Monday, April 9, 2012

जज्बा ऐसा कि आंखें बंद थीं, पर चौके-छक्के बरसते रहे..

पटना। क्रिकेट पीच पर सिर्फ सूरदास थे पर बॉल बाउंड्री के पार ही नजर आ रहा था। यह नजारा रविवार को पटना के संजय गांधी स्टेडियम में दिखा। मैदान में नेत्रबाधितों की टीम आंखों पर पट्टी बांध कर फिल्डिंग कर रही थी।



पीच पर भी नेत्रहीन युवक हाथ में बल्ला थामे तैनात थे और बॉल की कमान भी ऐसे ही एक युवक के हाथ में थी। नेशनल एसोसिएशन फॉर दी ब्लाइंड संस्था की ओर से आयोजित क्रिकेट मैच अंतर्राष्ट्रीय मानक पर खेला गया। मैच में बिहार और झारखंड की टीम ने हिस्सा लिया।



राहुल को मैन ऑफ दी मैच का खिताब



मैन ऑफ दी मैच के साथ बेस्ट बैट्समैन का खिताब बिहार टीम के खिलाड़ी राहुल को मिला। इसके अतिरिक्त झारखंड टीम के त्रिलोचन को बेस्ट बॉलर और नितिन को बेस्ट फिल्डर का खिताब मिला।



छह विकेट से बिहार जीता



20 ओवर के मैच में बिहार टीम ने झारखंड को 6 विकेट से हराया। टॉस जीतने के बाद झारखंड की टीम ने बैटिंग की। 20 ओवर में सभी विकेट खो कर 250 रन बनाए। जवाबी पारी में बिहार ने 15वें ओवर में ही पांच विकेट के नुकसान पर 251 रन बना कर मैच जीत लिया।



हौसले से हासिल होगी मंजिल



नेत्रबाधितों के इस मैच का रोमांच ही था कि एनसीसी के मेजर जनरल राजपाल सिंह और विधान पार्षद गंगा प्रसाद उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे। राजपाल सिंह ने कहा कि इंसान के हौसले बुलंद हो तो हर मुकाम हासिल कर सकता है। आंखें नहीं तो क्या जज्बा तो है जो इंसान को सफलता की चोटी पर पहुंचा सकता है।

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