जहां चाह, वहां राह। कुछ इसी तरह के अनूठे प्रयास उन गांवों में बिजली 
पहुंचाने के लिए किए जा रहे हैं जहां कोई पावर ग्रिड नहीं है। इन गांवों 
में ऐसे छोटे-छोटे पावर प्लांट लगाए जाएंगे जो खेत-खलिहान में इकट्ठा होने 
वाले कचरे से बिजली पैदा करेंगे। ये पावर प्लांट ऐसे होंगे जिनको आसानी से 
चलाया जा सकेगा और जिनकी मरम्मत में भी लोगों को कोई खास जहमत नहीं उठानी 
पड़ेगी। दरअसल, इन पावर प्लांटों को चलाने के लिए किसी इंजीनियरिंग ज्ञान 
की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसका मतलब यही है कि इन विद्युत संयंत्रों का संचालन
 स्थानीय निवासी भी आसानी से कर सकेंगे। 

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