Monday, November 5, 2012

जान देने के लिए लगाए तीन इंजेक्शन, फिर खुद ही घोंटा गला


जयपुर. बजाज नगर के नारायण नगर फ्लैट्स में रहने वाले मेडिकल छात्र ने रविवार दोपहर इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या कर ली। वह सीतापुरा के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में फाइनल ईयर में पढ़ता था।
सोमवार को उसकी परीक्षा थी। प्रथमदृष्टया सामने आया है कि छात्र डिप्रेशन में था। पुलिस को मौके पर इंजेक्शन की तीन खाली शीशी, तीन भरी हुई सीरिंज, गोलियों के खाली पत्ते, मेडिकल स्टोर की पर्ची मिली है।
छात्र के गले में प्लास्टिक की रस्सी भी लिपटी हुई मिली। पोस्टमार्टम में दम घुटने से मौत होना नहीं आया है। ऐसे में पुलिस का मानना है कि छात्र ने इंजेक्शन लगाने से पहले खुद ही गला घोंटने का प्रयास किया था।
मौके पर सुसाइड नोट नहीं मिला है। दाहिनी जांघ और बाएं हाथ की बाजू पर इंजेक्शन लगाने के निशान मिले हैं। छात्र के माता-पिता जोधपुर में कैंसर विशेषज्ञ हैं।

एएसआई शिव सिंह ने बताया कि शशांक संचेती (22) जोधपुर का था। यहां नारायण नगर फ्लैट की तीसरी मंजिल पर क्लासमेट समर्थ के साथ रहता था। रविवार सुबह शशांक तबियत खराब होने की कहकर पढऩे नहीं गया।
दोपहर में शशांक की मां ने उसे फोन किया। फोन नहीं उठाने पर समर्थ और खाना बनाने वाले अरविंद को फोन किया। समर्थ दोपहर 1.30 बजे कमरे पर आया। शशांक ने दरवाजा नहीं खोला।
धक्का देकर दरवाजा खोला तो कमरे में शशांक मृत पड़ा था। उसके गले में प्लास्टिक की रस्सी लिपटी हुई मिली। उनके पास दवाईयों के खाली रेपर, इंजेक्शन की खाली शीशी और सीरिंज पड़ी थी। शशांक के पिता डॉ. सुरेश संचेती कैंसर विशेषज्ञ हैं, उनका जोधपुर में संचेती अस्पताल हैं।

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