Saturday, August 4, 2012

कांप उठे दबंग, चौंक गया देश, जब यह 'मुन्ना' बना 'नरेश'

हत्या, अपहरण, लूट, जातीय हिंसा, पिछड़ापन ये सारे शब्द इस प्रदेश की पहचान बन चुके थे। देश ही नहीं पूरी दुनिया ने इस प्रदेश के सुधार की उम्मीद छोड़ दी थी, तब यहां की जनता ने दिया ऐसा जनादेश, जिसने मीडिया से लेकर बड़े-बड़े दिग्गजों की सारी गणित फेलकर दी। उस जनादेश के बाद जो नेता सामने आया उसका नाम था नीतीश कुमार। यह नाम देश ही नहीं दुनिया भर में विकास का पर्याय बन गया। ( और खबरों के लिए क्लिक करें )
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नीतीश के नेतृत्व में बिहार में बदलाव की एक ऐसी लहर चली, जिसने गुजरात जैसे राज्य को भी पीछे छोड़ दिया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पूरी दुनिया उनके बेहतरीन काम-काज के लिए जानती है। चाहे रेल मंत्री रहते हुए ई-टिकट प्रणाली या तत्काल सेवा की शुरुआत करवाना हो, या फिर बिहार का मुख्यमंत्री बनते ही शिक्षकों की बहाली करवाना, हर जगह उन्होंने आम लोगों के लिए काम किया।

प्रारंभिक जीवन

नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को नालंदा के कल्यानबीघा गांव में हुआ था। उनकी मां परमेश्वरी देवी घरेलू महिला थीं तो पिता कविराज राम लखन सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे। घर में नीतीश को 'मुन्ना' के नाम से जाना जाता था। नीतीश ने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और बिहार स्टेट इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड से जुड़ गए। कुछ माह बाद ही वे नौकरी छोड़कर राजनीति में सक्रिय हो गए।

राजनीतिक सफर की शुरुआत

राजनीति में उस वक्त इंदिरा गांधी की नीतियों के खिलाफ  में जय प्रकाश नारायण पूरे देश में आंदोलन कर रहे थे। ऐसे में नीतीश कुमार भी उनसे जुड़ गए। 1974 के इस छात्र आंदोलन ने केंद्र की इंदिरा सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाई थी। उस छात्र आंदोलन में कई युवा नेता उभर कर सामने आए, जिनमें लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार प्रमुख थे। तस्वीरों से जानिए और भी बहुत कुछ....

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