नई दिल्ली। आठ
वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने वाले को तीस हजारी अदालत ने
पांच साल कैद और एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
तीस
हजारी अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रजनीश कुमार गुप्ता ने अपने फैसले
में कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा है कि 21 फरवरी 2010
में आरोपी वीरेंद्र शर्मा ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास
किया था।
वहीं, बचाव पक्ष
के वकील ने अदालत के समक्ष दलील रखी थी कि उसके मुवक्किल का नाबालिग लड़की
के चाचा के साथ पुराना विवाद था, जिसके चलते वीरेंद्र शर्मा को फंसाया जा
रहा है।
अदालत ने बचाव
पक्ष के वकील की दलील को न केवल खारिज कर दिया, बल्कि पीड़ित लड़की के बयान
को सही मानते हुए वीरेंद्र शर्मा को दोषी ठहराया। वीरेंद्र पर आरोप था कि
सब्जी खरीदने गई नाबालिग लड़की के साथ उसने जबरन दुष्कर्म का प्रयास किया।
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