न्यूयॉर्क. ह्यूंदै मोटर कंपनी
और किया मोटर कॉर्प अपनी कारों के माइलेज के बारे में गलत जानकारी दिए जाने
के चलते मुसीबत में हैं। दोनों ही कंपनियां अमेरिका में करीब दस साल से
सफलतापूर्वक कारोबार कर रही हैं, लेकिन इनके 'झूठ' से अब इनका कारोबार
प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है और साख पर भी बट्टा लगने का खतरा है।
सोमवार को द . कोरिया की इन दोनों कंपनियों के शेयरों में सात फीसदी गिरावट
दर्ज की गई।
ब्रांड की साख में बट्टा लगने, कानूनी पचड़े में फंसने और ग्राहकों को
क्षतिपूर्ति के रूप में मुआवजा देने की आशंका के मद्देनजर निवेशकों ने इस
कंपनी में विश्वास नहीं दिखाया। कंपनी ने दस लाख से भी ज्यादा कारों के
लिए माइलेज का आंकड़ा बढ़ा-चढ़ा कर बताया था। 2011 से 2013 के बीच लॉन्च
की गई या की जाने वाली 13 मॉडलों को लेकर कंपनी ने यह झूठ बोला है। इस झूठ
का पर्दाफाश अमेरिकी पर्याव रण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) की जांच में हुआ।
ह्यूंदै और इसकी सहयोगी किया का कहना है कि ईपीए की जांच में माइलेज
का जो अंतर पाया गया, वह जांच के मानकों में अंतर के चलते है। हालांकि
कंपनियों ने अखबारों में पूरे पेज का विज्ञापन देकर ग्राहकों से माफी मांगी
है। ग्राहकों को ईंधन पर जो अतिरिक्त खर्च करना पड़ा है, उसका मुआवजा भी
इन कंपनियों को देना होगा।
ईपीए का कहना है कि ह्यूंदै और किया ने ज्यादातर गाडि़यों की माइलेज
एक या दो मील प्रति गैलन (एमपीजी) ज्यादा बताई है। हांलाकि किया सोल के
केस में यह 6 एमपीजी (हाईवे) ज्यादा है।
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