Thursday, August 16, 2012

मात्र 20 लाख रुपए दे दिए होते तो आज ‘लाहौर’ भारत में होता

वापी। सालों पहले स्वामी विवेकानंद और अरविंद जैसी महान विभूतियों ने 2021 तक भारत के सुपर पॉवर कहने की बात कह दी थी।


इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मेन डॉ. अब्दुल कलाम ने भी कहा था कि आने वाले समय में भारत महाशक्ति बनेगा। भारत के पास 2021 तक 65 प्रतिशत युवा होंगे और यही युवा भारत को महाशक्ति बनाएंगे। ये बातें मंगलवार को राष्ट्रवादी पत्रकार और विद्वान लेखक पदमश्री डॉ. मुजफ्फर हुसैन ने वापी स्थित वीआईपी हॉल में आयोजित एक परिसंवाद में कहीं थीं।


‘बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर’ विषय के अंतर्गत आयोजित इस परिसंवाद में डॉ. हुसैन ने लगभग सवा घंटे तक भारत के गरिमापूर्ण इतिहास और उसके भविष्य के बारे में व्यक्तव्य देते हुए कहा था कि इस समय महापुरुष स्वामी विवेकानंद की 150 जन्मजयंती मनाई जा रही है। विवेकानंद ने वर्षो पहले कहा था कि उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस की 150 पुण्यतिथि तक भारत विश्व की महाशक्ति बन जाएगा। उसके बाद महर्षि अरविंदो और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने भी 2021 तक भारत के महाशक्ति बनने की बात कही थी। लेकिन वर्तमान में भारत अनेक खंडों में विभाजित है, इसलिए महाशक्ति बनने के प्रश्न पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।


चीन अपने भार तले ही दब जाएगा :


डॉ. हुसैन ने भारतीय मजदूर संघ के स्थापक दत्तोपंत ठेंगडी को याद करते हुए कहा कि 1989 में ही ठेंगडीजी ने रशिया के खंडित हो जाने की बात कही थी और 1992 में ठीक ऐसा ही हुआ। रशिया कई टुकड़ों में बंट गया। दत्तोपंत ने यह भी कहा था कि अमेरिका का डॉलर भी इस समय तक कमजोर हो जाएगा।


और आज अमेरिका की स्थिति कैसी है, यह बात किसी से छुपी नहीं। आज चीन का बोलबाला है, लेकिन उसकी हालत डायनासोर की तरह हो जानी है। आगामी समय में वह अपने भार तले ही दब जाएगा। चीन के पूर्वी भाग का ही विकास हुआ है, लेकिन पश्चिम की हालत अच्छी नहीं। इसके अलावा ताईवान, हॉगकांग और तिब्बत जैसी कई बड़ी समस्याएं उसके आगे मुंह बाएं खड़ी हैं, जिनके आगे चीन टिक नहीं पाएगा।


मात्र 20 लाख रुपए दे दिए होते तो आज ‘लाहौर’ भारत में होता :


डॉ. हुसैन ने देश के विभाजन के समय की बात करते हुए कहा...ब्रिटिशर रेड क्लिफ ने हमारे देश का विभाजन किया था। तब पाकिस्तान के लाहौर में हिंदू बहुसंख्यक थे। इस समय लाहौर के आर्य समाज के प्रमुख, रेड क्लिफ से मिलने गए थे और रेड क्लिफ ने उनसे कहा था कि आप मुझे 20 लाख रुपए दे दो, लाहौर आपका हो जाएगा। लेकिन इस समय सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधीजी ने इसे लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई थी, वरना पाकिस्तान का लाहौर आज भारत का हिस्सा होता।

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