Monday, July 4, 2011

Temple got 1 trillion of spending in the public interest to advise the Treasury on the attack


तिरुअनंतपुरम.श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में मिले अकूत खजाने को लेकर टिप्पणी करने वाले तर्कशास्त्री यू. कलानाथन के घर पर कुछ शरारती तत्वों ने हमला कर दिया। कलानाथन ने सलाह दी थी कि मंदिर में मिले खजाने का इस्तेमाल जन कल्याण के कामों के लिए किया जाना चाहिए।
पुलिस के अनुसार शनिवार रात अज्ञात लोगों द्वारा किए गए पथराव में कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन सामान का नुकसान हुआ।  केरल युक्ति वदी संगम के राज्य सचिव कलानाथन ने टीवी चैनलों पर मंदिर में मिले खजाने के उपयोग को लेकर हुई चर्चा में अपने विचार व्यक्त किए थे। कलानाथन ने अपने मकान पर हुए हमले को 'सांप्रदायिक तत्वों' का योजनाबद्ध हमला करार दिया।

यहां श्री पद्मनाभ स्‍वामी मंदिर के तहखाने में मिले खजाने की रकम बढ़ती ही जा रही है। शनिवार को और सोने की मूर्तियां, सिक्‍के व दूसरी चीजें मिलने से मंदिर के एक तहखाने में मिले खजाने का मूल्‍य 100000 करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा पहुंच गया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश में बनी समिति ने शनिवार को छठे दिन भी तहखाने की तलाशी जारी रखी। इसमें भगवना विष्‍णु की सोने की एक मूर्ति मिली। इस पर हीरे और रत्‍न भी जड़े हुए हैं। इस मूर्ति का मूल्‍य अभी नहीं आंका जा सका है। इसके अलावा 1-1 किलो वजन की शुद्ध सोने की कई आकृतियां ओर 18 फुट तक लंबे, 35 किलो वजनी गहने भी मिले। सिक्‍कों ओर कीमती पत्‍थरों से भरी बोरियां भी मिलीं। गैरआधिकारिक अनुमान के मुताबिक इस चैंबर ए से मिली संपत्ति का मूल्‍य 100000 करोड़ रुपये से भी अधिक पहुंच चुका है।
मंदिर में छह तहखाने हैं। इन्‍हें ए से एफ का नाम दिया गया है। शनिवार को चैंबर ए में मिले सामान का हिसाब-किताब निकालने का काम पूरा हो गया। बी और ई चैंबर को अभी खोला जाना बाकी है। चैंबर बी 1872 के बाद से नहीं खोला गया है। काम सोमवार को भी जारी रहेगा।
इन तहखानों से मिली संपत्ति के दस्तावेज सर्वोच्च न्यायालय में जमा किए जाएंगे। इसके बाद ही पद्मनाभ मंदिर के अकूत खजाने की सही कीमत का खुलासा किया जाएगा।
यह मंदिर भारत के सबसे धनवान मंदिर के रूप में सामने आ रहा है। इसलिए अब राज्‍य सरकार ने यहां सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है। मंदिर के आस-पास सशस्त्र पुलिस बलों की दो प्लाटून तैनात की गई हैं और मंदिर की फोटोग्राफी पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
कहा जाता है कि ट्रावनकोर राजाओं ने ब्रिटिश शासकों से बचाने के लिए विशाल खजाना इस मंदिर के तहखाने में छुपा कर रखा था। यह धन अकाल जैसी आपदा के समय खर्च करने के लिए था।
गौरतलब है कि तिरुअनंतपुरम के भगवान पद्मनाभ को त्रावणकोर रॉयल हाउस ट्रस्ट चलाता है। भगवान पद्मनाभ को यहां पारिवारिक देवता का दर्जा हासिल है। इतिहासकारों के मुताबिक ये मंदिर त्रावणकोर वंश के शासक राजा मार्तण्ड वर्मा ने 18वीं शताब्दी में बनवाया था। इससे पहले इस मंदिर के दो चैंबर सन 1880 में खोले गए थे। अब 130 साल बाद फिर मंदिर के गुप्त तहखानों और कमरों को खोला गया है। इतिहासकारों के मुताबिक इस बार जो खजाना मिला है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि यह मंदिर भारत ही नहीं दुनिया भर में शायद सबसे ज्यादा अमीर मंदिर है।
क्‍या-क्‍या मिला
सोने की छड़ों और रत्न आभूषण से भरे ७० बोरे और ७ बक्से • १००० किलो सोने का ढेर (चावल के आकार के दाने) • १७ किलो सोने के सिक्के ईस्ट इंडिया कंपनी के समय के • १४ किलो सोने के सिक्के त्रावणकोर टकसाल के • १०० सिक्के राशि वाले, नेपोलियन बोनापार्ट के समय के • १००० से ज्यादा सोने के हार १८ फीट लंबे • ३ सोने और हीरे जडि़त मुकुट • १० किलो सोने का एक नेकलेस • ४ सोने के हार दो-दो किलो वजन के • ५००० करोड़ रुपए के सोने-चांदी के बर्तन, मुकुट, सोने के छत्र, मशालें, छड़ें, राजदंडिका और राजदंड (छोटी लाठियां)। • १००० सोने की जंजीरें • ५-५ करोड़ रुपए की हीरे और सोने की सैकड़ों मुहरें • १ क्विंटल से ज्यादा के हार • १ लाख सोने-चांदी के सिक्के, मणिबंद और लॉकेट • २-२ किलो वजन वाली सोने और चंादी की अनगिनत छड़ें
रक्षा ताकत बढ़ाने के लिहाज से इतने पैसे में क्‍या कर सकते हैं
50 हजार करोड़ रु. में हम खरीद सकते हैं 595 एफ 16 युद्धक विमान (एक की कीमत करीब 84 करोड़ रु.)
> 2500 ड्रोन (एक की कीमत करीब 20 करोड़ रु.)
> भारत का रक्षा बजट - 1.64 लाख करोड़ रुपए
कई देशों के जीडीपी से तुलना करें तो...
देश जीडीपी
हंगरी 57.54 खरब रुपए
पेरू 56.54 खरब रुपए
न्यूजीलैंड 55.84 खरब रुपए
यूके्रन 50.66 खरब रुपए
कजाकिस्तान करीब 48.68 खरब रुपए
वियतनाम 40.98 खरब रुपए
मोरक्को 40.54 खरब रुपए
बांग्लादेश 39.87 खरब रुपए

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