Saturday, June 18, 2011

यमदूत' संग चली एक घंटे जंग, मौत के मुंह से खींच लाया बेटा

आगरा। बेटा मां-बाप के जिगर का टुकड़ा होता है। उनको इस बात की तसल्ली होती है कि उनका बेटा बड़ा होकर बुढ़ापे का सहारा बनेगा। उनकी रक्षा करेगा। बच्चे के पैदा होने के बाद उसको पढ़ा-लिखा कर काबिल बनाना और उस समय उसकी रक्षा करना माता-पिता का कर्तव्य होता है। पर आगरा में एक पिता ने अपने मासूम बेटे के लिए मौत से ही जंग लड़ कर मिसाल कायमकर दी।
पिता खुद मौत के मुंह में फंसा था, लेकिन परवाह खुद की नहीं बेटे की। लगभग एक घंटे तक चली जंग के बाद यमदूत हार मानकर उल्टे पांव लौटने को मजबूर हो गए। और बाप ने बेटे की जान बचा ली।
मिली जानकारी के मुताबिक, यह घटना एत्मादपुर हाइवे की रात लगभग आठ बजे हुई। एत्मादपुर के मोहल्ला बीच पूर्वियान निवासी संजीव कुमार पुत्र ओम प्रकाश अपने मित्र हेमंत के साथ साई मंदिर से दर्शन कर स्कूटर पर घर लौट रहे थे। संजीव के साथ उनका एक साल का बेटा भी था, जिसे वह गोद में लेकर पीछे बैठे थे।
एत्मादपुर चौराहा पार करते स्कूटर को फीरोजाबाद की ओर से आते ट्रक ने चपेट में ले लिया। उसे अपने साथ करीब तीस मीटर तक घसीटता हुआ सड़क के दूसरी तरफ लेकर आ गया। उधर ट्रक के चपेट में आते ही पिता ने अपने एक साल के बेटे को अपनी गोद में महफूज कर लिया। उसके चारों ओर अपनी बांहों का मजबूत घेरा बनाकर सीने से भींच लिया, जिससे उसे चोट न आए।
मौके पर मौजूद ग्रामीणों को स्कूटर सवारों के साथ एक मासूम भी ट्रक के नीचे फंसा होने की जानकारी मिलने पर वह उसे बचाने की जद्दोजहद में जुट गए। ट्रक के अगले हिस्से में फंसे हेमंत को बाहर निकाला। जिसके बाद संजीव और उसके बेटे को सुरक्षित बाहर निकाला। पुलिस सूचना के एक घंटे बाद मौके पर पहुंची।
इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना सुन सिहर उठेंगे!

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