Wednesday, January 11, 2012

सनसनीखेज सर्वे: भारत से खत्म हो जाएंगी कॉल सेंटर कंपनियां !



जी हां, सर्विस सेक्टर भारत के जीडीपी में 51 फीसदी योगदान देता है लेकिन अब इसका अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है यह हम नहीं बल्कि एसौचेम का सर्वे कह रहा है। ये कंपनियां भारत को छोड़कर दूसरे देशों की ओर रुख कर रही हैं। इनमें फिलीपींस का नाम सबसे आगे है। एसोचैम के सर्वे की माने तो बंगलुरु और हैदराबाद की मध्य दर्जे की आईटी/बीपीओ कंपनियां फिलीपींस की ओर रुख कर रही हैं। भारत में महंगा इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजनेस चलाने कामहंगा खर्च और स्किल्ड लेबर की कमी इन कंपनियों को दूसरे देशों की ओर आकर्षित कर रही हैं। एसोचैम के सर्वे में यह बात सामने आई है कि भारत का आईटी क्षेत्र धीरे-धीरे अपनी चमक को रहा है।
एसोचैम के सस्टेनिंग इंडिया सर्वे में यह कहा गया है कि माइक्रोइकोनॉमिक कंडीशन के कारण आईटी और बीपीओ कंपनियां फिलीपींस की ओर रुख कर रही हैं खासकर हैदराबाद और बंगलुरु में यह ट्रेंड ज्यादा देखने को मिल रहा है। हांलाकि दिल्ली, मुंबई और पुणे में अभी इस तरह के चलन ने जोर नहीं पकड़ा है। भारत हमेशा से ही बीपीओ प्रोसेस का प्रमुख केन्द्र रहा है लेकिन धीरे-धीरे पूर्वी एशियाई देश इस क्षेत्र में भारत को मात दे रहे हैं जिनमें फिलीपींस का नाम सबसे ऊपर है।
फिलहाल बीपीओ सेक्टर का 90 प्रतिशत रेवेन्यू टायर-1 शहरों से आता हैं जहां विकास अपने चरम पर हैं और वहां इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर सभी जरुरतों पर दवाब बना रहा है जिसके लिए सरकार को टायर-2 शहरों को विकसित करने की जरुरत है लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। आपको बता दें कि आईटी कंपनियों का सेटअप ज्यादा भारी नहीं होता और इन्हे एक जगह से दूसरी जगह स्थापित करने में भी ज्यादा समय नहीं लगता इसलिए यह कंपनियां बहुत जल्दी अपना बोरिया बिस्तर समेट कर कहीं और काम शुरु कर देती हैं।



भारत को चीन, वियतनाम, पौलेंड,ब्राजील, हंगरी, मैक्सिको, इजिप्ट और फिलीपींस से कड़ी चुनौती मिल रही हैं यह देश आईटी और बीपीओ कंपनियों को बहुत सी सहूलियतों के साथ टैक्स छूट भी देते हैं इसलिए कंपनियां इन देशों की ओर आकर्षित हो रही हैं। भारत की कई एमएनसी कंपनियां तो इन देशों में अपने सेंटर स्थापित भी
कर चुकी हैं।

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