ऑस्ट्रेलिया में बेहद खराब प्रदर्शन करने के चलते ब्रैंड एक्सपर्ट, मीडिया विश्लेषक और स्पोर्ट्स मार्केटिंग एजेंसियों ने टीम के खिलाड़ियों की ब्रैंड वैल्यू को औसतन 20 फीसदी घटाने का फैसला किया है। ऑस्ट्रेलिया के हाथों 3-0 से पिटने के बाद अब इन खिलाड़ियों को विज्ञापन के एवज में मिलने वाले पैसे में 20 फीसदी की कटौती की जाएगी। सबसे ज़्यादा बुरा असर पड़ेगा ब्रैंड धोनी पर।
कप्तान धोनी से जुड़े ब्रैंड टेस्ट क्रिकेट से उनके जल्दी रिटायर होने के संकेतों के बाद उनकी कीमत नए सिरे से तय कर सकती है। ब्रैंड सलाहकार संतोष सूद के मुताबिक, 'टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का संकेत देने की वजह से मुझे डर है कि धोनी की ब्रैंड वैल्यू विश्व कप से पहले की स्थिति या उससे भी कम हो सकती है।' धोनी इस समय एक ब्रैंड को प्रमोट करने के लिए सालाना 10 करोड़ रुपये लेते हैं। पिछले साल विश्व कप जीतने के बाद धोनी ने अपनी कीमत दोगुनी कर दी थी। हालांकि, सभी ऐसा नहीं मानते हैं कि धोनी की कीमत घटेगी। रीति स्पोर्ट्स के अरुण पांडेय ने कहा, 'धोनी ने ब्रेक मांगा था और वह ईमानदारी से अपनी बात रख रहे हैं। कोई भी ब्रैंड अपने एंबेसडर से ईमानदारी और सच्चाई के अलावा क्या उम्मीद करती है?'
फ्यूचरब्रैंड्स के सीईओ संतोष देसाई ने कहा, 'हार की वजह से धोनी और अन्य खिलाड़ियों से जुड़े ब्रैंड को झटका लगेगा।' तोशिबा का प्रचार प्रबंधन का काम देखने वाली एजेंसी जेनिथऑप्टीमीडिया के वाइस प्रेसिडेंट नवीन खेमका ने कहा, 'कंपनियों ने खिलाड़ियों के साथ समझौतों पर नए सिरे विचार करना शुरू कर दिया है।' सचिन तेंडुलकर तोशिबा के लिए विज्ञापन करते हैं।