Thursday, April 5, 2012

छात्रा निकली हाईटेक, गूगल की मदद से झोंक रही थी आंखों में धूल

शिमला. पहले पर्चियां फिर फर्जी आंसरशीट। अब एक छात्रा इससे भी ज्यादा हाईटेक निकली। राजकीय कन्या महाविद्यालय में मोबाइल इंटरनेट की मदद से कैमिस्ट्री का पेपर दे रही एक छात्रा देते रंगे हाथ पकड़ी गई। मामला 21 मार्च का बताया जा रहा है।





कॉलेज प्रशासन ने छात्रा की आंसरशीट और मोबाइल कब्जे में लेकर इसे यूनिवर्सिटी प्रशासन के सुपुर्द कर दिया है। कॉलेज प्रशासन के अनुसार 21 मार्च को बीएससी फाइनल ईयर की कैमिस्ट्री विषय की परीक्षा थी। छात्रा ने मोबाइल को साइलेंट मोड पर रख दिया।




जैसे ही परीक्षा शुरू हुई कि छात्रा ने क्लासरूम इंचार्ज की नजरों से बचते हुए मोबाइल इंटरनेट चलाना शुरू कर दिया। क्लासरूम इंचार्ज की नजर इस पर पड़ गई। बाद में इंचार्ज ने छात्रा की आंसरशीट ले ली और इसका मोबाइल भी कब्जे में ले लिया। प्रिंसिपल नरेश महाजन का कहना है कि छात्रा इंटरनेट की मदद से प्रश्नों का उतर लिख रही थी। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रशासन तत्परता से काम करेगा।



लाइब्रेरी कार्ड से नकल
आरकेएमवी में बुधवार को फिलॉसफी विषय की परीक्षा दे रही एक छात्रा लाइब्रेरी कार्ड से नकल करते हुए पकड़ी गई। छात्रा अपने विषय के सभी मुख्य प्रश्नों के उतर अपने और अपनी सहेली के लाइब्रेरी कार्ड पर लिखकर आई थी। परीक्षा हॉल में बैठी यह छात्रा शिक्षकों से बचते हुए अपने लाइब्रेरी कार्ड के पिछले पन्नों पर लिखे जवाब को उतारने लगी।


लाइब्रेरी कार्ड पर पहले तो किसी को शक नहीं हुआ लेकिन बाद में एक शिक्षक ने इसकी चालाकी पकड़ ली। शिक्षक ने जब इसका लाइब्रेरी कार्ड चेक किया तो पता चला कि कार्ड के पिछले चार पन्ने उत्तरों से भरे पड़े हैं। वहीं, इसके पास से सहेली का एक लाइब्रेरी कार्ड भी बरामद हुआ।


इस पर भी कुछ उत्तर लिखे गए थे। शिक्षक ने इसकी शिकायत तुरंत केंद्र अधीक्षक और कॉलेज प्रिंसिपल नरेश महाजन को की। बाद में छात्रों से दोनों लाइब्रेरी कार्ड और आंसरशीट ले ली गई। प्रिंसिपल नरेश महाजन का कहना है कि छात्रा लाइब्रेरी कार्ड पर ही उतर लिखकर आई थी। शिक्षकों को नकल रोकने के निर्देश दिए गए हैं और इसी का नतीजा है कि इस बार करीब ६ मामले पकड़े गए।

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