Saturday, August 20, 2011

टीम अन्‍ना की अपील- सांसदों के घर के बाहर धरना दें, सरकार ने चेताया- हद में रहें


नई दिल्‍ली. मजबूत लोकपाल के लिए पांच दिन से अनशन कर रहे अन्‍ना हजारे और उनकी टीम ने शनिवार को तेवर और कड़े कर लिया। हजारे ने जहां मंगलवार को सरकार से संसद में जन लोकपाल बिल पेश करने की मांग रखी, वहीं टीम अन्ना ने समर्थकों से अपील की कि जनता अपने-अपने सांसद के घर के बाहर धरना दे।

हजारे के अनशन के पांचवें दिन सरकार और टीम अन्ना के बीच तनातनी बढ़ती दिख रही है। टीम अन्‍ना के कड़े तेवरों पर सरकार ने भी वार किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने कहा है कि टीम अन्ना अपनी हद में रहे। संसद की स्थायी समिति की तरफ से आज अखबारों में विज्ञापन देकर लोकपाल बिल पर लोगों और संस्थाओं से राय मांगी गई है। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने इसे समय की बर्बादी बता दिया। इसी पर सामी ने कहा कि अरविंद का बयान स्थायी समिति के सदस्यों के विशेषाधिकार का हनन है। सामी ने कहा कि टीम अन्ना पर ऐसे बयान के लिए अवमानना का मामला भी बन सकता है। वहीं, स्थायी समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि स्थायी समिति मिनी संसद है। जबकि, राजीव शुक्ला ने कहा है कि इस आंदोलन का भगवान ही मालिक है।

संसद की स्थायी समिति ने लोगों और संस्थाओं से लोकपाल विधेयक पर अख़बारों में विज्ञापन देकर सुझाव मांगा है। विज्ञापन के मुताबिक लोग ४ सितंबर तक अपने सुझाव भेज सकते हैं। लोकपाल मुद्दे पर समिति की अगली बैठक ४ सितंबर को होगी। गौरतलब है कि सरकार ने भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए लोकपाल बिल लोकसभा में मौजूदा मॉनसून सत्र में ही पेश किया था। यह बिल अब स्थायी समिति के सामने है।  

स्थायी समिति की इस कवायद का टीम अन्ना पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है। अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्थायी समिति की कवायद सिर्फ वक्त की बर्बादी है। उनका कहना है कि सरकारी लोकपाल बिल को पूरी तरह से बदलना होगा, इसमें सुधार या संशोधन की गुंजाइश नहीं है। वरुण गांधी द्वारा  जनलोकपाल बिल को प्राइवेट मेंबर्स बिल के तौर पर संसद में पेश किए जाने पर केजरीवाल ने कहा कि प्राइवेट मेंबर बिल से मुझे बहुत ज़्यादा उम्मीद नहीं है। अरविंद के मुताबिक इससे सिर्फ सदन का ध्यान किसी लोकहित के मुद्दे की तरफ आकर्षित भर कराया जा सकता है। उन्हें इस कोशिश से बहुत उम्मीद नहीं है। गौरतलब है कि 1968 के बाद आज तक कोई भी प्राइवेट मेंबर बिल संसद में पास नहीं हुआ है।

इससे पहले शनिवार को सुबह 10 बजे अन्ना हजारे रामलीला मैदान में अनशन के लिए तैयार मंच पर पहुंचे। मंच पर पहुंचकर अन्ना ने एक बार फिर अपना संकल्प दोहराया कि जब तक लोकपाल पास नहीं हो जाता, वे लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मेरा वजन साढ़े तीन किलो कम हुआ है। थोड़ी कमजोरी है, लेकिन संघर्ष जारी रहेगा। अपने विरोधियों पर फिर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि देश को सिर्फ दुश्मनों से नहीं बल्कि गद्दारों से भी खतरा है। अनशन के पांचवें दिन शनिवार को रामलीला मैदान में अन्ना के दो समर्थक बेहोश हो गए हैं। इन्हें लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बेहोश होने वालों में हरियाणा से आए महेंद्र और उत्तर प्रदेश से आए विष्णुदेव शामिल हैं। रामलीला मैदान में लगाए गए मेडिकल कैंप में अब तक करीब ५०० अनशनकारी इलाज करा चुके हैं। इनमें से १२ को अस्पताल रेफर किया गया है।
आपकी राय
क्या अन्ना हजारे का आंदोलन सही दिशा में जा रहा है? क्या सरकार का ताज़ा रवैया उचित है? क्या केजरीवाल का बयान संसदीय समिति के सदस्यों के विशेषाधिकार का हनन है? इन मुद्दों पर अपनी राय जाहिर करें।

No comments:

Post a Comment