किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में वहां के राज्यों का अहम रोल होता है।
इन राज्यों के विकास की रफ्तार देश में विकास की दिशा तय करती है। भारत में
भी अर्थव्यवस्था में राज्यों का दखल कुछ ऐसा ही है। हालांकि, भारतीय
अर्थव्यवस्था में विकास का पहिया लगातार धीरे होता जा रहा है। वित्त वर्ष
2012-13 की पहली तिमाही में देश की जीडीपी 5.5 फीसदी ही रही है।
अर्थव्यवस्था की यह रफ्तार पिछले 10 सालों में किसी भी साल की पहली तिमाही
में सबसे कम है।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून 2012 तिमाही में देश की विकास दर में मामूली इजाफा हुआ है। वहीं, पिछले वर्ष की समान अवधि में यह दर 5.3 फीसदी थी। जानकार इस मामूली बढ़ोत्तरी के पीछे अर्थव्यवस्था से जुड़े फैसले लेने में दिख रही सरकारी सुस्ती को कारण मान रहे हैं।
इन सबके बीच देश जहां देश के विकास का रिपोर्ट कार्ड बहुत बेहतर नहीं है, वहीं भारत के अलग-अलग राज्यों में पिछले 5 सालों में विकास को लेकर मिला-जुला प्रदर्शन देखने को मिला है। पिछले 5 सालों के कंपाउंड (चक्रवृद्धि) वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) डाटा के आधार पर देश में सबसे ज्यादा विकास करने वाले राज्यों पर एक फोटो
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून 2012 तिमाही में देश की विकास दर में मामूली इजाफा हुआ है। वहीं, पिछले वर्ष की समान अवधि में यह दर 5.3 फीसदी थी। जानकार इस मामूली बढ़ोत्तरी के पीछे अर्थव्यवस्था से जुड़े फैसले लेने में दिख रही सरकारी सुस्ती को कारण मान रहे हैं।
इन सबके बीच देश जहां देश के विकास का रिपोर्ट कार्ड बहुत बेहतर नहीं है, वहीं भारत के अलग-अलग राज्यों में पिछले 5 सालों में विकास को लेकर मिला-जुला प्रदर्शन देखने को मिला है। पिछले 5 सालों के कंपाउंड (चक्रवृद्धि) वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) डाटा के आधार पर देश में सबसे ज्यादा विकास करने वाले राज्यों पर एक फोटो
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