Tuesday, July 5, 2011

'बाल ठाकरे सोने का अंडा देने वाली मुर्गी'


वाशिंगटनलश्कर-ए-तैयबा ने शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की हत्या की साजिश नहीं रची थी। पाकिस्तानी मूल के आतंकी डेविड हेडली ने यह खुलासा किया है। हालांकि उसने कहा कि लश्कर ठाकरे को अमेरिका बुलाना चाहता था ताकि उनकी भड़काऊ टिप्पणियों से आईएसआई को फायदा हो सके। भारत में शिवसेना को एक प्रभावी संगठन करार देते हुए हेडली ने कहा कि ठाकरे की हत्या करना एक बेवकूफी भरा कदम होता और ऐसा करना सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को मारने जैसा होता।

दरअसल, लश्कर के अपने साथियों के साथ बातचीत में हेडली ने ठाकरे की हत्या के बारे में यह मजाक किया था। पाकिस्तानी मूल के एक अन्य संदिग्ध आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ सुनवाई के दौरान हेडली से वकील ने पूछा, ‘क्या लोगों की हत्या के बारे में लश्कर के लोग मजाक करते हैं?’ इस सवाल के जवाब में हेडली ने कहा, ‘हां। लश्कर के लोग ऐसा करते हैं। वे लोगों की हत्या करते हैं और इस बारे में मजाक भी करते हैं।’ हेडली से शिवसेना के राजा रेगे के साथ कथित मित्रता के संदर्भ में सवाल-जवाब करते समय ठाकरे की हत्या की साजिश का जिक्र आया था।

बकौल हेडली शिवसेना प्रमुख को अमेरिका बुलाने की साजिश रची गई थी। वकील ने हेडली से पूछा कि क्या यह सोचकर ठाकरे को अमेरिका बुलाने की योजना बनाई थी कि वह कुछ भड़काऊ बयान देंगे आईएसआई को फायदा मिलेगा? हेडली ने कहा- हां। ठाकरे के बयान वाले वीडियो का इस्तेमाल आईएसआई यह कहकर करती कि अमेरिका आतंकियों की मेहमान नवाजी कर रहा है। वकील ने पूछा, ‘जब ठाकरे को यहां लाने की कोशिश की जा रही थी तो क्या तुम लोग उनकी हत्या नहीं करते?’

हेडली ने कहा, ‘नहीं, अगर ऐसा मैं चाहता भी तो इसे अंजाम देना मूर्खतापूर्ण कदम होता। किसी को धन खर्च कर यहां लाया जाए और फिर उसे मार दिया जाए, यह कदम बेवकूफी भरा होता।’ हेडली ने कहा- हमारी योजना ठाकरे को मारने की नहीं थी, बल्कि हम उनके संगठन को नुकसान पहुंचाना चाहते थे।

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