Wednesday, June 22, 2011

छह महीने के बाद उठाया घूंघट तो खुल गया राज


भोपाल. शादी के बाद ससुराल पहुंची दुल्हन ने जब लगातार लंबा घूंघट काढ़े रखा,तो ससुराल वालों को लगा कि बहू संस्कार वाली है, लेकिन जब उन्हें हकीकत पता चली तो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। दरअसल लड़की गंभीर नेत्र दोष से पीड़ित है। इसके अलावा उसे मिर्गी के भी दौरे आते हैं।
लड़के के परिजनों ने इसकी शिकायत गौतम नगर थाने में की,लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर उन्होंने कार्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर लड़की के परिजनों के खिलाफ धारा 420 का मामला दर्ज किया गया।
2009 में हुई थी शादी
नारियलखेड़ा निवासी अनुपम चौहान का विवाह उज्जैन निवासी संगीता चौहान से साल 2009 में हुआ था। क्षत्रिय समाज की पत्रिका की मेट्रिमोनियल में उसका फोटो और बायोडाटा देखने के बाद अनुपम ने लड़की को पसंद कर लिया। अनुपम अपने घरवालों के साथ जब उसे देखने गया तो वो हल्का घूंघट ओढ़े बैठी रही।
बातचीत के दौरान लड़की के पिता जय सिंह ने बताया कि उनकी बेटी माइक्रो बायोलॉजी से बीएससी कर रही है। उन्होंने अपनी जाति भी क्षत्रिय बताई। सब कुछ ठीक-ठाक देखकर दोनों परिवारों ने इस रिश्ते पर मुहर लगा दी।
शादी के बाद संगीता ससुराल पहुंची,तो ससुराल वालों ने उसे परदा करने से मना कर दिया, लेकिन संगीता न केवल सास-ससुर और जेठ से, बल्कि पति से भी परदा करती रही। अकेले में जब पति ने उसका चेहरा देखना चाहा, तो वो बेहोश हो गई। ये सिलसिला छह माह तक चला।
जब भी अनुपम पत्नी के पास जाता, तो वो बेहोश हो जाती और उसके मुंह से झाग निकलने लगता। अनुपम ने जब ये बात अपने घरवालों को बताई तो संगीता को डॉक्टर को दिखाया गया। डॉक्टर ने बताया कि उसे मिर्गी की बीमारी है। यही नहीं इस बात का भी खुलासा हुआ कि उसे एक आंख से तो बिल्कुल नहीं दिखता, दूसरी आंख से भी कम दिखाई देता है।
कई माह से झूठ का बोझ ढो रही संगीता ने आखिरकार सब कुछ सच-सच बता दिया कि उसका विवाह झूठ बोल कर किया गया। इस खुलासे के बाद संगीता अपने मायके चली गई और फिर नहीं लौटी। अनुपम के परिजनों संगीता के पिता के समक्ष इस बात का विरोध दर्ज कराया, तो उन्होंने उन्हें ही जान से मारने की धमकी दी।
दर्ज करो एफआईआर
चौहान परिवार ने कोर्ट में परिवाद लगाया। साक्ष्यों और बयानों के आधार पर मजिस्ट्रेट लोकेंद्र सिंह ने इस मामले में मंगलवार को एफआईआर दर्ज कर जांच के निर्देश दिए।

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