नागपुर. रामनगर
चौक के पास अतिक्रमण तोड़ू दस्ते का जमकर विरोध हुआ। गुरुवार की दोपहर उस
वक्त तनावपूर्ण स्थिति बन गई, जब कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे मनपा आयुक्त
संजीव जायस्वाल ने एक व्यापारी नेता को हाथ मार दिया।
व्यापारी
नेता के समर्थन में बड़ी संख्या में व्यापारी जमा हुए। विरोध व तनाव की
स्थिति को देखते हुए मनपा आयुक्त कार्रवाई को अधूरी छोड़कर लौट आए।
पूरे
घटनाक्रम के दौरान पुलिस दल भौंचक रहा। शिकायत थाने तक पहुंची, लेकिन उच्च
स्तर से दखल अंदाजी के चलते डायरी में दर्ज नहीं हो पायी। मनपा आयुक्त ने
कहा है कि व्यापारी ने विरोध तो किया, लेकिन तनाव की स्थिति नहीं बनी।
‘अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई’ का इस तरह विरोध होते रहता है। अतिक्रमण हटाओ
कार्रवाई जारी रहेगी।
गौरतलब
है कि शहर में बढ़ते अतिक्रमण को हटाने का आदेश न्यायालय ने दिया है।
गुरुवार को अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई का छठवां दिन था। इसके पूर्व, मनपा
प्रशासन ने सेंट्रल एवेन्यू के अलावा काटन मार्केट, धंतोल व सीताबडऱ्ी
क्षेत्र में अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई की।
विरोध
की संभावना को देखते हुए पुलिस आयुक्त डॉ. अंकुश धनविजय, मनपा आयुक्त
संजीव जायस्वाल ‘अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई’ का नेतृत्व कर रहे हैं। बड़ी
संख्या में पुलिस बल तोड़ू कार्रवाई के दौरान उपस्थित रहता है।
गुरुवार
को धरमपेठ जोन के विभिन्न क्षेत्रों से करीब 125 अतिक्रमण हटाए गए।
गोकुलपेठ बाजार परिसर, गोकुलपेठ बाजार मुख्य मार्ग व रामनगर की ओर जानेवाले
मार्ग से अतिक्रमण हटाया गया। किराना, हार्डवेयर, जेराक्स के अलावा फुटपाथ
से लगी उन दुकानों के भी अतिक्रमण हटाए गए, जहां अवैध निर्माण कार्य किया
गया था।
बताया
जाता है कि रामनगर चौक के पास एक कूलर दुकान से सामान जब्त किये जाने के
दौरान तनाव हुआ। गोकुलपेठ व्यापारी संगठन के कोषाध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने
अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई के बारे में मनपा आयुक्त से कुछ पूछताछ की तो
आयुक्त ने उन्हें वहां से तुरंत बाहर जाने के लिए कहा।
व्यापारी
ने आयुक्त के व्यवहार का विरोध जताया, तो उसे आयुक्त ने कथित तौर से
थप्पड़ मार दिया। कुछ देर में ही वहां व्यापारी के समर्थन में लोग जमा हो
गए। तनाव की स्थिति को देखते हुए मनपा आयुक्त अपनी कार में सवार होकर
घटनास्थल से लौट गए।
वहां
मौजूद कुछ अधिकारियों को व्यापारियों के विरोध का सामना करना पड़ा।
अधिकारियों में रवींद्र कुंभारे, जी.डी जांभुलकर, राहुल वारके, महेश
मोरोणो, दिलीप जामगड़े, मारोती निनावे शामिल थे। घटना को लेकर कुछ व्यापारी
अंबाझरी थाने में पहुंचे। मनपा आयुक्त के विरुद्घ शिकायत भी दी, लेकिन
मामला दर्ज नहीं हो पाया।
मारपीट नहीं : जैस्वाल
व्यापारी
से मारपीट नहीं की गई। कार्रवाई के दौरान व्यवधान को रोकने के लिए सख्त
भूमिका जरूर अपनानी पड़ी। कार्रवाई जारी रहेगी। - संजीव जैस्वाल, मनपा
आयुक्त
पुलिस की भूमिका अशोभनीय
मनपा
आयुक्त का व्यवहार अकल्पनीय था। उन्होंने अपने पद की गरिमा का ध्यान नहीं
रखा। पुलिस की भूमिका भी अशोभनीय है। पुलिस मूकदर्शक बनी रही। थाने में भी
सहयोग नहीं मिला। - प्रमोद अग्रवाल, शिकायतकर्ता व्यापारी
न्यायालय जाएंगे
मनपा
आयुक्त के विरुद्घ न्यायालय जाएंगे। प्रमोद अग्रवाल के साथ हुए व्यवहार से
समाज के लोग भी संतप्त है। घटना निंदनीय है। - ओ. पी. सिंह, व्यापारी नेता
थाने में समझाइश
बताया
जाता है कि अंबाझरी थाने में इस मामले को दबाने के लिए आधिकारिक स्तर पर
समझाइश का दौर चला। अपर आयुक्त अनूप कुमार सिंह ने घटनास्थल पर मौजूद
पुलिसकर्मियों के बयान लिये।
व्यापारियों
ने मनपा आयुक्त के विरुद्घ प्रकरण दर्ज करने की मांग की, तो मनपा की ओर से
भी व्यापारियों के विरुद्घ शिकायत दी गई। बाद में उपायुक्त कणसे ने
व्यापारियों को समझाने की कोशिश की। व्यापारी संगठन की ओर इस मामले को लेकर
न्यायालय में जाने की तैयारी व्यक्त की गई है।
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