Saturday, July 2, 2011

हार्पर ने टीम इंडिया की खेल भावना पर उठाई अंगुली


जमैका. भारतीय क्रिकेटरों के खिलाफ गलत फैसले देकर आलोचनाओं से घिरे ऑस्‍ट्रेलियाई अंपायर डेरेल हार्पर ने अपने फैसले का बचाव किया है। उन्‍होंने अपना बचाव करते हुए भी भारतीयों पर निशाना साधा है और एक तरह से नस्‍लभेदी टिप्‍पणी की है। हार्पर ने अपनी गलती पर पछतावा करने के बजाय उल्‍टे कहा कि अतंरराष्‍ट्रीय क्रिकेट में ऐसी गलतियां होनी उसी तरह आम बात है जैसे भारतीय गलती से 'बीफ बर्गर' खा लेते हैं।

हार्पर ने एक भारतीय टीवी चैनल को भेजे पत्र में कहा है कि भारतीय खिलाडियों पर फैसले देते समय उन्‍हें क्रिकेट के नियमों को नजरअंदाज कर देना चाहिए था। धोनी से उनकी बातचीत के बारे में हार्पर ने कहा, ' मैच के दौरान हमारे बीच बहुत ज्‍यादा मी‍ठी बातें नहीं हुईं।' विराट कोहली को आउट दिए जाने के बारे में उन्‍होंने कहा, 'विजुअल प्रूफ से कोई भी नतीजा निकालना आसान नहीं है। ऐसे में मैं न तो सही हूं न ही गलत।'

हार्पर ने जमैका टेस्‍ट में दिए गए अपने फैसले का बचाव करते हुए यह भी कहा कि भारतीय क्रिकेटरों की ओर से अंपायर पर आरोप लगाने से वेस्‍टइंडीज क्रिकेट बोर्ड भी दुखी है। जमैका टेस्‍ट में भारत ने मेजबान वेस्‍टइंडीज को हालांकि हरा दिया था लेकिन हार्पर ने टीम इंडिया के कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली और सुरेश रैना को गलत तरीके से आउट दे दिया था। भारतीय क्रिकेटरों ने ऑस्‍ट्रेलियाई अंपायर के इन फैसलों का जमकर विरोध किया था और हार्पर को तीसरे टेस्‍ट में अंपायरिंग नहीं दिए जाने की मांग की थी।

भारत-वेस्‍टइंडीज के बीच हुए मौजूदा सीरीज के पहले टेस्‍ट मैच के बारे में हार्पर ने कहा, 'मेरे लिए यह इस साल का सबसे बढिया गेम नहीं था, लेकिन हर गेंद पर नजर रखने वाले मैच रेफरी जेफ क्रो ने यह नतीजा निकाला कि मेरे 94 फीसदी फैसले सही थे। इस विश्‍लेषण की पुष्टि दुबई स्थित आईसीसी मुख्‍यालय की ओर से की गई है।'

इस टेस्‍ट में भारत की जीत हुई, लेकिन इस मैच में हार्पर की अंपायरिंग विवादास्‍पद हो गई। भारतीय कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी ने खराब अंपायरिंग को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। धोनी ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, 'यदि सही फैसले लिए गए होते, तो मैच बहुत पहले ही खत्म हो जाता और हम होटल में होते।'

मैच की दूसरी पारी में ऑस्‍ट्रेलियाई अंपायर डेरल हार्पर ने धोनी सहित भारतीय टीम के कुछ बल्‍लेबाजों को गलत तरीके से आउट करार दिया, जिसकी काफी आलोचना हुई। हालांकि धोनी ने इस मैच में अंपायरिंग कर रहे इयान गूड (इंग्लैंड) और हार्पर में से किसी का नाम नहीं लिया था, पर कई भारतीय खिलाड़ियों ने हार्पर का नाम लिया था। टीम के एक सीनियर सदस्य ने तो यहां तक कह दिया कि पूरी टीम चाहती है कि तीसरे टेस्ट में हार्पर अंपायरिंग न करें। इसके बाद हार्पर ने अंपायरिंग नहीं करने का फैसला भी लिया।

गलती कबूली
हालांकि हार्पर ने यह भी कबूल किया कि जमैका टेस्‍ट के दौरान उनसे कुछ गलतियां हुईं लेकिन उन्‍होंने यह भी कहा कि भारतीय क्रिकेटर खेल भावना से नहीं खेले। उन्‍होंने कहा, 'हरभजन सिंह के खिलाफ एक एलबीडब्‍ल्‍यू था जिस पर दिया गया फैसला डीआरएस की बदौलत पलटा जा सकता था। मैं एक नो बॉल पकड़ने में चूक गया जिसमें वेस्‍टइंडीज के गेंदबाज बिशू का पिछला पैर क्रीज से बाहर था। यह उसी तरह है जैसे भारतीय लोग गलती से बीफ बर्गर खा लेते हैं।'  विराट कोहली के खिलाफ अपने फैसले के बारे में हार्पर ने कहा, 'विराट के बारे में दिया गया फैसला भी ऐसे ही फैसले में है।'

आपकी राय
क्‍या ऑस्‍ट्रेलियाई अंपायर की यह टिप्‍पणी उन्‍हें शोभा देती है? इसके लिए उन पर कोई कार्रवाई होनी चाहिए या फिर उनकी बात को हल्‍के में लेकर अनसुनी कर देना चाहिए?

No comments:

Post a Comment