अलगाव और आतंक अब पुरानी बात हुई। कश्मीरी युवाओं का फोकस अब कॅरियर पर है।
48 साल में राज्य से जहां 25 यूपीएससी सिलेक्शन हुए, वहीं पिछले चार साल
में 30 युवा चयनित हो चुके हैं। राज्य में स्कूल-कॉलेजों की संख्या नाकाफी
है और कोचिंग सुविधा तो न के बराबर। कश्मीर से सिलेक्ट होने वालों में
एमबीबीएस डॉक्टर सैयद सहरीश असगर शामिल हैं। उनकी 118वीं रैंक आई है। मूलत:
किश्तवाड़ की रहने वाली सहरीश अपनी कामयाबी से खुश हैं।
सहरीश असगर जम्मू-कश्मीर की पहली मुस्लिम महिला है जिसने भारतीय पुलिस सर्विस(आईपीएस) परीक्षा पास की। वह बताती हैं कि बचपन से ही उनका सपना अपने पिता की तरह बनना चाहती थीं। इनके पिता भी सिविल सर्विस में थे। असगर बताती हैं कि एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान ही सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दिया था। असगर बताती हैं कि किश्तवाड़ के लिए किसी महिला का आईएएस बनना एक सपने के समान है। असगर की पूरी कहानी आगे तस्वीरों की जुबानी।
सहरीश असगर जम्मू-कश्मीर की पहली मुस्लिम महिला है जिसने भारतीय पुलिस सर्विस(आईपीएस) परीक्षा पास की। वह बताती हैं कि बचपन से ही उनका सपना अपने पिता की तरह बनना चाहती थीं। इनके पिता भी सिविल सर्विस में थे। असगर बताती हैं कि एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान ही सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दिया था। असगर बताती हैं कि किश्तवाड़ के लिए किसी महिला का आईएएस बनना एक सपने के समान है। असगर की पूरी कहानी आगे तस्वीरों की जुबानी।
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