रॉबिन
हुड की कहानी भले ही सदियों पुरानी हो चुकी हो, लेकिन उसका असर आज भी कई
जगह दिख रहा है। इन दिनों स्पेन के एंडालुसिया के छोटे से कस्बे के मेयर
जुआन मेनूएल सैन्चेज गॉरडिल्लो मॉर्डन-डे 'रॉबिन हुड' बन गए हैं।
वे एक सप्ताह से सेविले के मैरीनालेडा के आसपास के सुपरमार्केट्स की खाद्य सामग्री लूटकर गरीबों में बांट रहे हैं। उनका कहना है कि किसी को तो कुछ करना ही होगा, ताकि गरीबों का पेट भर सके। दरअसल, स्पेन में चल रही मंदी का असर एंडालुसिया क्षेत्र पर ज्यादा हुआ है। यहां पर बेरोजगारी दर 34 फीसदी हो गई है। कई लोगों को दो वक्त की रोटी तक नहीं मिल पा रही है।
इस स्थिति में सुधार लाने के लिए 53 वर्षीय मेयर गॉरडिल्लो जुआन ने अपने साथियों के साथ मिलकर आसपास के सुपरमार्केट्स में लूटपाट करना शुरू किया है।
जुआन एक कम्युनिस्ट नेता हैं और 33 सालों से मेयर हैं। वे रीजनल पार्लियामेंट के मेंबर भी हैं। इसी कारण अब तक उनकी गिरफ्तारी भी नहीं हो पाई है। जुआन स्वयं लूटपाट नहीं करते हैं, बल्कि सुपरमार्केट्स के बाहर खड़े होकर लाउड स्पीकर से अपने साथियों को निर्देश देते हैं।
जहां एक ओर स्थानीय प्रशासन उन्हें अपराधी करार दे रहा है, वहीं उनका कहना है कि वे केवल दूध, शक्कर, तेल, बीन्स, बिस्किट, पास्ता आदि ऐसे सामान लूट रहे हैं, जो गरीबों के लिए बहुत जरूरी हैं।
उनका कहना है कि इतना सामान तो सुपरमार्केट वाले रोज एक्सपायरी डेट हो जाने के कारण फेंक देते हैं। यदि सरकार मुझे गिरफ्तार करती है तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैं गरीबों का पेट भरने के आरोप में जेल जांऊ तो ये मेरे लिए सम्मान की बात है। वे कहते हैं कि ये लूट सरकार के मंदी को लेकर उपायों के प्रति एक सांकेतिक और शांतिपूर्ण जवाब है
वे एक सप्ताह से सेविले के मैरीनालेडा के आसपास के सुपरमार्केट्स की खाद्य सामग्री लूटकर गरीबों में बांट रहे हैं। उनका कहना है कि किसी को तो कुछ करना ही होगा, ताकि गरीबों का पेट भर सके। दरअसल, स्पेन में चल रही मंदी का असर एंडालुसिया क्षेत्र पर ज्यादा हुआ है। यहां पर बेरोजगारी दर 34 फीसदी हो गई है। कई लोगों को दो वक्त की रोटी तक नहीं मिल पा रही है।
इस स्थिति में सुधार लाने के लिए 53 वर्षीय मेयर गॉरडिल्लो जुआन ने अपने साथियों के साथ मिलकर आसपास के सुपरमार्केट्स में लूटपाट करना शुरू किया है।
जुआन एक कम्युनिस्ट नेता हैं और 33 सालों से मेयर हैं। वे रीजनल पार्लियामेंट के मेंबर भी हैं। इसी कारण अब तक उनकी गिरफ्तारी भी नहीं हो पाई है। जुआन स्वयं लूटपाट नहीं करते हैं, बल्कि सुपरमार्केट्स के बाहर खड़े होकर लाउड स्पीकर से अपने साथियों को निर्देश देते हैं।
जहां एक ओर स्थानीय प्रशासन उन्हें अपराधी करार दे रहा है, वहीं उनका कहना है कि वे केवल दूध, शक्कर, तेल, बीन्स, बिस्किट, पास्ता आदि ऐसे सामान लूट रहे हैं, जो गरीबों के लिए बहुत जरूरी हैं।
उनका कहना है कि इतना सामान तो सुपरमार्केट वाले रोज एक्सपायरी डेट हो जाने के कारण फेंक देते हैं। यदि सरकार मुझे गिरफ्तार करती है तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैं गरीबों का पेट भरने के आरोप में जेल जांऊ तो ये मेरे लिए सम्मान की बात है। वे कहते हैं कि ये लूट सरकार के मंदी को लेकर उपायों के प्रति एक सांकेतिक और शांतिपूर्ण जवाब है
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