Saturday, September 3, 2011

अपनी इस लाडली को चाहकर भी प्यार नहीं कर सकती 'मां'



लंदन। गली में पड़ोसी का बच्चा हो या ट्रेन में बैठे किसी अजनबी का। हम उसे छूने और दुलारने से खुद को नहीं रोक पाते। लेकिन हॉली की मां चाह कर भी अपनी बच्ची को छू नहीं सकती।

कारण सात वर्षीय इस बच्ची को त्वचा का एक दुर्लभ रोग है। उसकी त्वचा इतनी नाजुक है, जैसे तितली के पंख, हाथ लगाया नहीं कि छिल जाती है और छाले पड़ जाते हैं। कभी-कभी खून भी रिसने लगता है।

इस दुर्लभ बीमारी का नाम एपीड्रमोलसिस बुलोसा है, जिसके कारण त्वचा को मांसपेशियों से जोड़े रखने वाला जरूरी ग्लू खत्म हो जाता है। दूसरे बच्चों की तरह हॉली को भी रोलर स्केटिंग और कंप्यूटर पर गेम खेलना बहुत पसंद हैं, लेकिन बिना खून बहाए वो ऐसा नहीं कर पाती।

हाल ही में हॉली ने घुड़सवारी भी सीखी, बावजूद इसके कि यह उसकी जान के लिए खतरा हो सकता था। हॉली की मां ले टेलर के मुताबिक मेरी बच्ची जितनी बड़ी बीमारी से पीड़ित है, ईश्वर ने उसे उतना बड़ा दिल दिया है और हौसला भी। उन्हें यकीन है कि कोई इलाज जरूर मिलेगा।

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