Thursday, June 16, 2011

लादेन का पता बताने वाला पाकिस्‍तानी मेजर गिरफ्तार


वाशिंगटन. पाकिस्तान का असली चेहरा फिर एक बार उजागर हुआ है। पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी आईएसआई ने अल कायदा चीफ ओसामा बिन लादेन के ऐबटाबाद में ठिकाने के बारे में अमेरिकी खूफिया एजेंसी सीआईए को ठोस जानकारी देने वाले जासूसों को गिरप्तार कर लिया है। इन्हीं जानकारियों के आधार पर अमेरिका ने ऐबटाबाद में ऑपरेशन लादेन को अंजाम दिया था। लेकिन इससे फिर एक बार जाहिर हो गया है कि पाकिस्तानी सेना में कई लोगों को लादेन के ठिकाने की जानकारी थी।

अमेरिका के अनुसार पाकिस्तान ने पांच सीआईए के जासूसों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक पाकिस्तानी सेना का मेजर भी शामिल है। इससे पाकिस्तान का झूठ एक बार फिर उजागर हो गया है। पाकिस्तान लगातार कहता रहा है कि उसे लादेन के ठिकाने की कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन अमेरिका का मानना है कि कम से कम कुछ लोग तो इस बारे में निश्चित ही जानते थे।

गिरफ्तार किए गए मेजर ने ओसामा बिन लादेन के पास आने वाले वाहनों और ओसामा की गाड़ियों के नंबर और दूसरी जानकारियां अमेरिका को दी थीं।

अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध लगातार बिगड़ रहे हैं। हाल ही में सीनेट की एक कमेटी की बैठक के दौरान सीआईए के डिप्टी डायरेक्टर माइकल जे मोरेल से पूछा गया कि 1 से 10 से पैरामीटर पर बताएं कि पाकिस्तान अमेरिका को आतंकवाद से लड़ने के मुद्दे पर कितना समर्थन दे रहा है, तो उन्होंने 3 का आंकड़ा बताया। याने अमेरिका पाकिस्तान की गतिविधियों से बिलकुल नाखुश है।
पाकिस्तान में गिरफ्तार सीआईए एजेंटों के साथ क्या सलूक किया जा रहा है, इस बारे में अभी कुछ पता नहीं है।

लेकिन अमेरिका ने इस मुद्दे पर अपना विरोध दर्ज करा दिया है। सीआईए डायरेक्टर लियोन ई पनेटा ने पाकिस्तान की सेना और आईएसआई से इस मुद्दे पर विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने हाल ही की पाकिस्तानी यात्रा के दौरान सेना और आतंकवादियों के संबंधों के ठोस सुबुत भी पेश किए थे।

अमेरिकी मीडिया में भी इसकी काफी आलोचना हो रही है। ‘द न्यूयार्क टाइम्स’ के अनुसार पाकिस्तान ने उन लोगों पर तो कोई कार्रवाई नहीं की, जिन्होंने  ओसामा बिन लादेन को शरण देने और छिपाने में मदद की थी, लेकिन जिन लोगों ने उसे मारने में मदद की, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी ने कहा कि सीआईए और आईएसआई आतंकवादियों के खिलाफ मिलजुल कर काम कर रहे हैं। इस मुद्दे पर वे इतना ही कहेंगे। उन्होंने सीआईए एजेंटों की गिरफ्तारी के बारे में कुछ नहीं कहा।

अमेरिका का मानना है कि अल कायदा अभी काफी कमजोर हुआ है औऱ इस समय कार्रवाई करने पर संगठन को तगड़ा झटका लगेगा, लेकिन पाकिस्तानी सेना अमेरिका को सहयोग नहीं दे रही है।

आपका मत

क्या इस घटना से फिर एक बार साबित नहीं हुआ है कि पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करना नहीं, बल्कि उन्हें बचाना चाहता है? क्या अब अमेरिका को पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करना चाहिए? इन सभी मुद्दों पर आप भी दे सकते हैं अपना मत। लेकिन किसी भी आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए पाठक स्वयं जिम्मेदार होंगे।


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