Tuesday, August 7, 2012

घास के छत वाले मकान से लंदन ओलिंपिक तक का सफर

हरसौर(हमीरपुर)। घास की छत वाले मकान की याद ताजा होते ही बांकूराम के परिजनों की आंखों से बरवस ही आंसू निकल जाते हैं। जब उनका बेटा विजय इस दुनिया में आया भी नहीं था तो उनका पापा एक छोटे से घास वाले मिट्टी से बने मकान में रहा करते थे। लेकिन एक रात ऐसी भी आई जब चूहों ने इस कच्चे मकान को अंदर ही अंदर से पूरी तरह जर्जर कर दिया और अगले ही दिन बरसात में यह मकान ढह गया तो उस बांकूराम की शादी नहीं हुई थी। उनकी मां ब्राह्मी देवी पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया था। बांकूराम के भाई पुरुषोत्तम चंद का आपसी प्यार आज उसी की याद ताजा करके इस परिवार को संयुक्त रूप से इकट्ठा रखे हुए है।


अब हरसौर में सड़क किनारे लंबा चौड़ा मकान पुराने उन दिनों की याद इन्हें ताजा करवाकर इस परिवार को एक सूत्र में बांधने में कामयाब हो रहा है। वजह ये है कि संयुक्त परिवार अब टूट रहे हैं लेकिन यहां दोनों भाइयों की एक ही रसोई है। अब विजय की सफलता ने इनके इस संयुक्त परिवार को और मजबूती दी है। पिछले कई सालों से भले ही विजय लगातार मेडल जीत कर शूटिंग में अपना नाम कमा रहा है लेकिन इस परिवार का रहन-सहन बेहद सामान्य है। जब विजय किसी प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहा हो और यहां तक कि बीते रोज जब उसका ओलंपिक में अहम मुकाबला चल रहा था तो घर पर टीवी का सिगनल भी नहीं होने के कारण यह परिवार बाजार में किसी की दुकान पर लगे टीवी से जा चिपका। लेकिन अब इस परिवार के बच्चे आगे निकल रहे हैं और विजय पर इनका ज्यादा आशीर्वाद है।


दादी के साथ ही नींद लेता है विजय
जब भी घर आता है वह बेहद सामान्य युवक की तरह रहता है। उसका यहां न कोई संगी है न साथी। अकेला ही रहता है। इस साल 25 से 27 जनवरी तक वह तीन दिन के लिए घर आया था और अपनी दादी मां के दांत लगवा कर गया था। दादी मां का कहना है कि वह इन दांतों को तभी लगाती हैं जब वह घर पर होता है। वे ये भी कहती हैं कि उसके साथ ही उसका मोह है और वह अकेला नहीं सोता है। हमेशा दादी मां के साथ ही नींद लेता है।


लंबे इंतजार के बाद हिमाचल गौरव बने विजय
आखिरकार हिमाचल सरकार को ओलिपिंक शूटर विजय कुमार को हिमाचल गौरव पुरस्कार देना पड़ा। जैसे ही लंदन ओलंपिक में विजय के नाम सिल्वर मेडल घोषित हुआ। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने प्रदेश के पहले मेडल विजेता को हिमाचल गौरव पुरस्कार देने का एलान किया। विदेशी धरती पर 19 गोल्ड मेडल जीतने वाले विजय ने 10 मई 2012 को सरकार से पुरस्कार देने के लिए आवेदन किया था। लंदन ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने के बाद किसी भी तरह की प्रशासनिक औपचारिकता पूरी किए बिना सरकार ने विजय कुमार को हिमाचल गौरव पुरस्कार देने का एलान किया।

हिमाचल गौरव पुरस्कार 1992 में शुरू सरकार ने 1992 में हिमाचल गौरव पुरस्कार शुरू किया। हैरानी इस बात की है कि 2008 से पहले के पुरस्कार विजेताओं का रिकॉर्ड कम्प्यूटर में उपलब्ध नहीं है।

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