Monday, November 12, 2012

अकेलेपन से परेशान शाहरुख, 'जब तक है जान' का ग्रैंड प्रीमियर आज

कोलकाता. अपनी नई फिल्‍म 'जब तक है जान' की सफलता के लिए दिन-रात प्रचार में व्‍यस्‍त शाहरुख खान (शाहरुख की 20 BEST फिल्‍में) ने निजी जिंदगी का दर्द बयां किया है। बॉलीवुड के किंग कहे जाने वाले शाहरुख परिवार, दोस्‍त  और लाखों प्रशंसक होने के बावजूद खुद को अकेला महसूस करते हैं। वह अपने जीवन का एक दिन अपने लिए चाहते हैं। उन्‍होंने कहा, "मैं खुद के लिए एक दिन चाहता हूं, लेकिन किससे लूं? जब मैं खाली भी रहता हूं, मैं उम्मीद नहीं करता कि हर कोई मेरे साथ हो, क्योंकि उनकी अपनी जिंदगी चलती रहती है। इसलिए उस वक्त आप अकेले हो जाते हैं।
हाल ही में 47वां जन्‍मदिन मनाने वाले  शाहरुख एक्टिंग के साथ-साथ कई ब्रांड के प्रचार में व्यस्त रहते हैं, उन्‍हें अपनी फिल्म निर्माण कम्पनी 'रेड चिलीज एंटरटेनमेंट' और 'इंडियन प्रीमियर लीग' की टीम 'कोलकाता नाइट राइडर्स' का काम भी देखना होता है। ऐसे में उन्हें लगता है कि उनकी जिंदगी की छोटी-छोटी खुशियां अक्सर छूट जाती हैं। उन्होंने कहा, "आपकी कोई निजी जिंदगी नहीं रह जाती। मेरा परिवार मुझे अपने साथ फिल्म देखने नहीं ले जाता। उन्हें लगता है कि मैं परेशान हो जाऊंगा।"
फिल्‍म समीक्षक जय प्रकाश चौकसे का भी कहना है, 'शाहरुख खान अपनी विराट व्यावसायिक सफलता के भार के कारण जीवन में भी हंस नहीं पाते, क्योंकि जब वे सोने का प्रयास कर रहे होते हैं, तब भी उनकी कंपनियां और पूंजी निवेश मुद्रा छापता रहता है। धन की विपुलता आदमी को कई मामलों में बड़ा गरीब कर देती है। एक तो आपसे हर मिलने वाला मुलाकात को कैश करना चाहता है, अत: हाथ मिलाते हुए भी भय लगता है कि अंगूठी न निकाल ले। सफलता आपसे बहुत कुछ छीन लेती है। मुफलिस मौज में ठहाके लगाता है और गरीबी को भी अपने लिए मनोरंजन बना लेता है। कड़की के दिनों में एक ही दाल को चार कटोरियों में डालकर पांच कोर्स डिनर का आनंद भी लिया जा सकता है।' 

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