Monday, January 16, 2012

अब बाजार भी करेगा धोनी का तिरस्‍कार



नई दिल्ली. टीम इंडिया के क्रिकेट सितारों की बाज़ार में कीमत (ब्रैंड वैल्यू) किसी के लिए भी एक सपना हो सकता है। लेकिन क्रिकेटरों को सिर आंखों पर बैठाने वाला बाज़ार हवा रुख भांपते हुए भारतीय सितारों को जमीन पर पटकने की तैयारी में है।

ऑस्ट्रेलिया में बेहद खराब प्रदर्शन करने के चलते ब्रैंड एक्सपर्ट, मीडिया विश्लेषक और स्पोर्ट्स मार्केटिंग एजेंसियों ने टीम के खिलाड़ियों की ब्रैंड वैल्यू को औसतन 20 फीसदी घटाने का फैसला किया है। ऑस्ट्रेलिया के हाथों 3-0 से पिटने के बाद अब इन खिलाड़ियों को विज्ञापन के एवज में मिलने वाले पैसे में 20 फीसदी की कटौती की जाएगी। सबसे ज़्यादा बुरा असर पड़ेगा ब्रैंड धोनी पर।

कप्तान धोनी से जुड़े ब्रैंड टेस्ट क्रिकेट से उनके जल्दी रिटायर होने के संकेतों के बाद उनकी कीमत नए सिरे से तय कर सकती है। ब्रैंड सलाहकार संतोष सूद के मुताबिक, 'टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का संकेत देने की वजह से मुझे डर है कि धोनी की ब्रैंड वैल्यू विश्व कप से पहले की स्थिति या उससे भी कम हो सकती है।'  धोनी इस समय एक ब्रैंड को प्रमोट करने के लिए सालाना 10 करोड़ रुपये लेते हैं। पिछले साल विश्व कप जीतने के बाद धोनी ने अपनी कीमत दोगुनी कर दी थी। हालांकि, सभी ऐसा नहीं मानते हैं कि धोनी की कीमत घटेगी। रीति स्पोर्ट्स के अरुण पांडेय ने कहा, 'धोनी ने ब्रेक मांगा था और वह ईमानदारी से अपनी बात रख रहे हैं। कोई भी ब्रैंड अपने एंबेसडर से ईमानदारी और सच्चाई के अलावा क्या उम्मीद करती है?'  
फ्यूचरब्रैंड्स के सीईओ संतोष देसाई ने कहा, 'हार की वजह से धोनी और अन्य खिलाड़ियों से जुड़े ब्रैंड को झटका लगेगा।' तोशिबा का प्रचार प्रबंधन का काम देखने वाली एजेंसी जेनिथऑप्टीमीडिया के वाइस प्रेसिडेंट नवीन खेमका ने कहा, 'कंपनियों ने खिलाड़ियों के साथ समझौतों पर नए सिरे विचार करना शुरू कर दिया है।' सचिन तेंडुलकर तोशिबा के लिए विज्ञापन करते हैं।

यकीन करिये, यहां के इंजीनियरिंग कॉलेजों की फ़ीस है मात्र 10 रुपये



पटना. एक बार में भले ही आपको यकीन न हो लेकिन यह सच है कि बिहार के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों की फ़ीस आज भी मात्र दस रुपये महीना है। बिहार में ये इंजीनियरिंग कॉलेज पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया, मोतिहारी और नालंदा में हैं। ये सभी सरकारी कालेज हैं।

यहां के विद्यार्थियों का प्लेसमेंट भी अच्छा होता है। यहां दस रुपये फ़ीस के अलावा मात्र दस हजार रूपये विकास शुल्क के तौर पर चार सालों में एक बार लिए जाते हैं। आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए यह राशि एक हजार रुपये है। फिर भी कई बार इन कालेजों में सीटें खाली ही रह जाती हैं।

हर साल लाखों देने पड़ते हैं फ़ीस

एक ओर बिहार में इंजीनियरिंग की इतनी सस्ती पढाई वहीं दूसरी ओर छात्र कई निजी कालेजों में पढ़ते हुए हर साल लाखों रुपये चुकाते हैं। हां, इन सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में मासिक शुल्क व वार्षिक विकास शुल्क के अलावा प्रवेश के समय दो सौ रुपये कॉशन मनी भी जमा करना होता है जिसकी नियमानुसार वापसी भी हो जाती है।

बिहार के सरकारी पॉलिटेक्निक कलेजों में तो इससे भी कम फीस है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक भगवान सिंह ने बताया कि आजतक कभी फीस बढ़ाने की बात ही नहीं हुई है और न ही आगे इसको लेकर कोई जल्दी है।

Friday, January 13, 2012

टाटा ने पेश की बिजली से चलने वाली सबसे सस्ती कार


पेट्रोल से चलने वाली दुनिया की सबसे सस्‍ती कार (नैनो) बनाने वाली टाटा मोटर्स ने इंजीनियरिंग का एक और कमाल दिखाया है। अब कंपनी ने सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार पेश की है। इस कार को डेट्रॉयट कार शो में प्रदर्शित किया गया।





इसे इंजिनियरिंग का कमाल माना जा रहा है। इस कार का नाम इमो रखा गया है और यह पेट्रोल-डीजल की बजाय बिजली से चलेगी। इसे बनाने में 300 इंजीनियरों ने पुणे, डेट्रॉयट, इंग्लैंड और जर्मनी में दिन-रात काम किया।





यह एक कॉन्सेप्ट कार है और इसमें डुएल मोटर, फ्रंट व्हील ड्राइव, एयर कूल्ड हाई एनर्जी बैटरी है जो इस कार को दौड़ाती है। एक बार चार्ज होने के बाद यह करीब 161 किलोमीटर तक चल सकेगी। इसकी अधिकतम गति 136 किलोमीटर प्रति घंटा है।





अमेरिकी मानकों के हिसाब से इसमें सेफ्टी फीचर्स रखे गए हैं। इसमें एयर बैग, डैशबोर्ड टचस्क्रीन इंटरफेस वगैरह हैं। इसके अंदरूनी हिस्से में काफी जगह है और इसे पॉल्यूशन फ्री रखने के लिए काफी इंतज़ाम हैं। इसमें खास तरह के शॉक एब्जॉरबर्स लगाए गए हैं। इस कार की कीमत अमेरिका में 20,000 डॉलर होगी। अमेरकी सरकार इलेक्ट्रिक कारों पर सब्सिडी देती है। इसलिए यह कार वहां 12,500 डॉलर की पड़ेगी। लेकिन टाटा ने अभी इस कार को आम ग्राहकों को बेचने के लिए नहीं बनाया है।

मुकाबले से पहले पिच पर जमकर हुई बीयर पार्टीमुकाबले से पहले पिच पर जमकर हुई बीयर पार्टी


पर्थ. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में होने वाले अहम मुकाबले से एक दिन पहले पिच पर 'बियर पार्टी' की खबर से ऑस्‍ट्रेलिया से लेकर भारत तक खलबली मची है। बीसीसीआई ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।

 बीसीसीआई उपाध्‍यक्ष राजीव शुक्‍ला ने कहा है कि यदि यह तस्‍वीरें उसी पिच की है जिस पर मैच खेला जाना है तो यह वाकई गंभीर मामला है। उन्‍होंने कहा कि इस मामले में ऑस्‍ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड को कार्रवाई करनी चाहिए।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मुकाबला शुरू होने के 12 घंटे पहले वेस्ट ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट एसोसिएशन (वाका) के अधिकारियों ने पिच पर बीयर पार्टी कर नए विवाद को हवा दे दी है। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में आए एक वीडियो फुटेज में वाका अधिकारी खुली पिच पर जमकर पार्टी कर रहे हैं। इसी पिच पर सीरीज का तीसरा टेस्ट होना है।

बीसीसीआई ने तस्वीरें देखने के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को इस घटना से अवगत करवाया है।

अधिकारियों की बीयर पार्टी की फुटेज लीक होने के बाद शुक्रवार को सुबह जल्दी निरीक्षण किया गया।

पर्थ के वाका मैदान पर यहां के अधिकारी परंपरागत तरीके से स्कोरबोर्ड के नीचे मैच से एक रात पहले पार्टी करते हैं। लेकिन गुरूवार को यह अधिकारी पिच पर ही पार्टी कर रहे थे। हेराल्ड सन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पिच क्यूरेटर कैमरन सदरलैंड भी इस पार्टी में शामिल थे।

इस पार्टी में 10 लोग थे। पहले इन्होंने स्कोरबोर्ड के नीचे शराब पी। इसके बाद ये लोग पिच की ओर गए। वहां पर कवर हटाने के बाद पिच पर सबने जमकर बीयर पी।

इस 'लेडी दबंग' से खौफ खाते हैं अपराधी, जानते हैं क्यों?


पटना। बिहार में नीतीश कुमार के सुशासन में महिलाओं को काफी तवज्जो मिल रही है। पंचायत चुनावों में जहां बिहार में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। वहीं अब महिला पदाधिकारियों को भी भरपूर जिम्मेदारी दी जा रही है।


ऐसी ही एक महिला पदाधिकारी किम हैं। किम 2008 बैच की आईपीएस हैं, लेकिन उनकी जिम्मेदारी इतनी ज्यादा है कि आप भी कहेंगे कि सच में बिहार विकास की ओर अग्रसर है, और उसमें महिलाओं की काफी भागीदारी है। पटना पूर्वी की एसपी रही किम फिलहाल तीन जिम्मेदारियां एक साथ संभाल रही हैं। जी हां, आपने सही समझा। किम पटना पूर्वी की एसपी हैं। इसके अलावा वे पटना सीटी और ट्रैफिक विभाग के एसपी का दायित्व भी संभाल रही हैं। उल्लेखनीय है कि यह पहली बार है जब किसी महिला आईपीएस के हाथों में पटना सिटी की कमान सौंपी गयी है। किम इसे बखूबी निभा भी रही हैं। यूं कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी कि इस लेडी दबंग से खौफ खाते हैं अपराधी।


ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने पिछले साल पटना में तीन आईपीएस को नियुक्त करने का निर्णय लिया था जिसमें किम (पटना पूर्वी), शिवदीप लांडे (पटना सीटी) औऱ उपेंद्र कुमार सिंह (ट्रैफिक एसपी) को नियुक्त किया गया था। पिछले माह लांडे का तबादला अररिया किए जाने के बाद सीटी एसपी का अतिरिक्त प्रभार किम को दे दिया गया था। तत्पश्चात जमुई में नक्सलियों द्वारा सात लोगों की हत्या किये जाने के बाद वहां के एसपी को हटा ट्रैफिक विभाग के एसपी उपेंद्र को जमुई भेज दिया गया। इसके बाद विभाग ने ट्रैफिक एसपी का का अतिरिक्‍त दायित्व भी किम को ही सौंप दिया। अपनी जिम्मेदारी को पुलिस अधीक्षक किम बखूबी निभा रही हैं। शिवनाथ लांडे और उपेंद्र का ट्रांसफर किए जाने के बाद भी उनकी कमी को महसूस नहीं होने दे रही हैं।


मूल रूप से उत्तरप्रदेश की रहने वाली आईपीएस किम ने अपनी प्राथमिक शिक्षा लखनऊ से प्राप्त की है। इसके बाद दिल्ली लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन और फिर हिन्दू कॉलेज से पीजी करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से एम.फिल किया। किम को यूपीएससी में 130वां रैंक आया था।
 

गुजराती लड़की’ के चलते नहीं थम रहा अमेरिका में जारी विवाद


आणंद। अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से दावेदारी कर रहे जॉन हन्ट्समेन अपनी दत्तक पुत्री आशा भारती (भारत) व ग्रेस एलिजाबेथ (चीन) के चलते विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, इंटरनेट पर एक वीडियो क्लिप अपलोड की गई है। इसमें हन्ट्समेन को ‘मंचूरियन कैंडिडेट’ के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।

क्लिप में हन्ट्समेन के चीन से लड़की को गोद लेने के बारे में कहा जा रहा है कि चीन के प्रति उनका रवैया उदार हो सकता है। दूसरी ओर हन्ट्समैन से जुड़े इस विवाद को लेकर अमरीका में रह रहे गुजराती समाज में नाराजगी है। साथ ही अनाथ आश्रम ने भी इस प्रकार के मुद्द को विवाद बनाने पर आपत्ति जताई है।


उल्लेखनीय है कि साल के अंत में अमरीका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। हन्ट्समेन के चार बच्चे हैं। वे भारत-चीन से बच्चों को दत्तक लेने की वजह से विवादों का सामना कर रहे हैं। वैसे, अमेरिका में ऐसे ही विवाद के चलते जॉन मैकने जॉर्ज बुश के मुकाबले प्रमुख पद पर दावा हार चुके हैं। उन्होंने साल 2000 में बांग्लादेश से एक बच्ची को दत्तक लिया था।


क्या है विवाद की वजह :


बात साल 2006 की है। अमरीका के उटाह राज्य के तत्कालीन गर्वनर जॉन हन्ट्समेन व उनकी पत्नी मेरिका ने गुजरात के नडियाद स्थित मातृछाया अनाथ आश्रम से कनक नामक एक साल की बच्ची को गोद लिया था। इसके लिए वे सपत्नी भारत आए थे और आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की थीं। बाद में इसका नामक आशा भारती रखा। तब हन्ट्समेन ने कहा था कि अंग्रेजी, जर्मनी, जापानीज, स्पैनिश, चाइनीज एवं लैटिन भाषाओं में आशा का अर्थ ‘होप’ होता है। मनुष्य जीवन में आशा की एक किरण भी हर समस्या का समाधान करने में सक्षम होती है।


लालन-पालन न हो राजनीतिक मुद्दा :


मातृछाया अनाथ आश्रम की निदेशक सिस्टर बेनिटा ने उक्त विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उनका कहना है कि बच्चे के लालन-पालन को राजनीतिक कारण बनाया जा रहा है। यह अनुचित है। मातृछाया के पास भारत सरकार की सेंट्रल एडॉप्शन रिसरेस अथॉरिटी का लाइसेंस है। अमरीका की चिल्ड्रन हाउस इंटरनेशनल नामक संस्था के माध्यम से हमें मेरिका का आवेदन मिला था।

 

Thursday, January 12, 2012

Microsoft eclipses Yahoo in US search for 1st time


San Francisco: Microsoft Corp. has finally reached a long-sought and expensive goal — its Bing search engine now ranks second behind Google in the Internet's most lucrative market.


Bing and Microsoft's other websites fielded 2.75 billion search requests in the US during December, catapulting in front of Yahoo Inc. for the first time in the jockeying for runner up to Google Inc., according to statistics released Wednesday by comScore Inc.

Bing's December volume translated into a 15.1 percent share of the US search traffic, comScore said. Yahoo processed 2.65 billion search requests, representing 14.5 percent of the US market.

Google remained Internet's go-to place for information, with 12 billion US requests in December. That works out to a 65.9 percent market share.

Other research firms track the Internet search market. But comScore's numbers matter the most to industry analysts and the companies trying to attract queries so they can make more money from the ads that appear alongside the results. Google's dominance of online search is the main reason it has established itself as the Internet's most profitable company.

Analysts have expected Microsoft and Yahoo to flip-flop their positions in Internet search since they announced a partnership in July 2009. The 10-year agreement has enabled Yahoo to save money by relying on Microsoft to provide the bulk of its search technology.

Microsoft wanted the deal so it would have billions more search requests to analyze each year, giving it a better chance to learn about people's tendencies and preferences.

Pursuing Google has come at a huge cost for Microsoft, which still makes most of its money from the Windows operating software and other software it sells for personal computers. Microsoft's online division, which is anchored by Bing, has suffered operating losses of about $7 billion since June 2008.


Even though it leans heavily on Microsoft's technology, Yahoo hasn't totally abandoned search. It still offers some unique features within its results in hopes of persuading more people to search on its website instead of going directly to Bing. The main reason: Yahoo still gets 88 percent of the ad revenue from searches conducted on its website and receives nothing from queries entered on Bing.

The efforts haven't been enough to prevent a steady slide in searches at Yahoo. The company's share of the US search market stood at about 19 percent when it joined forces with Microsoft, according to comScore. Meanwhile, Microsoft's market share has climbed from roughly 9 percent.

Yahoo's eroding search share is one of the reasons that its revenue has been falling during the past three years, causing a downturn in its stock price, too. The company just hired Scott Thompson to become the fourth CEO in the past five years to attempt a turnaround at Yahoo.

"Scott Thompson has his work cut out for him," Citigroup analyst Mark Mahaney wrote in a research note breaking down comScore's latest search statistics.

Now, smart fridge that tells you what to buy


Sydney: LG has unveiled a voice-controlled fridge that helps you diet and keeps track of your groceries, as well as ovens and washing machines that can be controlled via smartphone.


LG’s Smart Refrigerator, released at the Consumer Electronics Show in Las Vegas, comes with a “food management system” that allows users to check what’s in their fridge from their smartphone, with granular details right down to the expiration date, the Syney Morning Herald reported.

There are multiple ways to tell the fridge what items are inside. One way is to select from a range of preset items using the fridge’s touchscreen but there is also voice recognition and the ability to scan grocery receipts or barcodes using your smartphone.

The Smart Refrigerator also includes a “health manager”, which will tell you recipes for things you can make based on what is in your fridge and the personal profiles of family members.

It takes into account age, gender, weight and body mass index to develop daily or weekly meal plans based on personal profiles, says LG.


Users can also order food directly from the touch screen on the fridge, but for such a feature to work LG would need to form partnerships with the big grocery chains.

LG’s smart fridge also interacts with LG’s “Smart Oven” and if you use the fridge to select a recipe of something to cook, it can automatically send the relevant information and settings to the oven.

On the other hand the company’s Smart Washing Machine can download new washing cycle programs from the internet such as “super rinse” and “baby sanitise”.

The best part is that LG’s smart oven, fridge and washing machine can be monitored – and controlled - remotely from a smartphone or TV set, regardless of the user’s geographical location.

भारत से नौकरियां छीनेंगे ओबामा!


वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने अपने देश में बेरोजगारी दूर करने के लिए अपने देश के उद्योगपतियों से अपील की है। ओबामा ने कहा है कि अमेरिकी कंपनियां विदेशों में फैक्‍ट्री लगाकर रोजगार देने की बजाय अपने देश के लोगों को रोजगार देने का काम करें।  

अमेरिकी राष्‍ट्रपति की अपील के बाद अमेरिकी कंपनियों ने चीन, जापान और मैक्सिको से अपना बोरिया बिस्‍तर समेटना शुरू कर दिया है। फोर्ड ने मैक्सिको से अपनी फैक्‍ट्री हटाकर  मिशिगन में शुरू करने पर काम चालू कर दिया है।   

ओबामा की इस अपील के बाद भारत में भी नौकरियों पर संकट हो सकता है। भारत में भी फोर्ड की फैक्ट्रियां हैं। यदि कंपनी यहां काम बंद या उत्‍पादन घटाती हैं तो नौकरियों की दिक्‍कत शुरू हो सकती है। अमेरिकी कंपनियां यदि भारत से भी अपना बोरिया बिस्‍तर समेटना शुरू कर लें तो यहां के लोगों के लिए एमएनसी में रोजगार के मौके कम हो जाएंगे। 

'खेल में एंटर हुई राजनीति ने श्रीलंकाई चीतों को किया 43 रन पर ढेर'


कोलंबो. दक्षिण अफ्रीका में टीम की शर्मनाक हार के बाद श्रीलंकाई खेल मंत्री महिंदानंदा अलुथमगे ने इस प्रदर्शन के लिए क्रिकेट बोर्ड में चल रही राजनीति को जिम्मेदार ठहराया है। श्रीलंका दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में महज 43 रन पर ऑल आउट हो गई।

2011 वर्ल्डकप की उप-विजेता टीम की ऐसी दुर्गति पर खेल मंत्री बेहद नाराज हैं।

उल्लेखनीय है कि बुधवार रात हुए वनडे में श्रीलंका टीम रिकार्ड 258 रन से हार गई। वनडे क्रिकेट इतिहास की यह तीसरी सबसे बड़ी पराजय है। श्रीलंकाई टीम 302 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए महज 20.1 ओवर में सिमट गई।

श्रीलंकाई टीम के चार बल्लेबाज शून्य पर आउट हुए। कोसला कुलसेखरा ने सर्वाधिक 19 रन बनाए। शेष 10 बल्लेबाज 10 का आंकड़ा तक नहीं छू सके।

बेहद सस्ती है बजाज की यह छोटी कार



नई दिल्लीः बजाज की छोटी कार आरई60 ऑटो एक्सपो के पहले लांच हो गई थी और उसने सबसे ज्यादा लोगों को आकर्षित किया। यह कार शहरों और भीड़भाड़ वाले इलाकों के लिए उपयुक्त है।



2008 में बजाज ऑटो ने इसका कॉन्सेप्ट मॉडल पेश किया था लेकिन बाद में इस पर कांम धीमा हो गया था लेकिन पिछले साल से कंपनी ने इस पर चुपचाप काम शुरू किया जिसका नतीजा है यह कार। अपने आरऐंडडी से कंपनी ने एक हल्की-छोटी कार पेश करने में सफलता पाई।



यह कार बहुत ही कम पॉल्यूशन पैदा करती है और सबसे बड़ी बात है कि एक लीटर में 60 किलोमीटर की माइलेज देती है। यह 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। इसमें चार सवारियां बैठ सकती हैं।



लेकिन सबसे बड़ी बात है इसकी कीमत। बताया जा रहा है कि इसकी कीमत सवा लाख रुपए के आस पास होगी। यानी नैनौ से कम।

अमेरिकी सैनिकों ने आतंकियों की लाश पर किया पेशाब!


अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों द्वारा तालिबानियों के शव पर पेशाब करने से जुड़ा सनसनीखेज वीडियो सामने आया है। वीडियो सामने आने के बाद अमेरिकी नौसेना ने जांच का भरोसा दिया है।

यू ट्यूब पर यह वीडियो 11 जनवरी को ही पोस्‍ट किया गया है लेकिन इसमें यह नहीं पता चलता है कि यह वीडियो किस तारीख को शूट किया गया है। इस वीडियो में अमेरिकी मरीन कोर की वर्दी पहने चार लोगों को तीन तालिबानियों के शव पर पेशाब करते हुए दिखाया गया है। इनमें से एक शख्‍स मजाक में कहता है, ‘हैव ए नाइस डे, बडी।’

मरीन कोर का कहना है, ‘हमने अभी इस वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं की है लेकिन इस तरह की घटना हमारे नैतिक मूल्‍यों के खिलाफ है। इस मामले की पूरी जांच की जाएगी।’

इस वीडियो के चलते अफगानिस्‍तान में अमेरिकी लोगों और सैनिकों के खिलाफ स्‍थानीय लोगों की भावनाएं भड़क सकती हैं। ‘आतंक के खिलाफ जंग’ में शामिल अमेरिकी सैनिकों पर पहले से ही दुर्व्‍यवहार के आरोप लगते रहे हैं। यह वीडियो ऐसे समय आया है जब अमेरिका अफगानिस्‍तान में शांति बहाली की उम्‍मीद करते हुए अपने सैनिकों को यहां से धीरे-धीरे हटाने की तैयारी में है।



Wednesday, January 11, 2012

Twitter lashes out at Google search changes


San Francisco: Twitter lashed out at changes Google Inc unveiled for its search engine on Tuesday, describing the changes as "bad" for consumers and for Web publishers.

Twitter, a microblogging service which allows its users to broadcast short, 140-character messages to groups of "followers," said Google's changes would make it tougher for people to find the breaking news often shared by users of its service.


"As we've seen time and time again, news breaks first on Twitter; as a result, Twitter accounts and Tweets are often the most relevant (search) results," the company said in a statement.

"We're concerned that as a result of Google's changes, finding this information will be much harder for everyone. We think that's bad for people, publishers, news organizations and Twitter users," the statement continued.

Twitter's criticism, which came hours after Google announced new features aimed at making search results more personalized, underscored the growing competition between the Web companies. And it comes at a time when Google is facing antitrust scrutiny for favoring its own services within its search results.

A Twitter spokesperson declined to answer a question about whether the company might reach out to antitrust regulators about Google's changes.


Google did not immediately respond to a request for comment.

A 2009 agreement, allowing Google to offer a real-time feed of Twitter messages within its search results, expired in July.

Google launched a social network, dubbed Google+, in June that offers many of the capabilities available in Twitter and in Facebook.

With Tuesday's changes to Google's search engine, photos and posts from Google+ will increasingly appear within the search results.

The changes effectively create customized search results for people who are logged in to Google. A person who searches for the term "Hawaii," for example, might find private photos that their friends have shared on Google+ as well as public information about the islands.

Twitter General Counsel Alex Macgillivray, a former Google attorney, said in a Tweet on Tuesday that Google's changes "warped" Web search and represented a "bad day for the Internet."

Now more personal search results on Google


San Francisco: Google is now more closer to you than ever before. The world’s most popular search engine has now started including more personal information in its results, like photos and commentary on its social networking site Google Plus.

It has always been Google’s endeavour to add personal touches to its search results. And the search engine giant aims to, one day, have enough information about each of its users so that it can produce results that meet the requirements of each person looking for something.

With the ‘personalisation’ of search results set in motion on Tuesday, it is expected that different people would now receive different search results every time the Google. Google's main search results page also will start highlighting more content from an older online photo service called Picasa.


Facebook and Twitter pose a threat to Google because they don't allow Google's search engine to log the avalanche of photos, links and observations tumbling through those services. That's troublesome to Google because its search engine could become less useful if its system can't analyze what people are signaling is important to them so those preferences can be factoring into the results.

Google is tackling that challenge with an addition to its results called "Search, plus your world".

The feature was automatically turned on beginning Tuesday for all English-language searches made by users logged into Google. Turning off the personal results permanently will require changing a setting in Google's personal preferences. The personal results can also be excluded on a search-by-search basis by clicking on an icon of the globe on the results page (the personal results will be denoted by a button featuring a human's silhouette).


If the new formula works as Google expects, the search results will include pertinent information culled from the requestor's Plus account. For instance, a query about the San Francisco 49ers might include links and comments made about the football team by other people in one of the social circles on the user's Plus account. A search request that includes the name of a dog owned by the user or a friend might turn up photos of the pet that have been posted on Plus and Picasa.

"This is going to open up a whole new avenue in search," said Ben Gomes, a Google fellow.

Google isn't the first to do this. Microsoft Corp's Bing search engine has been mining some of the preferences and other information shared on Facebook since May. But Google's emphasis on more personal results figures to attract more attention because its search engine is so dominant. It handles about two-thirds of the Internet search requests made in the US while Bing processes less than one-third, including the activity that it comes through a partnership with Yahoo Inc.

सनसनीखेज सर्वे: भारत से खत्म हो जाएंगी कॉल सेंटर कंपनियां !



जी हां, सर्विस सेक्टर भारत के जीडीपी में 51 फीसदी योगदान देता है लेकिन अब इसका अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है यह हम नहीं बल्कि एसौचेम का सर्वे कह रहा है। ये कंपनियां भारत को छोड़कर दूसरे देशों की ओर रुख कर रही हैं। इनमें फिलीपींस का नाम सबसे आगे है। एसोचैम के सर्वे की माने तो बंगलुरु और हैदराबाद की मध्य दर्जे की आईटी/बीपीओ कंपनियां फिलीपींस की ओर रुख कर रही हैं। भारत में महंगा इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजनेस चलाने कामहंगा खर्च और स्किल्ड लेबर की कमी इन कंपनियों को दूसरे देशों की ओर आकर्षित कर रही हैं। एसोचैम के सर्वे में यह बात सामने आई है कि भारत का आईटी क्षेत्र धीरे-धीरे अपनी चमक को रहा है।
एसोचैम के सस्टेनिंग इंडिया सर्वे में यह कहा गया है कि माइक्रोइकोनॉमिक कंडीशन के कारण आईटी और बीपीओ कंपनियां फिलीपींस की ओर रुख कर रही हैं खासकर हैदराबाद और बंगलुरु में यह ट्रेंड ज्यादा देखने को मिल रहा है। हांलाकि दिल्ली, मुंबई और पुणे में अभी इस तरह के चलन ने जोर नहीं पकड़ा है। भारत हमेशा से ही बीपीओ प्रोसेस का प्रमुख केन्द्र रहा है लेकिन धीरे-धीरे पूर्वी एशियाई देश इस क्षेत्र में भारत को मात दे रहे हैं जिनमें फिलीपींस का नाम सबसे ऊपर है।
फिलहाल बीपीओ सेक्टर का 90 प्रतिशत रेवेन्यू टायर-1 शहरों से आता हैं जहां विकास अपने चरम पर हैं और वहां इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर सभी जरुरतों पर दवाब बना रहा है जिसके लिए सरकार को टायर-2 शहरों को विकसित करने की जरुरत है लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। आपको बता दें कि आईटी कंपनियों का सेटअप ज्यादा भारी नहीं होता और इन्हे एक जगह से दूसरी जगह स्थापित करने में भी ज्यादा समय नहीं लगता इसलिए यह कंपनियां बहुत जल्दी अपना बोरिया बिस्तर समेट कर कहीं और काम शुरु कर देती हैं।



भारत को चीन, वियतनाम, पौलेंड,ब्राजील, हंगरी, मैक्सिको, इजिप्ट और फिलीपींस से कड़ी चुनौती मिल रही हैं यह देश आईटी और बीपीओ कंपनियों को बहुत सी सहूलियतों के साथ टैक्स छूट भी देते हैं इसलिए कंपनियां इन देशों की ओर आकर्षित हो रही हैं। भारत की कई एमएनसी कंपनियां तो इन देशों में अपने सेंटर स्थापित भी
कर चुकी हैं।

‘शादी नहीं होने से दुखी हैं राहुल गांधी’



नई दिल्‍ली. भाजपा ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पर निशाना साधा है। पार्टी के मुखपत्र ‘कमल संदेश’ के ताजा अंक में कहा गया है कि राहुल गांधी कुंवारा होने के चलते दुखी हैं। कमल संदेश के मुताबिक यूपी चुनावों के लिए धुंआधार प्रचार करने वाले राहुल को इसका कोई फायदा नहीं मिलता दिख रहा है।

मुखपत्र के संपादकीय में लिखा गया है, ‘उत्‍तर प्रदेश में राहुल गांधी का करिश्‍मा दिख नहीं रहा है। वह जब भी यूपी जाते हैं तो कहते हैं कि देश में युवाओं को आगे आना चाहिए। इसका साफ मतलब है कि राहुल गांधी बुजुर्ग राजनेताओं जैसे मनमोहन सिंह को संन्‍यास लेने की सलाह देते हैं। काश मनमोहन सिंह राहुल के इशारे को समझते।’

भाजपा के मुखपत्र में यहां तक लिखा गया है कि कांग्रेस के एक वरिष्‍ठ नेता ने राहुल और सोनिया गांधी के बीच गहरे मतभेद पैदा कर दिए हैं। कांग्रेस अपने उलझन में उलझी हुई है जबकि राहुल गांधी विवाह नहीं होने से दुखी हैं।’
बताते चलें, भाजपा में अटल बिहारी वाजपेयी, नरेंद्र मोदी, उमा भारती जैसे कई बड़े नेता हैं जिन्‍होंने शादी नहीं की है।  

धोनी करते रहे ऐश, पसीना बहाते रहे वीरू, हो गया झगड़ा!


पर्थ. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 0-2 से पिछड़ने के बाद अब टीम इंडिया में आपसी मनमुटाव की खबर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को वीरेंद्र सहवाग और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बीच अभ्यास सत्र को लेकर विवाद हुआ।

सहवाग चाहते थे कि टीम अभ्यास करे, लेकिन धोनी अन्य सीनियर खिलाड़ियों के साथ गो कार्टिंग के लिए चले गए (तस्‍वीरें देखने के लिए रिलेटेड आर्टिकल पर क्लिक करें)। सहवाग धोनी के इस रवैये पर नाराज हैं।

सहवाग टीम के साथ गो कार्टिंग के लिए भी नहीं गए। उन्होंने टीम होटल में ही रुककर अभ्यास के लिए जाना बेहतर समझा। सहवाग के साथ वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ भी होटल में ही रुके थे। सहवाग ने इंडोर नेट प्रैक्टिस की।

जबकि सचिन तेंडुलकर, जहीर खान, विराट कोहली और इशांत शर्मा समेत अन्य खिलाड़ी धोनी के साथ गो कार्टिंग के लिए गए थे।

इशांत ने दिखायी उंगली
इशांत शर्मा ने गो कार्टिंग से लौटते समय आस्ट्रेलियाई दर्शकों को अभद्र इशारा किया था। लेकिन क्रिकेट के मैदान से बाहर यह घटना होने की वजह से इशांत पर कोहली की तरह कोई जुर्माना नहीं लगेगा। पर्थ के एक स्थानीय दैनिक अखबार ने इशांत की तस्वीर छापी है 

मंदिर के इस 'भगवान' की कहानी बहुत दिलचस्प है भाई



ओरछा। नॉलेज पैकेज के अंतर्गत आज हम आपको ओरछा स्थित राम राजा मंदिर के पीछे की कहानी बता रहे हैं। ओरछा मध्य प्रदेश का एक प्रमुख धार्मिक स्थान है। यह हमेशा से पर्यटकों के केंद्र में रहा है। यहां स्थित भगवान श्रीराम का मंदिर पूरे देश में एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां वे भगवान के रूप में नहीं, बल्कि एक राजा के रूप में पूजे जाते हैं।

यहां भगवान श्रीराम की स्थापना के पीछे की एक बहुत मजेदार कहानी है। कहानी के अनुसार तात्कालीन समय में ओरछा के राजा मधुकर शाह भगवान श्रीकृष्ण के भक्त थे, जबकि उनकी पत्नी गणोशकुंवरी भगवान श्रीराम की उपासना करती थीं। वे हमेशा रानी को भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करने को कहा करते थे, लेकिन रानी तो श्रीराम का ही नाम जपते रहती थीं।

एकबार उन्होंने यह मन बना लिया कि वे ओरछा में भगवान श्रीराम की स्थापना करेंगी। इसके लिए उन्होंने अयोध्या जाकर उपासना करने का मन बनाया। एक दिन वे राजा को बिना बताए, अयोध्या के लिए निकल गईं। अयोध्या के लिए प्रस्थान करने से पहले उन्होंने अपने नौकरों को यह आदेश दिया कि वे चतुभरुज मंदिर का निर्माण करवाएं, जहां भगवान श्रीराम की स्थापना की जाएगी।

अयोध्या पहुंचने के बाद रानी ने राम मंदिर में भगवान श्रीराम के लिए कई दिनों तक उपवास रखा। उनकी इस भक्ति को देखकर भगवान श्रीराम उनके सामने प्रकट हुए। इसके बाद रानी ने उन्हें अपने साथ ओरछा जाने का आग्रह किया। भगवान श्रीराम तैयार हो गए, लेकिन इसके लिए उन्होंने रानी के सामने तीन शर्ते रखीं।

1. भगवान श्रीराम ने कहा कि वे ओरछा बाल रूप में जाएंगे।
2. ओरछा पहुंचने के बाद वहां न कोई राजा होगा और न कोई रानी।
3. उनकी स्थापना पुरुष नक्षत्र में होगी।

रानी ने भगवान श्रीराम की सभी शर्ते मान लीं। रानी जब श्रीराम के बालरूप के साथ ओरछा पहुंचीं, तब राजा ने धूमधाम से उनका स्वागत करने का मन बनाया। लेकिन रानी ने सभी को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद वे श्रीराम के बालरूप के साथ महल में गईं। अगले दिन जब उन्होंने भगवान राम को चतुभरुज मंदिर में स्थापित करने का शुभ मुहूर्त बनाया, तब भगवान राम ने कहा कि वे मां का दामन छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे।

इसके बाद वे महल से बाहर नहीं गए और उनकी स्थापना वहीं हो गई। इसके बाद से रानी का वही महल मंदिर के रूप में विख्यात हो गया, जो आज राम राजा मंदिर के नाम से विश्व विख्यात है।