दोहा. ओसामा बिन लादेन के एक बेटे उमर लादेन ने कहा है कि वह अपने परिवार को पाकिस्तान के चंगुल से छु़ड़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ काम कर रहे हैं। ओसामा और अपने परिवार की ज़िंदगी को लेकर एक किताब लिखने वाले उमर लादेन ने ओसामा की मौत पर भी शक जताया है।
उमर का मानना है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ओसामा की मौत की तस्वीरें जारी नहीं करने का फैसला ही उनके शक की बुनियाद है। उमर ने कहा, 'मैं पाकिस्तान के नेताओं को एक संदेश देना चाहता हूं। उन्हें ओसामा बिन लादेन के बच्चों और ओसामा की बीवियों की मदद करनी चाहिए और वे जहां जाना चाहें जाने देना चाहिए। पाकिस्तान सरकार की उनकी सुरक्षा करनी चाहिए क्योंकि बच्चे और महिलाएं हैं।'
नई पीढ़ी नहीं मानती थी लादेन की बात
अमेरिकी और पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक लादेन अल कायदा कमांडरों की नई पीढ़ी के संपर्क में नहीं रहता था जो उत्तरी पाकिस्तान में उसके छुपे रहने के दौरान उसकी सलाह पर गौर नहीं करते थे। इससे कुछ अमेरिकी अधिकारियों की यह राय झूठी साबित होती है कि बिन लादेन एबटाबाद की अतिसुरक्षित हवेली से अल कायदा का नियंत्रण करता था।
अधिकारियों का कहना है कि बिन लादेन पूरी तरह अल कायदा के नियंत्रण में नहीं था हालांकि वह खुद ही संगठन से जुड़ा रहना चाहता था, भले ही उसकी बात कोई सुने या नहीं। एबटाबाद की हवेली से मिले सबूतों के बारे में मीडिया को जानकारी देने वाले अमेरिकी अधिकारी ने कहा, 'वह बूढ़ा हो चला था और कोई भी उसकी बात नहीं सुनता था। अल कायदा के युवा लड़ाके कभी उसके साथ सीधे तौर पर काम नहीं करते थे। लादेन यदि किसी चीज को सही कहता था तो भी युवा लड़ाके उसकी सलाह को अनसुना कर देते थे।'
आपकी राय
क्या पाकिस्तान ओसामा बिन लादेन के बीवी-बच्चों के साथ नाइंसाफी कर रहा है? क्या पाकिस्तान को उन्हें छोड़ देना चाहिए? इस मुद्दे पर अपनी संतुलित राय जाहिर करें। आप अपनी टिप्पणी के लिए जिम्मेदार होंगे
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