वाराणसी। सोनभद्र जिले के एक 25 वर्षीय युवक के साथ कुदरत ने वह किया जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इसके पेट में आये दिन दर्द की शिकायत रहती थी। वह अपनी समस्या लेकर बीएचयू के चिकित्सकों के पास पहुंचा। यहां डॉक्टरों ने चेक किया तो आश्चर्यचकित रह गए। युवक के पेट में गर्भाशय और फेलोपियन ट्यूब था। इसी की वजह से उसको दर्द होता रहता था।
डॉक्टरों की एक टीम ने इस आपरेशन को अंजाम दिया। डॉक्टरों के मुताबिक, इस समस्या ने उसकी पैदाइश से पूर्व गर्भ में रहने के दौरान ही जन्म ले लिया था। बताया कि गर्भ ठहरने के दो माह तक भ्रूण में स्त्री व पुरुष दोनों अंग बने होते हैं। दो माह बाद जब एमआईएस हार्मोन बनता है तो पुरुष अंग का विकास होता है और स्त्रियोचित अंग गायब होने लगते हैं।
वहीं 'इंसुलिन लाइक फैक्टर 3' हार्मोन की वजह से मानव अंडकोष का निर्माण पेट में होता है। उक्त युवक में दोनों हार्मोन्स की कमी हो गई। पहले हार्मोन की कमी से स्त्री अंग गर्भाशय व फेलोपियन ट्यूब शरीर में रह गया और दूसरे हार्मोन की कमी से अंडकोष पेट में ही रह गया।
परिजनों के मुताबिक, बीएचयू में अल्ट्रासाउंड व सीटी स्कैन जांच में उसके पेट में सिस्ट होना बताया गया। जब उसका पेट चीरा गया तो सिस्ट के जगह पर बच्चेदानी व फेलोपियन ट्यूब दिखाई दिया। युवक का ऑपरेशन कर इन अंगों को शरीर से निकाल दिया गया है। युवक अब पूर्णतया स्वस्थ्य है।
डॉक्टरों की एक टीम ने इस आपरेशन को अंजाम दिया। डॉक्टरों के मुताबिक, इस समस्या ने उसकी पैदाइश से पूर्व गर्भ में रहने के दौरान ही जन्म ले लिया था। बताया कि गर्भ ठहरने के दो माह तक भ्रूण में स्त्री व पुरुष दोनों अंग बने होते हैं। दो माह बाद जब एमआईएस हार्मोन बनता है तो पुरुष अंग का विकास होता है और स्त्रियोचित अंग गायब होने लगते हैं।
वहीं 'इंसुलिन लाइक फैक्टर 3' हार्मोन की वजह से मानव अंडकोष का निर्माण पेट में होता है। उक्त युवक में दोनों हार्मोन्स की कमी हो गई। पहले हार्मोन की कमी से स्त्री अंग गर्भाशय व फेलोपियन ट्यूब शरीर में रह गया और दूसरे हार्मोन की कमी से अंडकोष पेट में ही रह गया।
परिजनों के मुताबिक, बीएचयू में अल्ट्रासाउंड व सीटी स्कैन जांच में उसके पेट में सिस्ट होना बताया गया। जब उसका पेट चीरा गया तो सिस्ट के जगह पर बच्चेदानी व फेलोपियन ट्यूब दिखाई दिया। युवक का ऑपरेशन कर इन अंगों को शरीर से निकाल दिया गया है। युवक अब पूर्णतया स्वस्थ्य है।
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