मुंबई। मुंबई पर आतंकी हमला
करने वाले अजमल कसाब की सुबह बुधवार को कुछ जल्दी हो गई थी। जगने के बाद
उसने आधा घंटा नहाने और नमाज पढ़ने में बिताया। इसके बाद उसे नए कपड़े
पहनने को दिए गए। करीब साढ़े पांच बजे पुणे जेल की उस बैरक में आईजी (जेल)
मीरान बोरवांकर और जेल अधीक्षक योगेश देसाई पहुंचे, जहां कसाब रखा गया था।
सबसे पहले कसाब को मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया गया। जेल के ही डॉक्टरों
ने उसका चेकअप किया और फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किया।
जब कसाब को फांसी दिए जाने का वक्त आया तो उसे एक खास सेल में ले
जाया गया। वहां पहले से ही कुछ पुलिस अधिकारी मौजूद थे। उससे पूछा गया कि
तुम्हारी कोई अंतिम इच्छा? अपने परिजनों के लिए कुछ लिख कर (विल/वसीयत)
चाहोगे? लेकिन कसाब ने दोनों का जबाब 'ना' में दिया। इसके बाद उसे फांसी के
लिए खड़ा किया गया। ठीक साढ़े सात बजे उसे फांसी दे दी गई। इसके दस मिनट बाद डॉक्टरों ने उसे मरा हुआ घोषित कर दिया।
सुबह 7.46 बजे पुलिस अधिकारियों ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर
पाटिल को इसकी जानकारी दी। इसके आधे घंटे के बाद ही कसाब को जेल परिसर में
दफना दिया गया।
वहां मौजूद सूत्रों के मुताबिक कसाब ने मौत से पहले कहा, 'अल्लाह कसम, ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी।'
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