नई दिल्ली. भारत की टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा ने एक बार फिर देश को गौरान्वित किया है। सानिया विश्व महिला डबल्स रैंकिंग में दूसरे पायदान पर आने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। लेकिन इन सब उपलब्धियों के बावजूद भारतीयवासियों में उनके प्रति हीन भावना निहित है। आखिर ऐसा क्यों?
सानिया मिर्जा ने रूढ़ीवादी धारणाओं को तोड़ते हुए अपनी एक अलग पहचान बनाई है। महिला टेनिस को नया जीवन देने वाली सानिया की सभी सफलताओं पर उनका एक फैसला भारी पड़ गया है। पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से शादी करने के फैसले ने देशभर के खेल प्रेमियों को सानिया के खिलाफ कर दिया है।
सानिया ने 6 साल की उम्र से खेलना शुरु किया था। 6 साल की सानिया को जब उनकी मां एक प्रोफेशनल कोच के पास ट्रेनिंग के लिए लेकर गईं तो उस कोच ने इतनी छोटी बच्ची को प्रशिक्षण देने से इनकार कर दिया था। लेकिन कुछ दिनों बाद खुद कोच ने सानिया के माता-पिता से कहा कि इतनी प्रतिभाशाली खिलाड़ी उन्होंने आज तक नहीं देखी।
सानिया के करियर की कुछ खास उपलब्धियां इस प्रकार से हैं...
# साल 2003 में रूसी खिलाड़ी एलिसा क्लेबानोवा के साथ मिलकर सानिया ने विंबलडन चैंपियनशिप गर्ल्स डबल्स खिताब अपने नाम किया।
# साल 2005 यूएस ओपन टूर्नामेंट के चौथे राउंड में जगह बनाकर रचा इतिहास।
# विश्व की टॉप 10 खिलाड़ियों में शुमार रहीं नादिया पेत्रोवा और स्वेतलाना कुजनेत्सोवा को दी शिकस्त।
# 2005 ऑस्ट्रेलियन ओपन सिंगल्स के तीसरे राउंड में पहुंचने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी। तीसरे राउंड में सेरेना विलियम्स से खायी मात।
# 2005 में हैदराबाद ओपन टेनिस टूर्नामेंट जीतकर फिर किया कमाल। ये उपलब्धि पाने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी।
# साल 2007 यूएस ओपन डबल्स मुकाबले के क्वार्टरफाइनल तक पहुंची।
# 2011 फ्रेंच ओपन के फाइनल तक पहुंची सानिया मिर्जा, रचा इतिहास।
# 2011 विंबलडन डबल्स के सेमीफाइनल और मिक्सड डबल्स के क्वार्टरफाइनल तक पहुंची।
# 2009 ऑस्ट्रेलियन ओपन के मिक्सड डबल्स खिताब की विजेता।
# 2006 दोहा एशियन गेम्स के मिक्सड डबल्स में गोल्ड मेडल, सिंगल्स में सिल्वर।
सानिया मिर्जा मौजूदा टेनिस डबल्स रैंकिंग में दूसरे पायदान पर हैं। सानिया हमेशा से खुद को भारतीय खिलाजड़ी कहती रही हैं। मुंबई में जन्मीं सानिया मिर्जा को क्या भारतीय प्रशंसक अब स्वीकार नहीं करेंगे। शादी एक निजी फैसला होता है। सिर्फ उसके आधार पर किसी खिलाड़ी को नजरअंदाज करना क्या सही है। सानिया को आज भी भारतीय दल में शामिल किया जाता है। सानिया की इस उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई।
शुभकामनाएं - सानिया मिर्जा को वर्ल्ड रैंकिंग में दूसरे पायदान पर आने के लिए बधाई दें।
सानिया मिर्जा ने रूढ़ीवादी धारणाओं को तोड़ते हुए अपनी एक अलग पहचान बनाई है। महिला टेनिस को नया जीवन देने वाली सानिया की सभी सफलताओं पर उनका एक फैसला भारी पड़ गया है। पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से शादी करने के फैसले ने देशभर के खेल प्रेमियों को सानिया के खिलाफ कर दिया है।
सानिया ने 6 साल की उम्र से खेलना शुरु किया था। 6 साल की सानिया को जब उनकी मां एक प्रोफेशनल कोच के पास ट्रेनिंग के लिए लेकर गईं तो उस कोच ने इतनी छोटी बच्ची को प्रशिक्षण देने से इनकार कर दिया था। लेकिन कुछ दिनों बाद खुद कोच ने सानिया के माता-पिता से कहा कि इतनी प्रतिभाशाली खिलाड़ी उन्होंने आज तक नहीं देखी।
सानिया के करियर की कुछ खास उपलब्धियां इस प्रकार से हैं...
# साल 2003 में रूसी खिलाड़ी एलिसा क्लेबानोवा के साथ मिलकर सानिया ने विंबलडन चैंपियनशिप गर्ल्स डबल्स खिताब अपने नाम किया।
# साल 2005 यूएस ओपन टूर्नामेंट के चौथे राउंड में जगह बनाकर रचा इतिहास।
# विश्व की टॉप 10 खिलाड़ियों में शुमार रहीं नादिया पेत्रोवा और स्वेतलाना कुजनेत्सोवा को दी शिकस्त।
# 2005 ऑस्ट्रेलियन ओपन सिंगल्स के तीसरे राउंड में पहुंचने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी। तीसरे राउंड में सेरेना विलियम्स से खायी मात।
# 2005 में हैदराबाद ओपन टेनिस टूर्नामेंट जीतकर फिर किया कमाल। ये उपलब्धि पाने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी।
# साल 2007 यूएस ओपन डबल्स मुकाबले के क्वार्टरफाइनल तक पहुंची।
# 2011 फ्रेंच ओपन के फाइनल तक पहुंची सानिया मिर्जा, रचा इतिहास।
# 2011 विंबलडन डबल्स के सेमीफाइनल और मिक्सड डबल्स के क्वार्टरफाइनल तक पहुंची।
# 2009 ऑस्ट्रेलियन ओपन के मिक्सड डबल्स खिताब की विजेता।
# 2006 दोहा एशियन गेम्स के मिक्सड डबल्स में गोल्ड मेडल, सिंगल्स में सिल्वर।
सानिया मिर्जा मौजूदा टेनिस डबल्स रैंकिंग में दूसरे पायदान पर हैं। सानिया हमेशा से खुद को भारतीय खिलाजड़ी कहती रही हैं। मुंबई में जन्मीं सानिया मिर्जा को क्या भारतीय प्रशंसक अब स्वीकार नहीं करेंगे। शादी एक निजी फैसला होता है। सिर्फ उसके आधार पर किसी खिलाड़ी को नजरअंदाज करना क्या सही है। सानिया को आज भी भारतीय दल में शामिल किया जाता है। सानिया की इस उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई।
शुभकामनाएं - सानिया मिर्जा को वर्ल्ड रैंकिंग में दूसरे पायदान पर आने के लिए बधाई दें।
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