Thursday, August 16, 2012

FACEBOOK पर गप्पा लड़ाने के पहले अब हो जाएं सावधान!

रायपुर। धरसींवा स्थित एसकेएस इस्पात के खाते में हाईटेक चोर विवेक तिवारी ने सेंध लगा दी। नौकरी से निकाले जाने के पहले उसने कंपनी की चेकबुक चुराकर कंपनी के मैनेजर के फर्जी हस्ताक्षर किए। बैंक में नकली आईडी और फर्जी फोटो के जरिये एक खाता खुलवाया। चुराए गए चेक से उसने फर्जी खाते में पैसे ट्रांसफर करवाकर निकाल लिए। बैंक खातों में अपनी तरह की नई तरकीब से चोरी का यह पहला केस है। पुलिस उसके तरीके को जानकार हैरान है।


एसकेएस इस्पात के खातों से छह महीने पहले दो लाख की चोरी हुई थी। बैंक का रिकार्ड देखने के बाद कंपनी के अधिकारी हैरान रह गए, क्योंकि पैसे संस्थान की चेक बुक से निकाले गए थे। उसमें मैनेजर के फर्जी हस्ताक्षर तो थे, लेकिन जिस खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए थे, उसका पता नहीं चल रहा था। बैंक खाता फोटो और स्थायी निवास के पते के बिना नहीं खुलता। बैंक में खाताधारी ने जो फोटो और पता दिया था, वहां उसका कुछ पता नहीं चल रहा था। आसपास के लोग भी उसे पहचान नहीं पा रहे थे। यानि चोर दूसरे इलाके का था।


टिकरापारा में हफ्तेभर पहले ऐसे मिलते-जुलते चेहरे का पता चला। कंपनी के कर्मचारियों के रिकार्ड की जांच में कोरबा में निवासी विवेक का पता चला। इतना क्लू मिलने के बाद पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के अधिकारी कोरबा पहुंचे और भेद खुल गया। उसके बाद कड़ी दर कड़ी एक-एक क्लू मिलने लगे और क्राइम ब्रांच की टीम चोर तक पहुंच गई। क्राइम ब्रांच टीआई आरके साहू ने बताया कि आरोपी टिकरापारा का विवेक कुमार तिवारी है, जो मूलत: कोरबा का है। तकरीबन डेढ़ साल पहले धरसींवा स्थित एसकेएस में उसने कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी की। इसी दौरान आरोपी विवेक ने चेकबुक के पांच पन्ने चुरा लिए थे। कुछ दिनों बाद आरोपी ने एक पूरी चेक बुक पार कर दी।

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