Tuesday, October 30, 2012

जो यह निर्णय नहीं आता तो टूट जाता सचिन का सपना


नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सचिन तेंडुलकर को राज्यसभा में नामजद करने के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर, जस्टिस एसएस निज्जर और जी चेलमेश्वर की बेंच ने यह फैसला दिया। इस सिलसिले में दिल्ली व इलाहाबाद हाईकोर्ट में दो याचिकाएं लंबित हैं। बेंच ने इन याचिकाओं को अपने यहां स्थानांतरित करने से मना कर दिया।


दिल्ली के पूर्व विधायक राम गोपाल ङ्क्षसह सिसौदिया ने याचिका दायर की थी। जस्टिस कबीर ने कहा कि हम इस याचिका को सुनवाई योग्य नहीं मानते हैं। इसे खारिज करते हैं। उन्होंने मामले को शीर्ष कोर्ट में लाने पर नाखुशी भी जाहिर की। कोर्ट ने 14 मई को सचिन का नामांकन रद्द करने से इनकार कर दिया था। बेंच ने उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा था। सिसौदिया ने सचिन की नामांकन को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी। इसमें उन्होंने कहा कि सचिन में राज्यसभा में मनोनीत किए जाने के लिए संविधान में बताई कोई योग्यता नहीं है।

संविधान में कला, विज्ञान, समाज विज्ञान और साहित्य के चार क्षेत्रों से ही लोगों को राज्यसभा में नामांकित करने की बात कही गई है। खिलाड़ी का चयन असंवैधानिक है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सचिन को शपथ लेने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि कोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल से यह पता करने को कहा कि राज्यसभा में खिलाड़ी के नामांकन के लिए खेल की श्रेणी भी है या नहीं।

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