंग भी की है। कई अन्य देशों के दर्शक भी मेरी को समर्थन देते रहे हैं तो समर्थन के स्तर पर दोनों मुक्केबाज बराबरी पर होंगे। निकोला पहले भी मेरीकॉम को दो बार हरा चुकी हैं, लेकिन अब मेरी की तैयारी ज़बर्दस्त है और वे पूरे फॉर्म में हैं। आपको बता दूं कि मेरी ने लंबे लड़कों के साथ प्रैक्टिस की है ताकि वे प्रतिद्वंद्वी को लंबाई का फायदा न उठाने दें। तो मेरे हिसाब से ज़ोरदार मैच होगा और मेरी को किसी ग़लत फैसले का शिकार होना नहीं पड़ेगा।"

उधर जाने-माने बॉक्सिंग कोच ओपी भारद्वाज से का कहना है कि मेरीकॉम निकोला एडम्स से जीत सकती हैं बशर्ते वो अपने अनुभव का इस्तेमाल करें। भारद्वाज कहते हैं, "मेरी कॉम का जो कद है उसके हिसाब से उन्हें दूर से खेलना होगा, लंबे पंच लगाने होंगे और जवाबी हमले पर ज्यादा ध्यान देना होगा। मैच में वे कितना फुर्ती दिखाती हैं वो तय करेगा कि मेरी कॉम सफल हो पाती हैं या नहीं।" यानी चिंता की कोई बात नहीं है और रेफरी के फैसलों से अलग हट कर सभी को मेरीकॉम के प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि उनकी प्रतिद्वंद्वी निकोला एडम्स भी कम खतरनाक नहीं है।

जब इस 'चमत्कार' ने पूरे देश को हिलाकर कर रख दिया था

भोपाल। मध्यप्रदेश में भारी बारिश के कारण एक बार फिर बाढ़ ने कहर बरपाया है। लगातार बारिश के कारण कई रास्ते बंद हो गए हैं। कई लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं। अब तक दर्जनभर लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसा कोई पहली बार नहीं है। हर साल यहां बारिश के मौसम में बाढ़ की स्थिति बन जाती है। पिछले साल भी यहां बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी।

कई लोग तो पानी की तेज धार में फंस जाते हैं, जिसके कारण कभी वे बचने में सफल हो जाते हैं, तो कभी पानी उन्हें बहा ले जाती है। पिछले साल एक चार वर्षीय बच्च भी पानी की तेज धार में फंस गया था। डिंडोरी जिले की इस घटना को पूरे देश ने लाइव देखा था।

दो वर्षीय बच्चे ने जैसी हिम्मत दिखाई थी, वो काबिलेतारीफ थी। तेज धार में फंसे बालक की जान तो गांव वालों ने बचाई थी, लेकिन बीच में खड़े होकर उसने जिस तरह से हिम्मत का परिचय दिया था, वो किसी चमत्कार से कम नहीं था।

Tuesday, August 7, 2012

Sonia Gandhi



बेटे ने मां के साथ ही की ऐसी घिनौनी हरकत, शर्मसार हो जाए कोई

इंदौर। जिसे बेटा मानती थी, उसी ने धोखा दिया। उसने तंत्र-मंत्र के जरिये ज्यादा रुपए करने का लालच दिया और एक लाख ठग ले गया। महिला आठ दिन तक खोजती रही, नहीं मिला तो थाने में शिकायत कर दी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है। चंदननगर पुलिस के मुताबिक घटना निर्मला पति कोमल टांक (40) निवासी सिरपुर कांकड़ के साथ हुई। वे पास के कमरे में किराए से रहने वाले करणसिंह पिता भोलू मूल निवासी उदयनगर, देवास को बेटा मानती थीं। वह उनसे ५क् रुपए उधार ले गया था। इस दौरान उसने देख लिया कि निर्मला के पास 1.15 लाख रुपए हैं। ये रुपए उन्होंने प्लॉट के लिए रखे थे।

नीबू रखने गई तब तक हो गए गायब

करणसिंह 18 जुलाई को उनके पास आकर कहने लगा मुझे देवी का इष्ट है, मैं तुम्हारी पेटी रुपयों से भर दूंगा। निर्मला उसकी बातों में आ गई। उसने तंत्र-मंत्र शुरू किया और 1.11 लाख रुपए पेटी में रखवा दिए। इस बीच उसने निर्मला को कटे हुए नीबू घर के बाहर रखने के लिए कहा। वे नीबू रखकर लौटी तो करण ने कहा मैंने रुपए पेटी में रखकर ताला लगा दिया है। दो दिन बाद ताला खोलोगी तो पेटी रुपयों से भर जाएगी। चाबी भी वह ले गया। दो दिन बाद निर्मला ने उसे ढूंढा लेकिन वह नजर नहीं आया। इस पर उन्होंने पेटी का ताला तोड़ा तो उसमें से रुपए गायब थे। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया। उससे रुपयों के संबंध में पूछताछ की जा रही है

घास के छत वाले मकान से लंदन ओलिंपिक तक का सफर

हरसौर(हमीरपुर)। घास की छत वाले मकान की याद ताजा होते ही बांकूराम के परिजनों की आंखों से बरवस ही आंसू निकल जाते हैं। जब उनका बेटा विजय इस दुनिया में आया भी नहीं था तो उनका पापा एक छोटे से घास वाले मिट्टी से बने मकान में रहा करते थे। लेकिन एक रात ऐसी भी आई जब चूहों ने इस कच्चे मकान को अंदर ही अंदर से पूरी तरह जर्जर कर दिया और अगले ही दिन बरसात में यह मकान ढह गया तो उस बांकूराम की शादी नहीं हुई थी। उनकी मां ब्राह्मी देवी पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया था। बांकूराम के भाई पुरुषोत्तम चंद का आपसी प्यार आज उसी की याद ताजा करके इस परिवार को संयुक्त रूप से इकट्ठा रखे हुए है।


अब हरसौर में सड़क किनारे लंबा चौड़ा मकान पुराने उन दिनों की याद इन्हें ताजा करवाकर इस परिवार को एक सूत्र में बांधने में कामयाब हो रहा है। वजह ये है कि संयुक्त परिवार अब टूट रहे हैं लेकिन यहां दोनों भाइयों की एक ही रसोई है। अब विजय की सफलता ने इनके इस संयुक्त परिवार को और मजबूती दी है। पिछले कई सालों से भले ही विजय लगातार मेडल जीत कर शूटिंग में अपना नाम कमा रहा है लेकिन इस परिवार का रहन-सहन बेहद सामान्य है। जब विजय किसी प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहा हो और यहां तक कि बीते रोज जब उसका ओलंपिक में अहम मुकाबला चल रहा था तो घर पर टीवी का सिगनल भी नहीं होने के कारण यह परिवार बाजार में किसी की दुकान पर लगे टीवी से जा चिपका। लेकिन अब इस परिवार के बच्चे आगे निकल रहे हैं और विजय पर इनका ज्यादा आशीर्वाद है।


दादी के साथ ही नींद लेता है विजय
जब भी घर आता है वह बेहद सामान्य युवक की तरह रहता है। उसका यहां न कोई संगी है न साथी। अकेला ही रहता है। इस साल 25 से 27 जनवरी तक वह तीन दिन के लिए घर आया था और अपनी दादी मां के दांत लगवा कर गया था। दादी मां का कहना है कि वह इन दांतों को तभी लगाती हैं जब वह घर पर होता है। वे ये भी कहती हैं कि उसके साथ ही उसका मोह है और वह अकेला नहीं सोता है। हमेशा दादी मां के साथ ही नींद लेता है।


लंबे इंतजार के बाद हिमाचल गौरव बने विजय
आखिरकार हिमाचल सरकार को ओलिपिंक शूटर विजय कुमार को हिमाचल गौरव पुरस्कार देना पड़ा। जैसे ही लंदन ओलंपिक में विजय के नाम सिल्वर मेडल घोषित हुआ। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने प्रदेश के पहले मेडल विजेता को हिमाचल गौरव पुरस्कार देने का एलान किया। विदेशी धरती पर 19 गोल्ड मेडल जीतने वाले विजय ने 10 मई 2012 को सरकार से पुरस्कार देने के लिए आवेदन किया था। लंदन ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने के बाद किसी भी तरह की प्रशासनिक औपचारिकता पूरी किए बिना सरकार ने विजय कुमार को हिमाचल गौरव पुरस्कार देने का एलान किया।

हिमाचल गौरव पुरस्कार 1992 में शुरू सरकार ने 1992 में हिमाचल गौरव पुरस्कार शुरू किया। हैरानी इस बात की है कि 2008 से पहले के पुरस्कार विजेताओं का रिकॉर्ड कम्प्यूटर में उपलब्ध नहीं है।

इंटरनेट पर बिकने को तैयार था एक मां का बेटा!

कनाडा की एक महिला के होश उस वक्त उड़ गए, जब उसने इंटरनेट पर अपने बेटे को बिकते हुए देखा। उसका बेटा कनाडा की 'प्रिंस जॉर्ज बाय सेल एंड ट्रेड' वेबसाइट पर बेचा जा रहा था।

फोर्ट सेंट जॉन शहर में रहने वाली इस महिला ने फेसबुक पर अपने बेटे की फोटो डाली थी। यहीं से किसी अपराधी ने उनके बेटे की फोटो उठाई और बिक्री करने वाली एक वेबसाइट पर डाल दी।

इस महिला ने जब अपने बेटे को वेबसाइट पर ऑनलाइन बिकते देखा तो वह डर गई और उसने तुरंत पुलिस को इस बात की सूचना दी। पुलिस की जांच के बाद अब महिला के बेटे की फोटो वेबसाइट से हटा दी गई है और अपराधी की तलाश की जा रही है।

रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस के अधिकारी स्टीव पेरट ने कहा कि शुरुआती जांच में यह मामला इंटरनेट पर शरारत का लगता है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कनाडा में ऑनलाइन एक मरा हुआ डॉगी बेचने की घटना सामने आई थी।

मेडल जीत कर भी मायूस है ये चैंपियन, यूं निकाल रहा है भड़ास

लंदन. लंदन ओलिंपिक की 25 मीटर रैपिड फायर शूटिंग स्पर्धा में देश को रजत पदक दिलाने वाले भारतीय निशानेबाज सूबेदार विजय कुमार को इस बात का दु:ख है कि उनके बारे में देशवासी ज्यादा नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा, "मैंने अब तक 45 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं फिर भी मीडिया ने मुझे ज्यादा तवज्जो नहीं दी।"

विजय ने यहां संवाददाताओं से कहा 'भारत से मेरे पास फोन आ रहे हैं। लोग मुझे छुपा रुस्तम बता रहे हैं। वे मेरे बारे में जानना चाहते हैं, पूछते हैं। यह सब देखकर मुझे कुछ बुरा भी लगता है लेकिन अब यह मेरी जिंदगी का हिस्सा है।'

26 वर्षीय विजय ने कहा, "मैं अपनी स्पर्धा में 2004 से अब तक राष्ट्रीय चैंपियन हूं। मैंने मेलबर्न कॉमनवेल्थ गेम्स में नए रिकॉर्ड के साथ दो स्वर्ण जीते। फिर दोहा एशियाड में एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज, चीन में विश्व चैंपियनशिप में एक सिल्वर, दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन गोल्ड और एक सिल्वर और ग्वांगझू एशियाड में दो कांस्य पदक जीते। फिर भी लंदन में मेरा पदक जीतना किसी को अचंभे में डालता है तो मैं कुछ नहीं कर सकता हूं।"

उन्होंने कहा, "मैं भी इंसान हूं। यह कहना झूठ होगा कि मैं मीडिया की बेरूखी से आहत नहीं होता हूं, लेकिन सच कहूं तो यही मेरे लिए वरदान साबित हुआ है। लाइमलाइट में नहीं होने से मैं अपने इवेंट पर पूरा ध्यान केन्द्रित कर सका और अब परिणाम आप सबके सामने है।"

उन्होंने कहा, "यह मेरा काम नहीं है कि मैं हर किसी को अपनी सफलताएं गिनाऊं और उपलब्धियों के बारे में बताऊं। मैं सैनिक हूं। कोई जनसंपर्ककर्मी नहीं। मैं लंदन में भी पदक को पक्का मानकर नहीं आया था, लेकिन बाकी खिलाड़ियों की ही तरह हमेशा चाहता था कि जीतूं। मैंने किसी से अपनी भावनाएं साझा नहीं की बल्कि खेल पर ध्यान दिया।"

अपनी पृष्ठभूमि के बारे में विजय ने कहा, "मैं 2001 में सेना में शामिल हुआ और 2003 में अधिकारियों को लगा कि मैं अच्छे निशाने लगा रहा हूं तो उन्होंने मुझे खेलों में आने के लिए प्रोत्साहित किया। मैं 2004 में राष्ट्रीय चैंपियन बना और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। बहुत अच्छा लगेगा जब भारत में और भी पदक विजेता पैदा होंगे।"