जयपुर. उत्तर भारत के कैप्टिव क्षेत्र के सबसे बड़े घड़ियाल प्रजनन केंद्र जयपुर जू में दस दिन पहले जन्मे 12 घड़ियालों को तालाब से नर्सरी में शिफ्ट किया गया। मंगलवार को डेढ़ घंटे चली इस प्रक्रिया के दौरान तालाब को आधे से अधिक खाली किया गया। जिस वक्त बच्चों को शिफ्ट किया जा रहा था, मादा घड़ियाल बहुत उदास थी।
तभी..तालाब का ही साथी कछुआ पास आकर बैठ गया। कछुए ने अपनी हरकतों से घड़ियाल का ध्यान खींचा तो घड़ियाल ने मुंह तले दबा लिया। कुछआ खोल में घुस गया। काफी देर जोर-झपटी के बीच घड़ियाल ने कछुए को अपने बच्चों-सा दुलार दिया। उसे कीचड़ में लोटपोट कर अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया और उसे अपनी पीठ की सैर भी कराई।
तभी..घड़ियाल का ध्यान फिर बच्चों की ओर गया। कछुआ उससे सटकर बैठा..दोनों काफी देर तक एकदक नर्सरी की ओर देखते रहे। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ.अरविंद माथुर के मुताबिक सभी बच्चों की लंबाई 30 से 43 सेंटीमीटर और वजन 100 से 110 ग्राम है। सभी बच्चे स्वस्थ हैं।
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