Saturday, August 20, 2011

इस रामलीला मैदान ने इतिहास को बनते देखा है


आजादी के बाद से अब तक
1947— राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की रैली, उस वक्त के सरसंघचालक गुरु गोलवलकर का संबोधन।

1952— जनसंघ के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी का कश्मीर आंदोलन, दिल्ली से लेकर कश्मीर तक में उथल-पुथल।

1961— ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ और ड्यूक ऑफ इडेनबर्ग का इसी मैदान से संबोधन।

26 जनवरी 1963— सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर ने नेहरू की मौजूदगी में गाया- ऐ मेरे वतन के लोगों, नेहरू की आंख में आंसू।

1965— भारत-पाक युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने दिया जय जवान जय किसान का नारा।

1972— बांग्लादेश जीत के बाद इंदिरा गांधी ने यहीं की विजय रैली।25 जून 1975— इमरजेंसी की शुरूआत से ठीक पहले जयप्रकाश नारायण का इंदिरा गांधी के खिलाफ सैनिक विद्रोह का आह्वान।

1977— इंदिरा के खिलाफ जनता पार्टी की रैली, मोरार जी देसाई, बाबू जगजीवन राम, चौधरी चरण सिंह,अटल बिहारी बाजपेयी एक मंच पर।

1991-92— भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में चले राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी गतिविधियों का गवाह।

जून 2011— स्वामी रामदेव का कालेधन के खिलाफ अनशन।

अगस्त 2011— अन्ना हजारे का जनलोकपाल विधेयक के लिए अनशन।

आजादी से पहले

महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, मोहम्मद अली जिन्ना सरीखे नेताओं की जनआंदोलन के लिए पसंदीदा जगह।

कब तैयार हुआ मैदान

1882-83- ब्रिटिश काल में सैनिक शिविर लगाने के मकसद से, बाद में रामलीलाओं के आयोजन के लिए हुआ मशहूर।

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