जयपुर/श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर के सरकारी अस्पताल में मेडिकल कॉलेज
की दावेदारी मजबूत करने के लिए बुधवार को उद्योगपति बी.डी. अग्रवाल ने एक
पल में 100 करोड़ रु. का चेक काट दिया।
इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो सवा सौ-डेढ़ सौ करोड़ का चैक काटने को हर समय तैयार हैं। जिला अस्पताल में मेडिकल कॉलेज के लिए अग्रवाल ने मेडिकल कॉलेज बनाओ संघर्ष समिति के सदस्यों को पंचायती धर्मशाला में 100 करोड़ का चेक सौंपा।
संघर्ष समिति ने कहा था कि अगर वे इस राशि का चेक समिति को सौंपते हैं तो कॉलेज की दावेदारी मजबूत होगी। अग्रवाल ने चेक सौंपते हुए कहा कि हमने जितने भी दान दिए हैं, वे सरकारी संस्थाओं को ही दिए हैं।
पता नहीं सरकार को श्रीगंगानगर में मेडिकल कॉलेज खोलने में क्या परेशानी है, जबकि यहां जमीन, पैसा और अन्य आवश्यक चीजें मौजूद हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि अब सरकारी मेडिकल कॉलेज को मंजूरी मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को केवल मेडिकल कॉलेज के लिए अनुमति देते हुए नए पद सृजित करने हैं। धर्मशाला संघर्ष समिति के संयोजक महेश पेड़ीवाल ने बताया कि कॉलेज की मांग को लेकर वे अपने साथियों के साथ शुक्रवार को विधानसभा पर प्रदर्शन भी करेंगे। कौन हैं बीडी अग्रवाल बी.डी. अग्रवाल श्रीगंगानगर के रहने वाले हैं। अग्रवाल विकास डब्ल्यूएसपी कंपनी के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। उनकी कंपनी विश्वभर में गवार गम निर्यात करती है। राजस्थान सहित कई राज्यों में ग्वार गम की फैक्ट्रियां हैं। वे सर छोटूराम किसान समिति के कार्यकारी अध्यक्ष हैं।
अग्रवाल ने अपने पिता सेठ मेघराज जिंदल के नाम पर ट्रस्ट बना रखा है और वे उसके मुख्य ट्रस्टी भी हैं। वे सेवा समिति के मुख्य संरक्षक के अलावा चौधरी छोटूराम द्वारा गठित जमींदारा पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए नेशनल यूनीनिस्ट पार्टी (प्रस्तावित) के संस्थापक भी हैं। अग्रवाल ने अपनी पार्टी का अंतरिम घोषणा-पत्र 29 सितंबर को जारी किया है। चाहते तो निजी कॉलेज खोल लेते अग्रवाल ने कहा कि वे चाहते तो इतने पैसे से निजी मेडिकल कॉलेज बना सकते थे, लेकिन उनकी दिली ख्वाहिश है कि सरकारी मेडिकल कॉलेज बने और यहां से बेहतरीन डॉक्टर निकलें। उन्हें सुकून तब मिलेगा जब यहां एक नामी मेडिकल कॉलेज शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वे दुकानदारी नहीं चलाना चाहते, बल्कि गरीब लोगों का भला चाहते हैं। मेडिकल कॉलेज में सरकार की सहभागिता होने से संचालन बेहतर होगा और गरीबों को सस्ता इलाज मुहैया होगा।
> 1976 में हरियाणा के सिवानी में 25 एकड़ में एक मेडिकल कॉलेज बना चुके हैं।
> सिवानी में ही 20 एकड़ में एक अन्य कॉलेज बनाया।
> अप्रैल में हजारों किसानों को 95 करोड़ का ग्वार बीज मुफ्त बांटा था।
> दस करोड़ रुपए गंगानगर नगर परिषद को सीवरेज के लिए दान दिए।
> श्रीगंगानगर में 48 करोड़ की छात्रवृत्ति वितरित, 2 करोड़ ट्रेडर्स एसोसिएशन भवन के लिए दान दिए।
इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो सवा सौ-डेढ़ सौ करोड़ का चैक काटने को हर समय तैयार हैं। जिला अस्पताल में मेडिकल कॉलेज के लिए अग्रवाल ने मेडिकल कॉलेज बनाओ संघर्ष समिति के सदस्यों को पंचायती धर्मशाला में 100 करोड़ का चेक सौंपा।
संघर्ष समिति ने कहा था कि अगर वे इस राशि का चेक समिति को सौंपते हैं तो कॉलेज की दावेदारी मजबूत होगी। अग्रवाल ने चेक सौंपते हुए कहा कि हमने जितने भी दान दिए हैं, वे सरकारी संस्थाओं को ही दिए हैं।
पता नहीं सरकार को श्रीगंगानगर में मेडिकल कॉलेज खोलने में क्या परेशानी है, जबकि यहां जमीन, पैसा और अन्य आवश्यक चीजें मौजूद हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि अब सरकारी मेडिकल कॉलेज को मंजूरी मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को केवल मेडिकल कॉलेज के लिए अनुमति देते हुए नए पद सृजित करने हैं। धर्मशाला संघर्ष समिति के संयोजक महेश पेड़ीवाल ने बताया कि कॉलेज की मांग को लेकर वे अपने साथियों के साथ शुक्रवार को विधानसभा पर प्रदर्शन भी करेंगे। कौन हैं बीडी अग्रवाल बी.डी. अग्रवाल श्रीगंगानगर के रहने वाले हैं। अग्रवाल विकास डब्ल्यूएसपी कंपनी के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। उनकी कंपनी विश्वभर में गवार गम निर्यात करती है। राजस्थान सहित कई राज्यों में ग्वार गम की फैक्ट्रियां हैं। वे सर छोटूराम किसान समिति के कार्यकारी अध्यक्ष हैं।
अग्रवाल ने अपने पिता सेठ मेघराज जिंदल के नाम पर ट्रस्ट बना रखा है और वे उसके मुख्य ट्रस्टी भी हैं। वे सेवा समिति के मुख्य संरक्षक के अलावा चौधरी छोटूराम द्वारा गठित जमींदारा पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए नेशनल यूनीनिस्ट पार्टी (प्रस्तावित) के संस्थापक भी हैं। अग्रवाल ने अपनी पार्टी का अंतरिम घोषणा-पत्र 29 सितंबर को जारी किया है। चाहते तो निजी कॉलेज खोल लेते अग्रवाल ने कहा कि वे चाहते तो इतने पैसे से निजी मेडिकल कॉलेज बना सकते थे, लेकिन उनकी दिली ख्वाहिश है कि सरकारी मेडिकल कॉलेज बने और यहां से बेहतरीन डॉक्टर निकलें। उन्हें सुकून तब मिलेगा जब यहां एक नामी मेडिकल कॉलेज शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वे दुकानदारी नहीं चलाना चाहते, बल्कि गरीब लोगों का भला चाहते हैं। मेडिकल कॉलेज में सरकार की सहभागिता होने से संचालन बेहतर होगा और गरीबों को सस्ता इलाज मुहैया होगा।
> 1976 में हरियाणा के सिवानी में 25 एकड़ में एक मेडिकल कॉलेज बना चुके हैं।
> सिवानी में ही 20 एकड़ में एक अन्य कॉलेज बनाया।
> अप्रैल में हजारों किसानों को 95 करोड़ का ग्वार बीज मुफ्त बांटा था।
> दस करोड़ रुपए गंगानगर नगर परिषद को सीवरेज के लिए दान दिए।
> श्रीगंगानगर में 48 करोड़ की छात्रवृत्ति वितरित, 2 करोड़ ट्रेडर्स एसोसिएशन भवन के लिए दान दिए।
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