Saturday, July 9, 2011

यह है वो अरबपति जिसने मंत्री की कुर्सी छीन ली


पूर्व संचार मंत्री और कपड़ा मंत्री दयानिधि मारन की कुर्सी छिनने के पीछे सबसे बड़ा हाथ भारतीय मूल के अरबपति बिजनेसमैन सी शिवशंकरन का है कभी ये दोनों एक दूसरे के गहरे दोस्त होते थे।

शिवशंकरन स्टार्लिंग ग्रुप और शिव वेंचर्स लिं के चैयरमैन हैं और उनकी कुल संपत्ति 4 अरब डॉलर से ज्यादा की है शिव वेंचर्स लि़मिटेड के तहत 33 कंपनियां हैं और वे लगभग सभी फील्ड में काम कर रही हैं।

चैन्ने में जन्मे शिवशंकरन ने 1980 में पर्सनल कंप्यूटरों की दुनिया में तहलका मचाया था उन्होंने बाजार से एक तिहाई कीमत पर पर्सनल कंप्यूटर बेचकर आपकी कंपनी स्टर्लिंग कंप्यूटर्स को जमा दिया। यह कंपनी उन्होंने टेनिस खिलाड़ी विजय अमृतराज के पिता रॉबर्ट अमृतराज से खरीदी थी।

शिवशंकरन ने अपना काम काज सिंगापुर के एक होटल से किया। 1997-98 में उन्होंने मोबाइल ऑपरेटर कंपनी एयरसेल की स्थापना की। यहीं कंपनी सारे विकार की जड़ बनी। शिवशंकरन चाहते थे कि यह कंपनी सारे भारत में पैर फैलाकर लेकिन तत्कालीन संचार मंत्री दयानिधि मारन ने 2005 में उन पर दबाव डालकर उनसे उसका हिस्सा मलेशिया की कंपनी मैक्सिम को बिकवा दिया।

शिवशंकरन सीशेल्स के नागरिक बन गए थे और उन्होंने चैन्ने में रहना भी छोड़ दिया था। कहा जाता है कि टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा से उनकी दोस्ती भी मारन को पसंद नहीं थी। शिवशंकरन ने टाटा टेलीसर्विसेज का दस प्रतिशत हिस्सा भी खरीद लिया था।

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