Monday, June 20, 2011

अमेरिका को पीछे छोड़ देगा भारत

भारतीय अर्थव्यवस्था अमेरिका को पीछे छोड़कर वर्ष 2050 तक खरीद क्षमता समतुल्यता (परचेजिंग पावर पैरिटी) के आधार पर विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। प्राइसवाटरहाउस ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है।

पीडब्ल्यूसी की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चीन को पछाड़कर सर्वोच्च स्थान पर काबिज होने की सामथ्र्य भी रखती है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन वर्ष २०२० तक अमेरिका को पीछे छोड़कर विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

पीडब्ल्यूसी इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंध सहयोगी और नेतृत्वकर्ता (मार्केट्स एंड इंडस्ट्रीज) जयराज पुरंदरे ने कहा कि भारत को अपनी विशाल जनसंख्या स्थिति का लाभ मिलेगा। इससे यह वर्ष 2050 तक खरीद क्षमता समतुल्यता के आधार पर विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2009 में खरीद क्षमता समतुल्यता के आधार पर भारत चौथे स्थान पर रहा है, जो वर्ष 2050 तक चीन के बाद दूसरे स्थान पर होगा।

अमेरिका फिसलकर तीसरे स्थान पर आ जाएगा। इसके अनुसार, भारत की विकास दर चीन से भी आगे निकल सकती है, क्योंकि देश की कामगार जनसंख्या युवा है और चीन के बजाए कार्यशील उम्र तेजी से बढ़ रही है। बाजार विनिमय दरों के आधार पर वैश्विक जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी में वर्ष २०५० तक भारी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

बाजार विनिमय दरों के आधार पर वैश्विक जीडीपी में भारत का हिस्सा वर्ष २००९ में २ फीसदी रहा है, जो वर्ष २०५० में बढ़कर १३ फीसदी होने के आसार हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था मेंं २०५० तक विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने की सामथ्र्य है। इस दौरान भारत का जीडीपी अमेरिका इकोनॉमी की ८३ फीसदी और खरीद क्षमता समतुल्यता के आधार पर इससे १४ फीसदी अधिक होगा।

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