Friday, July 1, 2011

खाने की थाली में नहीं धोना चाहिए हाथ क्योंकि...


भोजन या खाना हमारे जीवन की अनिवार्य आवश्यकताओं में से एक है। हमारी हिन्दू संस्कृति में अन्न को देवता माना जाता है। इसीलिए भोजन का सम्मान किया जाता है। प्राचीन समय में इसीलिए भोजन को बाजोट यानी लकड़ी के पटिए पर रखकर ग्रहण किया जाता था।

इसका कारण भी भोजन के प्रति सम्मान की भावना रखना ही था। इसीलिए जब कभी किसी खाने के बर्तन पर अगर गलती से पैर लग जाता है तो  कहा जाता है कि भोजन से क्षमा याचना करना चाहिए।

इसके अलावा हमारे यहां खाने की थाली में हाथ धोना भी उचित नहीं माना जाता है। जैनधर्म में तो भोजन के हर एक दाने को इतना सम्मान दिया जाता है कि इस धर्म के कई लोग थाली को धोकर पी लेते हैं। हिन्दू धर्म के भी कई लोग इसका पालन करते हैं। शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि भोजन की थाली में हाथ धोने से मां लक्ष्मी रूष्ट हो जाती हैं और दरिद्रता आती है।

चूंकि हमारी संस्कृति में अन्न को देवता माना जाता है। इसलिए कहा जाता है कि भोजन की थाली में हाथ धोने से अन्न देवता का अपमान होता है। दरअसल इस मान्यता के पीछे का मुख्य कारण यही है कि सभी भोजन के हर एक दाने का सम्मान करें और उसकी अहमियत को समझें। भोजन का एक दाना भी व्यर्थ नहीं जाए। इसी कारण यह मान्यता बनाई गई।

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