Wednesday, July 6, 2011

मां की ममता और पति के प्यार पर भारी पड़ा यह 'दोस्ताना'


पटना। पूरे दिन के हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद आखिर सुमन मायके की राह चल पड़ी। उसकी अजीज दोस्त गीता का साथ छूट गया। महिला हेल्प लाइन की प्रभारी प्रमिला की पहल पर सुमन अपने पिता के साथ लखीसराय लौट गई। गीता के साथ आजादी से रहने के लिए ही उसने मंगलवार को पूरा ड्रामा रचा था।
उसे न तो ससुराल का मोह था ना ही मायके का। ड्रामे के दौरान कुछ समय के लिए यह लगा कि सुमन और गीता के बीच का संबंध दोस्ती से बढ़ कर कुछ और है। सुमन के पिता ने गीता पर आरोप लगाया कि वह लड़कियों को गुमराह कर उनका शोषण करती है। इधर गीता ने सुमन के परिजनों पर आरोप लगाया कि सुमन को वे लोग अंधेर नगरी में धकेलना चाहते हैं। वह सिर्फ एक दोस्त के नाते उसकी मदद कर रही है।
ममता पर भारी गीता की दोस्ती
लखीसराय की मेदनी चौक निवासी सुमन की दोस्ती 2003 में गीता के साथ हुई थी। दोस्ती इतनी गहरी साबित हुई कि सुमन को ससुराल रास नहीं आया। 2005 में मुंगेर निवासी आलोक से उसकी शादी हुई थी। एक साल बाद उसकी गोद में एक बच्चे की किलकारी गूंज रही थी। लेकिन एक मां की ममता और पति का प्यार भी दोस्ती के आगे कमजोर पड़ गई। वर्ष 2006 में सुमन ने ससुराल छोड़ दिया। वह गीता के साथ उसके घर पटना के मित्रमंडल कॉलोनी में रहने लगी थी।
ससुराल व मायके वालों पर प्रताड़ना का मुकदमा
बात यहीं खत्म नहीं हुई। पहले तो सुमन ने ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करा दिया। सुमन और गीता की दोस्ती पर मायके में सवाल उठे। सवाल का जवाब सुमन ने दमदार तरीके से दिया। वह पटना आई और अपने पिता के खिलाफ महिला हेल्प लाइन में प्रताड़ना की सूचना दर्ज कराई। महिला हेल्प लाइन की प्रभारी प्रमिला कुमारी ने बताया कि सुमन अपनी आजादी चाहती थी।

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